वेतन विसंगति की एक मात्र मांग को लेकर सहायक शिक्षक फेडरेशन के बैनरतले पूरे प्रदेश के सहायक शिक्षक ११ दिसंबरअनिश्चितकालीन हड़ताल में चले गए हैं। बालोद जिला फेडरेशन के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र हरमुख ने बताया की छत्तीसगढ़ की वर्तमान भूपेश सरकार चुनाव घोषणापत्र में वेतन विसंगति को दूर करने का वादा किया था मगर तीन साल बीत जाने के बाद भी केवल आश्वासन और कमेटी बनाकर बैठ गई है,मजबूरन सहायक शिक्षकों को अपनी मांग मनवाने के लिए सड़क की लड़ाई लड़नी पड़ रही है और कमेटी द्वारा आज तक रिपोर्ट नहीं सौंपा जाना भी संशय पैदा करता है, लिहाजा सहायक शिक्षकों का आंदोलन आने वाले समय में और उग्र हो सकता है। पूरे प्रदेश में सहायक शिक्षकों की संख्या एक लाख नौ हजार है जो विभिन्न जाति वर्गों से आते हैं और अधिकांश सहायक शिक्षक गांव देहातों में कार्य करते हैं, इसलिए पालक वर्ग भी सहायक शिक्षकों के जायज मांग को समझ चुके हैं और सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाकर छत्तीसगढ़ के समस्त कर्मचारी संगठनों के साथ साथ समस्त समाज के लोग भी सहायक शिक्षकों के मांग के समर्थन में आ गए हैं, इससे सहायक शिक्षकों का हौसला बुलंद हैं क्योंकि समाज का हर वर्ग उनके समर्थन में हैं और मांग पूरा नहीं होने की स्थिति हड़ताल को लंबा खींचते हुए और उग्र करने की तैयारी कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ी क्रांति सेना-प्रदेशाध्यक्ष-अमित बघेल,गोंडवाना शासकीय कर्मचारी यूनियन (छ. ग.) प्रदेशाध्यक्ष पुनीत कुमार मण्डावी, छत्तीसगढ़ साहू समाज, प्रदेशाध्यक्ष अर्जुन हिरवानी,छत्तीसगढ़ ओबीसी महासभा प्रदेशाध्यक्ष राधेश्याम साहू, हल्बी हल्बा समाज कर्मचारी प्रकोष्ठ केंद्रीय अध्यक्षआर.एस.नायक, सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग बस्तर जिलाअध्यक्ष गंगा नाग, सतनामी समाज,छत्तीसगढ़ युवा प्रकोष्ठ प्रदेशाध्यक्ष दीपक मिरी, निषाद(केंवट)समाज अध्यक्ष आनंद निषाद,छत्तीसगढ़ प्रान्त सेन नाई समाज प्रदेश सचिव भुवन लाल कौशिक, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ प्रांताध्यक्ष डा.लक्ष्मण कुमार भारती, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ प्रांताध्यक्ष आर.एल.ध्रुव, सहस्त्रबाहु अर्जुन कलार समाज छत्तीसगढ़, प्रांताध्यक्ष दयाराम जैन, शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय संघ छत्तीसगढ़ प्रांताध्यक्ष गिरीश केशकर, जागेश्वर चंद्राकर जिला पंचायत सदस्य महासमुंद का समर्थन पत्र प्राप्त हो चुका है।
जिस तरह से छत्तीसगढ़ के समस्त कर्मचारी संगठनों और जाति ,समाजों का समर्थन प्राप्त हो रहा है इससे सहायक शिक्षकों का हौसला बुलंद होते जा रहा है और किसी भी परिस्थिति में सहायक शिक्षक फेडरेशन अपनी मांग को मनवा कर ही दम लेंगे और हो भी क्यों नहीं आखिर मुख्यमंत्री ने वादा जो किया है तो पूरा करना तो पड़ेगा ही।