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प्रदेश में मॉडल स्कूल के दावों के बीच बालोद जिले के जर्जर स्कूले खोल रही सरकारी दावों के पोल…जर्जर स्कूलो से कैसे सुधरेगी बच्चो का भविष्य

बालोद- गुंडरदेही विकाखण्ड अंतर्गत दर्जनों शाला भवन जर्जर हो गया है। इसके बावजूद जर्जर भवन की मरम्मत व नवनिर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है। स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर जर्जर स्कूल भवन में पढ़ने पर मजबूर हैं। वहीं अब पालक भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतराने लगे हैं।

गिरने लगा छत और प्लास्ट

ब्लाक मुख्यालय गुंडरदेही से 12 किलोमीटर दूर ग्राम डोंगीतराई के शासकीय प्राथमिक शाला व शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला भवन पूरी तरह जर्जर हो गया। स्कूल भवन जर्जर होने के कारण छत के प्लास्टर गिरने लगा है। छत में लगे राड भी एक-एक कर गिर रहे हैं। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार शासकीय प्राथमिक शाला व पूर्व माध्यमिक शाला में लगभग 120 से 140 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। भवन जर्जर होने के कारण बच्चों की जान पर खतरा बना हुआ है।

शिकायत के बाद भी नही मिला आश्वासन

ग्राम पंचायत डोंगीतराई के सरपंच ज्ञानचंद शर्मा ने बताया कि भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए वर्षों से नए स्कूल भवन व वर्तमान में संचालित स्कूल भवन की मरम्मत की मांग विभागीय अधिकारी को कर चुके हैं। इसके बाद भी नए स्कूल भवन का निर्माण तो दूर वर्तमान में जर्जर भवन की मरम्मत भी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि पंचायत द्वारा बच्चों के बैठने के लिए कुछ हद तक कार्य किया गया है। जिसके बाद बच्चे सुचारू रूप से स्कूल पढ़ाई कर रहे हैं।

सीलन व बदबू से परेशान

ग्राम पंचायत के सरपंच ने आक्रोशित होते हुए कहा कि स्कूल भवन इस हद तक जर्जर हो गया है की बच्चे स्कूल में पढ़ाई करना भी पसंद नहीं कर रहे हैं। जर्जर भवन में सीलन होने के कारण बदबू भी आ रहा है। बच्चे स्कूल में बैठ नहीं पा रहे हैं। इस मामले को लेकर ग्रामीणों व पंचायत द्वारा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को भी अवगत करा चुके हैं। परंतु अब तक कोई आश्वासन नहीं मिला।


क्या कहते है पालक

पालकों ने आक्रोशित होते हुए कहा कि शासन-प्रशासन को जर्जर भवनों की जांच के लिए फुर्सत नहीं मिल रही है। विभागीय अधिकारी स्कूल भवनों की जांच करना भी मुनासिब नहीं समझते। पालकों ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लगभग डेढ़ वर्ष तक स्कूलों का संचालन बंद रहा। देखरेख के अभाव में अधिकांश स्कूल भवन जर्जर हो गए। वहीं, जब दोबारा स्कूल का संचालन हो तो विभागीय अधिकारी स्कूलों की जांच के बिना ही स्कूल प्रारंभ कर दिए, जिसके कारण यह समस्या हो रही है और बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने पर मजबूर हैं।

मड़ियापार का स्कूल भवन भी है जर्जर

गुंडरदेही ब्लाक मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर ग्राम मड़ियापार के स्कूल भवन जर्जर होने की खबर नईदुनिया अखबार ने प्रकाशन कर शासन प्रशासन को ध्यानाकर्षण कराया। इसके बावजूद अभी भी मड़ियापार के स्कूल भवन की मरम्मत नहीं की गई है। स्कूल भवन की मरम्मत नहीं होने के कारण बच्चे अतिरिक्त कक्ष में पढ़ाई कर रहे हैं।

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