पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी श्री कृष्ण के गुणों का बखान कर किया भजन,कीर्तन…
धमतरी….. जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. ज्ञात हो कि भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्मटी के दिन श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. श्री कृष्ण का जन्म मथुरा के कारागर में रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. तबसे कृष्ण के जन्मोत्सव को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है. सिरसिदा के कर्णेश्वर पारा रंगमंच में झूला बांधकर प्रत्येक वर्ष अनुसार इस वर्ष भी बड़ी धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया गया,गांव के विभिन्न मोहल्ले में भी बांके बिहारी को झूले में बिठाकर झूला झुलाया गया |
मोहल्ले में लोगों को चार से पांच भागों में विभाजित कर टोली बनाया गया प्रत्येक टोली को दो – दो घंटे कृष्ण के गुणों का बखान कर भजन कीर्तन करने का अवसर प्रदान किया गया जिसमें पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी उत्साह पूर्वक श्री कृष्ण के गुणों का बखान कर भजन कीर्तन किया उसके पश्चात रात्रि मे केक काटकर बांके बिहारी लाल का जन्मदिन मनाया गया, और कान्हा जी को भोग लगाया गया, कान्हा जी की आरती कर परिवार की खुशहाली की कामना की गई आरती समाप्त होने के पश्चात सभी को प्रसाद वितरण किया गया इस मौके पर मीना तिवारी पंच, बिमला साहू पंच, मीना ध्रुव, रूखमणी बाई, सीता नेताम, छोटी, लिली,मोना ,लक्की साहू,पंकज साहू, जित्तू साहू, कुमान सिंह ध्रुव, बलराम,श्रवण दास मानिकपुरी, चंदूलाल निषाद,चेतन मानिकपुरी,गजराज तिवारी, राकेश निर्मलकर, दादू, लखन, कमल,निखिल तिवारी, कामता ध्रुव, मुरारी ध्रुव,चेतन सेन, भेषराम, ओमशंकर नेताम,धर्मेंद्र समेत लोग बड़ी मौजूद रहे…