बालोद । सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में जानकारी देने की बजाय नए नए हवाला देकर आवेदक को घुमाये जाने का एक मामला सामने आया है ऐसा ही एक मामला जिला कार्यालय वनमंडलाधिकारी बालोद वन मण्डल का है जहां भारतीय जनता पार्टी के आरटीआई प्रकोष्ठ के जिला संयोजक विनोद जैन द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6 के उपधारा (1) के तहत जानकारी प्रदान करने दिनांक 25 अगस्त 2021 को एक आवेदन विभाग में लगाया था जहां से आवेदन के एवज में आवेदन शुल्क दस रुपये नगद राशि लेकर विभागीय कर्मचारी ने बकायदा रशीद भी दी और आवेदन स्वीकार किया
तत्त्पश्चात विभाग द्वारा दिनांक 14 सितम्बर 2021 को ज्ञापन क्रमांक/सूचना/2021/5088 के माध्यम से सूचना पत्र भेजा गया जिसमें आवेदन के साथ राशि प्राप्त नही होने के कारण जानकारी देना संभव नही होना बताया गया है इस विषय पर भाजपा आरटीआई प्रकोष्ठ के जिला संयोजक विनोद जैन ने इसे विभागीय लापरवाही मानते हुए एक ज्ञापन बालोद कलेक्टर को दिया जिसमें उन्होंने बताया कि उनके द्वारा नगद राशि आवेदन शुल्क के रूप में देकर रशीद क्रमांक16596/81 ली गयी थी जिसके बाद भी विभाग द्वारा यह कहना कि राशि नही दी गयी है
कहीं ना कहीं आवेदक को गुमराह करने का अंदेशा प्रतीत होता है ज्ञापन के संदर्भ में उन्होंने बताया कि मिली गयी रशीद के फर्जी होने की जांच की मांग कर लापरवाह अधिकारी कर्मचारी पर कार्यवाही की मांग की है वहीं उन्होंने आगे बताया कि इस संदर्भ में उन्होंने शिकायत की प्रतिलिपि राज्य सूचना आयोग मुख्य सचिव छग शासन एवं संचालक/सचिव वन विभाग छग शासन को भेजी है ताकि इस तरह की लापरवाही करने वालो पर कार्यवाही हो तथा उन्होंने आवेदकों को गुमराह कर सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के प्रावधान का मजाक ना बनाने की मांग भी की है तथा उनके द्वारा दिये गए आवेदन को नियत तिथि से 30 दिवस के भीतर जवाब देने की बात कही है