विधायक ने स्थानीय लोगो से की मुलाकात
विधायक संगीता सिन्हा ने बताया कि यहां चारों तरफ हरियाली और प्राकृतिक वादी नजर आती है। इस दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों से भी मुलाकात की। एक वक्त ऐसा भी आया जब वह स्थानीय दंपति से मिल रही थी तो एक महिला ने कहा कि मैं तो आपको पहचानती हूं, यह सुनकर विधायक संगीता सिन्हा हैरान रह गई। जब हमने पूछा कि कैसे पहचानती हो। तो महिला ने जवाब दिया कि मैंने आपको टीवी न्यूज़ चैनल में देखा है। यह जवाब सुनकर संगीता को बहुत खुशी और हैरानी भी कि अरुणाचल प्रदेश तक के लोग तक भी कैसे उनकी शख्शियत की पहचान है। स्थानीय दंपत्ति के संस्कृति से भी वह अवगत हुई और उन्होंने दंपत्ति के पास रखे एक तलवार के बारे में भी जानकारी ली। जिन्हें वहां की स्थानीय भाषा में दाऊ कहते हैं। यह दाऊ, तलवार हर परिवार के पास होता है और इसे रखना वहां की संस्कृति का हिस्सा है।
पूरे अरुणाचल राज्य में, देशी लोगों को उनके गले में एक लंबा खंजर पहने हुए देखा जाता है, जो उनकी कमर के साथ नीचे लटकता है। खंजर को बांस से बने म्यान में रखा जाता है और इसे ‘दाऊ’ के नाम से जाना जाता है। इस राज्य मेंदाऊ पहनना स्वाभिमान का विषय है और समाज सेवा का प्रतीक है। राज्य में घने वनस्पति आवरण और बड़ी संख्या में जंगली जानवरों की उपस्थिति सुनिश्चित करती है कि यात्रा करने वाले किसी भी व्यक्ति को अपने साथ ऐसा हथियार रखना होगा। और जो नहीं करते हैं, उनके लिए अन्य लोग जड़ी-बूटियों और झाड़ियों को काटकर और सांप आदि को मारकर घने जंगल आदि में रास्ता बनाने की अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं। राज्य में सभी जनजातियों के लोगों द्वारा दाऊ पहनना यह दर्शाता है कि इसका सांस्कृतिक से अधिक रक्षात्मक महत्व है।