बालोद-प्रधानमंत्री द्वारा पीएम आवास योजना इस विचार को ध्यान में रखकर चालू की गई थी कि सभी लोगों के सिर पर छत हो और प्रत्येक गरीब परिवार पर पक्का मकान हो। लेकिन जिम्मेदार सिस्टम में बैठे अधिकारियों की गैरजिम्मेदाराना रवैय्ये और लापरवाही की चलते आदिवासी युवक फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। ऐसी ही एक घटना गुरुर के कोचवाही के अमली पारा में हुई। जहां प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा 3 साल में भी नहीं आने के कारण शीत कुमार नेताम 26 वर्ष ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जंगल में उसने फांसी लगाई थी। जानकारी के अनुसार मृतक शीत कुमार नेताम के पिता का निधन हुआ तो नॉमिनी में किसी का नाम नहीं था इस वजह से शुरुआत में अगला क़िस्त जारी नहीं हुआ।मृतक को आएदिन साहूकारों द्वारा पैसा देने के लिए दवाब बनाया जाता था। इससे तंग आकर शीत कुमार ने आत्महत्या कर ली। मृतक अपने परिजनों को लेकर किसी दूसरे के मकान में रहकर गुजर बसर कर रहे थे।
मृतक के पिता को केवल एक किश्त जारी हुआ पीएम आवास
जानकारी के अनुसार दो साल पूर्व, पूर्व सरपंच भुनेश्वरी यादव के कार्यकाल वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री आवास मिला था। लेकिन तीन साल गुजर जाने के कारण अभी तक उन्हे राशि नहीं मिला है। प्रधानमंत्री आवास में मात्र उन्हे एक किश्त 25हजार रुपये मिला है बाकी अभी तक रुका हुआ है। सामग्री वाले उन्हे बार बार राशि मांगने घर में आता था। शीत कुमार नेताम सामग्री वाले को कहता था जब राशि मिलेगा तो आपके सामग्री की राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। लेकिन तीन साल गुजर जाने के कारण सभी लोग परेशान थे। कई बार जनपद के चक्कर लगाते थक गये थे। जिसके कारण आत्महत्या करने मजबूर हो गये और जंगल मे जाकर आत्महत्या कर लिया। तीन साल पहले उनके पिता का निधन हो गया था। अब केवल उनकी मां है।
सरपँच ने सिस्टम पर नाराजगी व्यक्त की
सरपंच केकती सिन्हा ने भी सिस्टम के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को इस और ध्यान देना चाहिए। मृतक शित कुमार नेताम उम्र 26 वर्ष के पिता की मौत पहले बीमारी की वजह से हो चुकी थी। उस समय आवास उनके पिता के नाम से स्वीकृत है। तब से सिर्फ एक ही क़िस्त जारी हुआ था। बांकी कोई क़िस्त तो नहीं आया था। कर्ज लेकर उधारी में उनका बेटा मकान बनवाया था। कर्जदार उसे पैसा देने तंगा रहे थे। मैंने भी अपने स्तर पर बहुत प्रयास किया पर पैसा आया ही नहीं।