बालोद-छतीसगढ़ सयुक्त अनियमित महासंघ का अहम बैठक रविवार को रायपुर में रखी गई हैं।बैठक में मांगो को लेकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। छतीसगढ़ सयुक्त अनियमित महासंध के पदाधिकारियों ने कहा कि पंजाब सरकार ने दीपावली के बाद विधानसभा के विशेष सत्र में पंजाब प्रदेश के 36000 अनियमित कर्मचारियों को “पंजाब प्रोटेक्शन एंड रेगुलराइजेशन ऑफ कांट्रेक्चुअल एम्पलाई बिल 2021” पास करके नियमितीकरण की सौगात दे दी है। लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार अपने जन घोषणा पत्र में किए वादे के अनुरूप नियमितीकरण को पूरा नहीं कर पाई है, आगामी माह में सरकार को बने 3 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे, हम सरकार से मांग करते हैं कि आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा में पंजाब सरकार की तरह अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए बिल पास करें और नियमितीकरण की सौगात दें।
3 वर्षो में सरकार के एक कमेटी बनाकर पल्ला झाड़ ली
सूरज सिंह ठाकुर, अजित नाविक कार्यकारी अध्यक्ष ने बताया कि 10 दिन में नियमित करने वाली सरकार ने विगत लगभग 3 वर्षो में शासन के एक कमेटी बना कर अपना पल्ला झाड़ ली है| कमेटी एक बैठक के अतिरिक्त कुछ नहीं किया| अद्यतन उनके द्वारा सरकार को रिपोर्ट भी नहीं सौंपी है| चर्चा हेतु माननीय मुख्यमंत्री, मुख्यसचिव, कमेटी के अध्यक्ष से बार-बार मिलने समय मांगने पर भी कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है| कुल मिलाकर शासन-प्रशासन प्रदेश के लाखो अनियमित कर्मचारी के प्रति संवेदनशील नहीं है बल्कि उल्टा हजारो अनियमित कर्मचारियों की छटनी की जा रही है| सरकार के इस रवैया से प्रदेश के लाखो अनियमित कर्मचारी व्यथित एवँ आक्रोशित है|छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़पाले ने कहा है कि सरकार महासंघ की मांगों पर विचार नहीं करती है तो महासंघ को मजबूरन 30 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल की ओर कदम बढ़ाना होगा।
प्रेम प्रकाश गजेन्द्र उपाध्यक्ष, श्रीकांत लस्कर सचिव ने कहा कि उपरोक्त वर्तमान परिपेक्ष्य में समग्र चर्चा एवँ निर्णय लेने हेतु महासंघ अपने सहायक अनियमित संघो की बैठक 21 नवंबर को रायपुर में आयोजित किया है तथा समस्त अनियमित संघों के पदाधिकारियों से बैठक में आवश्यक रूप से सम्मिलित होने अपील की |