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ई कामर्स कंपनी अमेज़ॉन से हो रही गांजे बिक्री.. देश भर में व्यापारियों ने विरोध करते हुए कर रहे कार्यवाही की मांग..यहाँ भी व्यापारियों ने सौपा ज्ञापन

बालोद- यूएस की अमेजॉन कंपनी के खिलाफ पूरे देश भर में व्यापारियों द्वारा विरोध शुरू कर दिया गया है। इसका असर छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में भी देखने को मिला है। प्रदेश संगठन के आह्वान पर जिले के चेंबर ऑफ कॉमर्स के व्यापारियों ने भी बालोद कलेक्टर को बुधवार को ज्ञापन सौंपकर अमेजन कंपनी के खिलाफ प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भेजते हुए कार्यवाही की मांग की गई। चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज़ बालोद द्वारा अमेज़ॉन कंपनी द्वारा कमीशन के लालच में भारतीय ई कॉमर्स प्लेटफार्म का दुरूपयोग कर प्रतिबंधित ड्रग्स बेचे जाने एवं टेक्सटाइल एवं फुटवियर पर जीएसटी दर 5% से बढ़ाकर 12% किये जाने का पुरजोर विरोध किया जा रहा है। जिसमें मुख्य रूप से बालोद चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राजू पटेल,मोहन नाहटा,भवानी अग्रवाल,स्वरूप राठी,हंसमुख टुवानी,धीरज पटेल,समीर गुप्ता,संतोष शर्मा,प्रफुल पटेल, डालेश्वर साहू ,शम्भू पटेल, संजय जैन ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया है। चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राजू पटेल सहित अन्य व्यापारियों ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन अब भी अपने पोर्टल पर उन सामानों की बिक्री कर रही है जो भारत में प्रतिबंधित है। अमेजन ने ही आंतकियों को अमोनियम नाइट्रेट सहित अन्य वो सामानों की डिलीवरी की जिसे भारत में बेचने पर पाबंदी है। इन सामानों की मदद से आंतकियों ने पुलावामा घटना को अंजाम दिया। जिससे हमारे 40 सैनिक शहीद हुए। एनआइए की जांच में इसका खुलासा हो चुका है। वहीं, अब अमेजन भारत में प्रतिबंधित मारिजुआना (गांजा) की होम डिलीवरी कर रहा है।

विशाखापट्टनम में पकड़ा गया गांजा

पुलिस ने अब तक मध्य प्रदेश के भिंड और विशाखापट्टनम में अमेजन द्वारा अवैध रूप से गांजा बेचने की जानकारी मिल चुकी है। 20 नवंबर को ही विशाखापट्टनम की पुलिस ने 48 किलोग्राम गांजा बरामद करते हुए एनडीपीएस अधिनियम 1985 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। साथ ही दो डिलीवरी ब्वॉय को भी गिरफ्तार किया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश की पुलिस भी 17 किलोग्राम गांजा बरामद कर चुकी है। कैट ने भिंड व विशाखापट्टनम पुलिस से एनडीपीएस अधिनियम की धारा 38 के तहत माममला दर्ज करने की मांग की है।

अमेजन बन चुकी है गांजा कंपनी

व्यापारियों ने अमेज़न को गांजा कंपनी बताते हुए सरकार से मांग की कि अमेज़न द्वारा लगातार की जा रही अवैध बिक्री के पैमाने को ध्यान में रखते हुए तुरंत इसके भारतीय ऑपरेशन को निलंबित कर देना चाहिए। साथ ही अवैध रूप से माल बेचने के लिए अमेजन के संचालक को भी निलंबित करना चाहिए। साथ ही कंपनी और उनके अधिकारियों पर देशद्रोह का मुकमदा दर्ज किया जाना चाहिए। इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह से तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया है। साथ ही वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से भी तत्काल ई-कॉमर्स नियम, ई-कॉमर्स नीति और एफडीआई नीति के प्रेस नोट नंबर 2 की जगह नया प्रेस नोट जारी करने का आग्रह किया है ताकि भारत में ई-कॉमर्स कंपनियों के आचरण को विनियमित किया जा सके।

दूसरी ई-कॉमर्स कंपनियों की कार्य प्रणाली की भी हो जांच

कैट ने केंद्र सरकार से अमेज़न सहित दूसरी सभी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के व्यापार मॉडल की गहन जांच करने का आग्रह किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ई-कॉमर्स पोर्टल पर प्रतिबंधित वस्तुओं या राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की कोई बिक्री या संचालन तो नहीं किया जाता है। साथ ही प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निषिद्ध वस्तुओं की बिक्री में शामिल बाज़ार संस्थाओं की जवाबदेही तय की जानी चाहिए। देश में किसी विशिष्ट कानून के अभाव में ई-कॉमर्स कंपनियां अवैध गतिविधियों का संचालन कर ई-कॉर्स व्यवसाय के खोखलेपन को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि न केवल केंद्र सरकार बल्कि राज्य सरकारों की भूमिका सवालों के घेरे में है। इस सनसनीखेज मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों द्वारा रखी गई चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। यह अत्यंत खेद की बात है कि इस तथ्य के बावजूद कि कैट और अन्य संगठनों ने गंभीर शिकायतें की हैं लेकिन किसी ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया है। व्यापारियों ने यह भी कहा कि अब ई-कॉमर्स व्यवसाय के प्रस्तावक कहां हैं जो इन कंपनियों को लाभ देने में जोर-शोर से लगे थे और अब इस गंभीर मुद्दे पर चुप क्यों हैं।

पीएम मोदी के नाम दिया है ज्ञापन, यह लिखा है उसमें

 

नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री भारत सरकार नई दिल्ली के नाम से दिए ज्ञापन में लिखा गया है कि हम आपका ध्यान देश की सुरक्षा से जुड़े बेहद संवेदनशील और महतवपूर्ण मुद्दों में से एक की ओर आकर्षित करना चाहते हैं जो इन दिनों सुर्खियों में है, दरअसल ये मामला यूएस की कंपनी अमेज़ॅन के ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से गाँजा जैसे नशीले पदार्थों की खुलेआम बिक्री का है, जिसका खुलासा मध्य प्रदेश की बेहद प्रतिभाशाली पुलिस टीम ने हाल ही में किया है। इसी क्रम में भिंड जिले की मध्य प्रदेश पुलिस ने दिनांक 20 नवम्बर.2021 को एक और ऑपरेशन किया जहां से और 17 किलो गांजा बरामद किया गया जिसे अमेज़न ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से बेचा गया था. एक अन्य छापेमारी में मप्र पुलिस की सूचना के आधार पर विशाखापत्तनम पुलिस ने 48 किलो गांजा जब्त किये जिसको अमेजन के ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिए बेचा गया था । मध्य प्रदेश पुलिस ने जांच के बाद इस मामले में अमेजन के कार्यकारी निदेशकों को आरोपी बनाया है आश्चर्यजनक रूप से, यह भी पता चला कि आतंकवादी संगठनों द्वारा बम बनाने के लिए आवश्यक रसायन भी अमेज़ॅन के ई-कॉमर्स पोर्टल से प्राप्त किए गए थे, जिनका उपयोग पुलवामा हमले में किया गया था जिसमे हमारे 40 सीआरपीएफ जवान शाहिद हो गए थे। यह भी पता चला है कि अमेज़ॅन ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से खरीदे गए कुछ रसायनों को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था बावजूद इसके प्रतिबंधित पदार्थों की बिक्री अमेज़न के ई पोर्टल पर जारी है। हमें आपको यह जानकारी देते हुए अत्यधिक खेद हो रहा है कि पर्याप्त सबूत होने और इतने स्पष्ट मामले के बावजूद, अब तक इस कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है जो इस तरह की सभी अवैध गतिविधियों में शामिल है। यह संबंधित कानूनों का स्पष्ट उपहास है। चूंकि गाँजा और प्रतिबंधित वस्तुएं ई-कॉमर्स के माध्यम से बेची जा रही हैं, इससे हम यह सोचने को मजबूर है कि भारत में अब अपनी व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन करने वाले ई-कॉमर्स पोर्टल पर विभिन्न अन्य अवैध गतिविधियां या राष्ट्र विरोधी गतिविधियां भी चलाई जा सकती हैं। व्यापारियों ने ज्ञापन में प्रधानमंत्री मोदी को लिखा है कि आपकी जानकारी में यह भी लाया जाना आवश्यक है कि इन ई-कॉमर्स कम्पनियों की वर्तमान व्यावसायिक प्रथाएं बड़ी मात्रा में कर चोरी में लिप्त हैं और इससे केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को जीएसटी राजस्व का भारी नुकसान हुआ है।इस विषय पर मंत्रालय का ध्यान आकर्षित करने के बावजूद, वित्त मंत्रालय द्वारा इस तरह की चोरी को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। विदेशी वित्त पोषित ई-कॉमर्स कंपनियां लगातार एफडीआई नीति और नियमों का उल्लंघन कर रही हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने उल्लंघन की जांच करने के लिए कोई पहल नहीं की है, तो कोई कार्रवाई करने की उम्मीद करना ही बेकार है। हमें आश्चर्य है कि आपके नेतृत्व में, प्रशासनिक व्यवस्था ऐसे गंभीर मुद्दों के प्रति ऐसे नीरस दृष्टिकोण नजरिया कैसे दिख सकती है, जिसका देश की सुरक्षा और भारत के खुदरा व्यापार पर अधिक प्रभाव पड़ रहा है।हम इस मामले में आपके तत्काल सीधे हस्तक्षेप करने के लिये अनुरोध करने को मजबूर हुए है और आपसे आग्रह करते है कि संबंधित अमेज़ॅन के अधिकारियों को गिरफ्तार करने और अमेज़ॅन के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने का जल्द निर्देश दिया जाय। अमेज़न जैसी कंपनियों के साथ कोई असाधारण और लचीला व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। हम आपसे यह भी अनुरोध करते हैं कि आप उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को लंबे समय से लंबित ई-कॉमर्स नियमों को अधिसूचित करने और वाणिज्य मंत्रालय को ई-कॉमर्स नीति जारी करने और एफडीआई नीति के प्रेस नोट 2 की जगह एक नया प्रेस नोट जारी करने का निर्देश दें।

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