बालोद- जिला मुख्यालय की जीवनदायनी तांदुला नदी भयंकर प्रदूषण के कारण दयनीय स्थिति में है।जिसके कारण बालोद शहर के 26 हजार लोग राइस मिल व शहर का गंदा पानी पीने को मजबूर है। नगर पालिका के 7 वार्डो और राईस मिल का गंदा पानी तांदुला नदी में जाने से रोकने और स्थाई समाधान करने की मांग को लेकर शुक्रवार को वार्ड वासियों व भाजपा शहर मंडल के नेतृत्व में ट्रांस्फोर्ट नगर स्थित सरार में शहर से गंदा पानी को रोकने के लिए नाले को रेत से भरी बोरियों को डालकर बंद कर दिया गया है। शहर व राईस मिल का गंदा पानी को सरार में जाने से नाले को बंद करने से पानी भर गया है। इस दौरान वार्डवासियों व भाजपा के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने नगर पालिका प्रशासन और अध्यक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया गया। वार्ड वासियों व भाजपा ने जीवनदायनी तांदुला नदी में शहर के विषावत पानी को रोकने की मांग को लेकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन तहसीलदार परमेश्वर मंडावी को सौपा गया।
तांदुला नदी में शहर व राईसमिल का गंदा पानी रोकने भाजपा शहर मंडल ने सीएमओ को दिया था ज्ञापन
जिला मुख्यालय के जीवनदायनी तांदुला नदी में शहर और राईसमिल का गंदा पानी रोकने व स्थाई समाधान करने की मांग को लेकर एक माह पूर्व भाजपा शहर मंडल ने नगर पालिका सीएमओ और पालिका अध्यक्ष को ज्ञापन सौपा था।लेकिन पालिका द्वारा तांदुला नदी में गंदा पानी को रोकने के लिए कोई ध्यान नही दिया गया जिसके कारण शुक्रवार को वार्डवासियों व भाजपा शहर मंडल ने ट्रांसपोर्ट नगर स्थित सरार में पहुचकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर सरार में नाले से आने वाले शहर व राईसमिल के गंदा पानी को रेत से भरी बोरियों नाले में डालकर पूरी तरह से बंद कर दिया है।जिसके कारण शहर व राईसमिल का गंदा पानी सरार में नही पहुच रहा है और नाले में गंदा पानी जाम हो गया है।
रेत से भरी बोरियों को नाले में डालकर सरार में आने वाले गंदा पानी को रोका
वार्डवासियों व भाजपा शहर मंडल ने ट्रांसपोर्ट नगर स्थित सरार में आ रहे गंदे पानी वाली नाले को रेत से भरी बोरियों को डालकर नाली को पूरी तरह से बंद कर दिया है।वही दूरी बार वार्डवासी व भाजपा शहर मंडल ने जीवनदायनी तांदुला नदी में शहर के विषावत पानी को रोकने के लिए कलेक्टर के नाम ज्ञापन तहसीलदार को सौपा है। शहर महामंत्री प्रदीप कोसरिया ने बताया कि बालोद शहर में अनवरत बहती जीवनदायनी तांदुला नदी जिसका निर्मल जल वर्षो से शहर वासियों की प्यास बुझाते आ रही है।वार्ड 3,4,5,6,7 ,8,11 व ग्राम हीरापुर से लेकर अनेकों गावो में निस्तारी का प्रमुख स्रोत है।बालोद शहर के नालियों व राईसमिल से निकलने वाला दृषित विषाणु एव जहरीला पानी ट्रांसपोर्ट नगर से सरार होते हुए तांदुला नदी में जा रही है।जिससे वार्डवासी व पशु पक्षियों के लिए विषावत होता जा रहा है।इस पर नगर पालिका प्रशासन की निषक्रियता से इसका स्थाई समाधान नही हो पा रहा है।जिससे शहरवासियों के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
राईसमिल व शहर से निकलने वाले गंदा पानी पीने मजबूर है शहरवासी
नगर के राईस मिलो का गंदा पानी इस नदी में मिल रहा है। इसके कारण तांदुला नदी अस्तित्व खतरे में पड़ते नजर आ रही हैं।
जिले के जीवनदायनी तांदुला नदी में राईस मिलो का गंदा पानी आकर मिलता हैं। जिसके कारण बालोद शहर के 26 हजार लोग राइसमिलों का गंदा पानी पी रहे हैं। यहां के लोगों को जिस एनीकट से पानी दिया जाता है वहां राइस मिलों व शहर के गंदा पानी आकर मिलता है। इस ओर कभी भी नपा प्रशासन का ध्यान नहीं गया।और न ही पालिका प्रशासन द्वारा एनीकट की सफाई की जा रही है।
बालोद में नहर से पानी की जगह बह रही गदंगी
बालोद की लगभग 26,000 लोगों को मिलने वाले गंदे पानी का मुख्य कारण राइसमिलों से निकले वाला कोड़ा तथा खण्डी युक्त पानी है। यह पानी सरार के माध्यम से ऐनीकेट में सीधा आ रहा है, जिसके चलते तांदुला नदी के पानी से दुर्गंध उठने लगी है। राइसमिलों से निकलने वाला प्रदूषित पानी पीने के लिए लोगों का परोसा जा रहा है। इसी प्रदूषित पानी के कारण यहां जलकुंभी है। अनाज युक्त इस पानी के कारण जलकुंभी घनी हो जाती है जिससे पानी को आक्सीजन नहीं मिल पाता और पानी से सड़न व बदबू उठने लगती है। प्रदूषित पानी के कारण घातक बीमारियां भी होती है। बावजूद उसके शहर के बीचो बीच चल रहे इन राइसमिलो व शहर का गंदा पानी सीधे ऐनीकेट में गिराया जा रहा है। लेकिन अब तक पालिका प्रशासन अब गंदे पानी को रोकने के लिए प्रयास नही किया गया है।
जिला मुख्यालय सहित सैकड़ों गांव के लोग तांदुला नदी में करते है निस्तारी
इस नदी के पानी का उपयोग जिला मुख्यालय सहित कई गांवों के लोग निस्तारी व अन्य कामों के लिए करते हैं। इस नदी की बदतर हालत अब स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। लोगों की मानें तो वे कई बार इस नदी की साफ-सफाई की मांग कर चुके हैं। लेकिन इस दिशा में कोई भी गंभीर नहीं है. जिम्मेदारों की उपेक्षा के चलते जिला मुख्यालय की करीब 26 हजार जनता इसी नदी के दूषित पानी या कहा जाए कि धीमा जहर पीने को मजबूर है।धरना प्रदर्शन में शहर मंडल अध्यक्ष सुरेश निर्मलकर,भाजयुमो के प्रदेश कार्य समिति सदस्य अमित चोपड़ा,शहर महामंत्री प्रदीप कोसरिया,कमल पंपालिया, बंशी साहू,रिंकू शर्मा, भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष तोमन साहू,लोकेश श्रीवास्तव, कन्हैया निषाद,मछुवा समिति अध्यक्ष मंगलू निषाद,सचिव बल्लू निषाद,बलराम,तेजु, रामलाल सहित बड़ी सख्या में वार्डवासी व भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।