बालोद-छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर शुक्रवार को कलम बंद काम बंद हड़ताल पर अवकाश लेकर नया बस स्टैंड स्थित टेक्सी स्टैंड में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौपा।इस दौरान कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के पदाधिकारियों ने भूपेश सरकार पर जमकर हमला बोला। धरना प्रदर्शन में शिक्षा विभाग के समस्त अधिकारियों कर्मचारियों के शामिल होने के कारण जिले के सभी स्कूलों में ताले लटके पाए गए। छग कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के सयोजक मधुकांत यदु ने कहा कि छतीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के द्वारा कलम रख मशाल उठाकर चरणबद्ध आंदोलन में राज्य शासन को समय समय पर 14 सूत्रीय मांगपत्र देकर निराकरण करने का मांग किया गया था। राजेश धोड़ेसवार ने कहा कि मांगपत्र में शामिल कुछ मांग पत्र जन धोषणा पत्र उल्लेखित है।उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा कर्मचारी हित के समाधान करने का निर्णय नही लेने के कारण कर्मचारी अधिकारी ,पेंशनर्स आक्रोशित है।राज्य शासन द्वारा कर्मचारी हित मे निर्णय नही लेने के कारण शुक्रवार को कलम बंद काम बंद हड़ताल पर अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन किया गया। यदि राज्य शासन द्वारा अधोलिखित 14 बिंदुओं पर समाधान कारक निर्णय नहीं लिया तो छत्तीसगढ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अनिश्चित हड़ताल करने का निर्णय लेने बाध्य होगा जिसका संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य शासन की होगी।
14 सूत्रीय मागपत्र
1. लिपिक संवर्ग के वेतन विसंगति का निराकरण साथ ही शिक्षक एव स्वास्थ्य संवर्ग सहित अन्य कर्मचारी संवर्ग का वेतन विसंगति निराकृत किया जाये। 2. प्रदेश के कर्मचारी अधिकारी एवं पेंशनरों को देय तिथि जुलाई 19 से 17 प्रतिशत सहित वर्तमान दर 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता स्वीकृति आदेश जारी किया जाये।
3. छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 का बकाया एरिवर्स 3 किश्त के भुगतान हेतु आदेश जारी किया जाये।
4. सभी विभागों में लंबित संवर्गीय पदोन्नति क्रमोन्नति समयमान एवं तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ समय सीमा में प्रदान किया जाये।
5. सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी एवं सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त शिक्षकों को तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत आदेश जारी किया जाये।
6. शासकीय सेवा के दौरान कोरोना संक्रमण से मृत कर्मचारियों एवं अधिकारियों के परिवार को राजस्थान सरकार के आदेश के लाख अनुग्रह राशि स्वीकृति आदेश जारी किया जाये कोरोना मू गए शासकीय सेवको को कोरोना भत्ता दिया जाये।
7. अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाये एवं सेवा से अनियमित कर्मचारियों को बहाल किया जाये।
8. जन घोषणा पत्र में उल्लेखित चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान स्वीकृति आदेश जारी किया जाये। साथ ही घोषणा पत्र में उल्लेखित अन्य मांगों को पूरा किया जाये।
9. छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के मूल वेतन के आधार पर10 प्रतिशत गृह माड़ा भत्ता सहित अन्य समस्त भत्ता स्वीकृति आदेश जारी किया जावे।
10. राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू किया जाये।
11. तृतीय श्रेणी के पदों पर 10 प्रतिशत के बंधन को मुक्त हुएसमय सीमा के भीतर अनुकंपा नियुक्ति के समस्त लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जावे ।
12. कार्यभारित / आकस्मिक सेवा के कर्मचारियों के समान पेंशन के रिक्त पदों पर समायोजित करते हुए नियमित कर्मचारियों के समान वेतन एवं पेंशन का लाभ दिया जाये।
13. प्रदेश के पटवारियों को पदोन्नति एवं लैपटाप के साथ उनकेकार्यालयों में कम्प्यूटर की समस्त सुविधा दी जावे।
14. पेंशनरों को त्वरित पेंशन भुगतान हेतु 20 वर्षों से लंबित राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 को विलोपित कर पेंशनरी दायित्वों का यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के बीच बंटवारा तत्काल किया जाये। साथ ही सेन्ट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल भारतीय स्टेट बैंक गोविंदपुरा भोपाल से पृथक कर रायपुर छत्तीसगढ़ में स्थापित कर छत्तीसगढ़ के प्रकरणों का निपटारा किए जाने की मांग शामिल है।धरना में सचिव आरके शर्मा,कोषाध्यक्ष अश्वनी नायक,कार्यलय सचिव चेतन यादव,सयोजक आई के दिल्लीवार ,संतोष देशमुख,सोमन साहू,सगठन मंत्री अशोक साहू,राजेश धोड़ेसवार,बीएल डड़सेना,मीडिया प्रभारी मोतीलाल चन्द्राकर,भुवनलाल सिन्हा, जयराम निर्मलकर,राधेश्याम साहू,रविकांत यादव,एच के चन्द्राकर,सह सचिव नरेश गौतम,एस के देशमुख,परसुराम धरेंद्र,मथिर राम,रविन्द्र मंडावी सहित बड़ी सख्या में फेडरेशन के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे।