बालोद-गुरुवार को शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है। देवी मंदिरों में आस्था के ‘योति कलश एवं माता की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। नवरात्र को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह है। शहर सहित ग्रामीण अंचलों में क्वार नवरात्रि की तैयारी पूरी हो गई है। देवी मंदिरों को रंगरोगन कर रोशनी से सजाया गया है। गांवों में दुर्गा समिति द्वारा देवी मूर्ति स्थापित करने के लिए पंडाल बनाया गया है।देवी मंदिरों सहित दुर्गा पंडालों में नवरात्र पर प्रतिदिन माता सेवा, जसगीत स्पर्धा, नाट्य आदि प्रतियोगिता होगी। गुरुवार को ज्योति कलश स्थापना, 11 अक्टूबर को पंचमी पर विशेष पूजा-अर्चना एवं १4 अक्टूबर को हवन-पूजन का कार्यक्रम होगा। शहर के मां शीतला मंदिर, मां चंडी मंदिर, कपिलेश्वर, दुर्गा मंदिर, महामाया, ठाढ़ महामाया सहित अन्य मंदिरों व ग्रामीण अंचलों के देवी देवालयों, मंदिरों में होगा। बुधवार को देर रात तक मूर्तिकारों ने देवी दुर्गा प्रतिमा को अंतिम रूप देते रहे। नगर के विभिन्न चौक चौराहों सहित ग्राम मेड़की, बघमरा, ओरमा पाररास, जुंगेरा, खैरतराई, तरौद, पसौद, खैरतराई, हीरापुर, नेवारीकला, लाटाबोड़ सहित अन्य गांवों में देवी प्रतिमा विराजेंगे।
शारदीय नवरात्रि में गंगा मैया में नही लगेगा मेला
बालोद जिले के प्रमुख धार्मिक आस्था का केंद्र झलमला के गंगा मैया मंदिर में 7 अक्टूबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र में मेला नहीं लगेगा। इसके अलावा किसी प्रकार का धार्मिक कार्यक्रम भी नहीं होगा। भक्तों की एंट्री होगी लेकिन परिसर में ही खड़े होकर देवी दर्शन दूर से ही कर सकेंगे।जहां अंदर माता की मूर्ति स्थापित है, वहां किसी की एंट्री नहीं होगी सिर्फ आरती के दौरान सुबह व शाम मंदिर समिति के पदाधिकारी शामिल हो सकेंगे।