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निर्वाचित जनप्रतिनिधि को उनके ही विभाग के अधिकारी का नोटिश…जनप्रतिनिधियों के सम्मान पर उठने लगा सवाल..मामला गुंडरदेही जनपद पंचायत का..

बालोद।छग में कांग्रेस सरकार में जनप्रतिनिधियों के सम्मान को लेकर याब एक नया मसला खड़ा हो गया है। वर्तमान सरकार में।अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों की बात सुनना तो दूर अफसर अब निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के प्रोटोकाल का भी पालन नहीं कर रहे। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार एवं प्रोटोकॉल का पालन करने को लेकर शासन स्तर से दिशा-निर्देश जारी तो होते है लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल विपरीत है। मामला गुंडरदेही जनपद पंचायत का है, जहां जनपद पंचायत की अध्यक्ष सुचित्रा साहू को जिला पंचायत के सीईओ द्वारा सूचना पत्र भेजकर सामान्य सभा की कार्यवाही पंजी एवं कार्ययोजना के कागज के साथ तय तारीख़ और तय समय मे उपस्थित होने का फरमान जारी किया गया। दरअसल गुंडरदेही जनपद पंचायत मे 15वें वित्त की राशि आवंटन में मनमानी का आरोप लगाते हुए जनपद अध्यक्ष के निर्णय से नाराज बताते हुए विपक्ष के जनपद सदस्यों ने कलेक्टर, जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ और एसडीएम से मिलकर बराबर राशि की मांग की है। जिसके संदर्भ में कार्यालय जिला पंचायत द्वारा एक सूचना पत्र भेजकर जनपद अध्यक्ष सुचित्रा साहू को उपस्थित होने को कहा गया है। जिसको लेकर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के तहत निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के प्रोटोकाल की अनदेखी व अपमान का परिचायक है।
● पिछली सरकार में जो थे मुखर उनके ही विभाग में मामला ●
निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा, अपमान एवं उनके साथ दुर्व्यवहार को लेकर पूर्ववर्ती सरकार में नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से टीएस सिंहदेव मुखर थे। अब उनकी ही सरकार में उनके खुद के विभाग अंतर्गत आने वाले जिला पंचायत से एक निर्वचित जनप्रतिनिधि को सूचना पत्र भेजकर तय तारीख़ और तय समय मे जवाब के साथ हाजिर होने कहा जा रहा है। तो क्या एक जनप्रतिनिधि के प्रोटोकाल की अनदेखी, अपमान को लेकर अधिकारियों से जवाब तलब करेंगे

● कांग्रेस की सरकार, कांग्रेस की अध्यक्ष और जिला पंचायत का नोटिस ●
कांग्रेस की ही सरकार में कांग्रेस के निर्वाचित जनप्रतिनिधि जनपद अध्यक्ष को जिला पंचायत सीईओ ने सूचना पत्र भेजा है। जिसके बाद निर्वचित जनप्रतिनिधियों के प्रोटोकाल की अनदेखी और अपमान का मसला खड़ा होने लगा है। मामले को लेकर दोनों दलों के जनप्रतिनिधियों का कहना है कि ऐसा कतई नही होना चाहिए। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप होते रहता है। किसी आरोप के जांच के लिए संबंधित संस्था में शासकीय सेवा में कार्यरत अधिकारी कर्मचारी होते है
● सरकार में नौकरशाही हावीं ●
निर्वाचित जनप्रतिनिधि को नोटिस भेजे जाने पर सवाल उठने लगे है। निर्वाचित जनप्रतिनिधि को सूचना पत्र भेजे जाने के मामले में कहा जाने लगा है कि सरकार में नौकरशाही हावीं है। जनपद अध्यक्ष को उपस्थित होने के लिए सूचना पत्र जारी करने का कोई तुक नही। जनपद पंचायत के सम्पूर्ण कार्यो का संचालन तथा नियंत्रण तो मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पास होता है। ऐसे में अध्यक्ष को पत्र भेजा जाना जनप्रतिनिधि के प्रोटोकाल का उल्लंघन है।

● आत्मसम्मान और पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला – सुचित्रा साहू अध्यक्ष ●

√ मामले में जनपद पंचायत गुंडरदेही की अध्यक्ष सुचित्रा साहू का कहना है कि ऐसा करना आत्मसम्मान और पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है।

● क्या कहते है अधिकारी ●
√ पूरे मामले को लेकर जब जिला पंचायत की सीईओ रेणुका श्रीवास्तव से बात की तो उनका कहना है कि हमने उनको कोई नोटिस जारी नही किया है। एक सूचना है कि वो यहां आए। कोई प्रोटोकाल का उल्लंघन नही है। उसको गलत ढंग से लिया जा रहा है। उनको उपस्थित होने के लिए सूचना जारी की गई थी कि हमारे समक्ष आए तो उनसे चर्चा करेंगे। वो आई भी थी और सौहाद्रपूर्ण वातावरण में चर्चा भी हो गई। हमने उनकी गलतफहमी दूर की है और इन्होंने हमारे समक्ष इस बात को माना भी है: रेणुका श्रीवास्तव सीईओ, जिला पंचायत बालोद

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