बालोद- जिला मुख्यालय के हृदय स्थल पुराना स्टैंड स्थित शौचालय इन दिनों असमाजिक तत्वों का डेरा बन गया हैं।उक्त शौचालय में नशेड़ियों व गंजेडीयो का प्रमुख अड्डा बन गया हैं।जहाँ से नशेड़ियों व गंजेडीयो द्वारा नशे में धृत होकर धटना को अंजाम देते हैं जिसके बाद भी पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नही करती जिससे उन लोगो की हौसला बुलंद होते जा रही हैं। नगर के व्यस्तम जगह में बने इस शौचालय का उपयोग सभी करते हैं, लेकिन जर्जर स्थिति व गंदगी नगर पालिका की उदासीनता को दर्शाती है। कोई देख रेख करने वाला नहीं होने के कारण शौचालय में गंजेड़ी व नशेडिय़ों के जमावड़ा रहता है। महिलाओं के लिए और ज्यादा परेशानी इस शौचालय के उपयोग के लिए होता है। पुराना बस स्टैंड , जवाहर मार्केट सहित सदर के व्यपारी तथा दुकान में कार्य करने वाली युवतिया भी इस शौचालय का उपयोग करते है।जहाँ पर इन असामाजिक तत्वों द्वारा युवतियों से हूटिंग करते आसानी से देखा जा सकता हैं। लोगों का कहना है नगर पालिका शौचालय को व्यवस्थित करें। असमाजिक तत्वो के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग प्रशासन से की हैं।बता दे कि मार्च में युवती के साथ छेड़खानी हुई थी।जिसको लेकर दो दिनों तक बालोद में बवाल हुआ था।लेकिन अब तक न पुलिस प्रशासन ध्यान दिया और न ही पालिका ने ध्यान दिया है।आज भी उक्त शौचालय में खुलेआम जुआ सट्टे, शराबियों और जुआरियों का अड्डा बना हुआ है।
शौचालय से ही अवैध धंधे को संचालित करते हैं असमाजिक तत्व
पुराना बस स्टैंड बालोद का हृदय स्थल हैं जहाँ पर व्यपारियों व आने जाने वाले राहगीरों व ग्राहकों के लिए नगर पालिका द्वारा शौचालय बनाया गया हैं।लेकिन शौचालय को असामाजिक तत्वों द्वारा अपना प्रमुख अड्डा बनाकर सट्टा, जुआ,नशीली दवाई, शराब सहित अन्य गैरकानूनी कार्य को अंजाम देते है।यही नही आस पास वार्डो के असमाजिक तत्वों द्वारा शौचालय में पहुँचकर गांजा और शराब का सेवन करते हैं । इन असमाजिक तत्वों से पुराना बस स्टैंड के व्यपारी काफी परेशान हो गए है।समय समय पर व्यपारियों द्वारा नगर पालिका प्रशासन को अवगत कराया जाता है लेकिन पालिका द्वारा इन असमाजिक तत्वों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की जाती है जिसके कारण इन लोगो के हौसले बुलंद होते जा रहे।
खुलेआम शराबखोरी
पुराना बस स्टैण्ड के शौचालय में दिन हो या रात के वक्त असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। यहां वे खुलेआम शराबखोरी भी करते हैं। शौचालय के बाहर शराब की बोतल और डिस्पोजल इधर उधर बिखरा पड़ा हुआ है। शुलभ शौचालय के संचालक द्वारा इन असमाजिक तत्वों को नशापान करने के लिए मना भी नही किया जाता हैं।बता दे कि शौचालय जाने का एक रास्ता हैं जहाँ से महिला और पुरुष उन्ही रास्ते से होकर आते जाते हैं और शौचालय में अड्डा बना चुके असामाजिक तत्व नशे में धृत होकर महिलाओं व युवतियों से हूटिंग करते है। ऐसे में खुलेआम शराबखोरी करने वाले असमाजिक तत्व कभी भी उनके लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।