बालोद(नरेश श्रीवास्तव)-जिले के महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अन्तर्गत गठित स्व-सहायता समूहों द्वारा विगत 02 वर्षो से बालोद दीपक ब्रांड नाम से गोबर दिये निर्मित दिये बनाये जा रहे है गोबर के दिये के साथ-साथ मिट्टी के दिये, ॐ, श्री स्वास्तिक, शुभ-लाभ, हवन कुण्ड आदि भी बनाया जा रहा है।
शासकीय कार्यलयों में स्टाल लगाकर व लोकल बाजारों में गोबर के दिए विक्रय करने की योजना
गोबर से निर्मित दिये एवं अन्य सामग्रियों में बालोद जिले के 6 स्व-सहायता समूहों के 36 महिलाएँ संलग्न है जिले के सभी विकासखण्डों में यह कार्य किया जा रहा है। इसके विक्रय हेतु जिला प्रशासन द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया रहा है। साथ ही सभी शासकीय कार्यालयों में स्टॉल लगाकर एवं लोकल बाजारों में विक्रय कराने की योजना है। ग्राम डढ़ारी के कल्याणी स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती ममता निषाद ने बताया की गोबर की दिये की गुणवत्ता अच्छी होने से स्थानीय बाजार के साथ-साथ अन्य जिले से भी ऑर्डर प्राप्त हो रहा है हमारे द्वारा बस्तर में 14 हजार एवं धमतरी में 5 हजार रू. के दिया भेजा गया है।
इस वर्ष 5 लाख रुपये के दिए बेचने रखा गया लक्ष्य
राष्टीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सहायक परियोजना अधिकारी नितेश साहू ने बताया कि जिले में गतवर्ष 1.00 लाख गोबर के दिये का लक्ष्य रख कर कार्य करते हुए 2.00 लाख रूपये का विक्रय किया गया था इसी प्रकार इस वर्ष भी लक्ष्य रखकर दियों का निर्माण कराया जा रहा है। दिया निर्माण का कार्य ग्राम डढारी, कन्हारपुरी, हितेकसा, धनोरा, मासुल, खर्रा, गुजरा आदि ग्रामों के स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा हैं। गतवर्ष जिला कलेक्टर जन्मेजय महोबे द्वारा बालोद दीपक” ब्रांड से इसे विक्रय करने का सुझाव महिलाओं को दिया गया जो काफी लोकप्रिय हुआ।
इस वर्ष भी लगभग 5.00 लाख रु. दिये आदि का विक्रय करने का लक्ष्य रखा गया है। जिला प्रशासन द्वारा महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों के बेहतर मार्केटिंग हेतु सतत् प्रयास किया जा रहा है इसके लिए “बालोद बाजार महिला बहुउद्देश्यीय सहकारी संस्था का गठन भी किया गया है इसके अंतर्गत निर्मित उत्पादों के विक्रय हेतु ग्राम सिवनी में बालोद बाजार रिटेल शॉप की शुरूआत बहुत जल्द किया जाना है।