प्रदेश रूचि

बड़ी खबर :- NH30 में भीषण सड़क हादसा,दुर्घटना में 4 लोगो की हुई मौतदेखिए कलेक्टर साहब बालोद आरटीओ की मेहरबानी से अनफिट बसों की बढ़ी रफ्तार… इधर बालोद परिवहन संघ ने भी सांसद के पास रख दी अपनी मांगकुसुमकसा समिति प्रबंधन ने निकाला था फरमान: 50% बारदाना किसानों को लाना होगा, विरोध में जनपद सदस्य संजय बैस आए सामने, प्रबंधन ने फैसला लिया वापसस्वच्छता दीदीयो द्वारा धरना प्रदर्शन कर अंतिम दिन रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा गया ज्ञापनउप मुख्यमंत्री अरुण साव ने वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के साथ केक काटकर अपने जन्मदिन की शुरुआत की..वही बालोद जिले के भाजपा नेताओ ने भी लोरमी पहुंचकर दिए बधाई


*पहले जिले के मॉडल स्कूल में अपमानित हुए राष्ट्रपिता और अब पंचायतीराज के सबसे बड़े दफ्तर में कबाड़ डाल दिया राष्ट्रपिता की तस्वीर*

बालोद- भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जो देश के गौरव हैं और आजादी के महानायक रहे हैं ।देश के आजादी की लड़ाई लड़ने वाले गांधी जी के लिए बालोद जिला पंचायत के अधिकारियों और कर्मचारियों के मन मे थोड़ा भी सम्मान नहीं है। बालोद जिले में महात्मा गांधी की तस्वीर को अपमान करने की दूसरी धटना है। केंद्र की महत्वकांक्षी योजना महात्मा गांधी राष्टीय ग्रामीण रोजगार गारंटी के नाम से पूरे देश मे संचालित योजना को जिला पंचायत बालोद के मनरेगा शाखा के नीचे सीढ़ी के अंदर महात्मा गांधी की तस्वीर कबाड़ में पड़ी हुई है। जिला पंचायत के मनरेगा शाखा के नीचे सीढ़ी के अंदर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर को कबाड़ में फेंक कर अपमान किया जा रहा है।लेकिन अब तक जिला पंचायत के अधिकारियों,कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों की नजर कबाड़ में पड़े गांधी जी की तस्वीर पर नही पड़ी है। महात्मा गांधी की तस्वीर को हर शासकीय कार्यलय के ऑफिस में लगाई जाती है लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण राष्टपिता की तस्वीर को ऑफिस में नहीं लगाकर उसे कबाड़ में फेंक दिया गया।

बालोद जिला मुख्यालय में महात्मा गांधी जी की तस्वीर को होना पड़ रहा है अपमान

 

बता दे कि जिला मुख्यालय के आमापारा में 18 फरवरी को अंग्रेजी स्कूल के कचरे के ढेर में आजादी के महानायकों के तस्वीरें फेंकी गई थी। इस मामले पर भाजपा ने महापुरुषों का अपमान बताते हुए अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए एसडीएम को ज्ञापन सौपा गया था लेकिन 4 माह से अधिक समय होने के बाद भी एसडीएम द्वारा अब तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही गई है।
बड़ी बात यह भी है कि ये जो तस्वीरें है वे छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के द्वारा पूर्व में संचालित स्कूल में लगाई गई थी। नवनिर्मित स्कूल के कचरे की ढेर में महापुरुषों के चित्र देख उस समय वार्डवासियों में काफी आक्रोश देखा गया था। भारत के गौरव महात्मा गांधी और महापुरुषों के तैलचित्र के इस अपमान ने जनमानस को आहत किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!