बालोद जिला पुलिस ने पूरे मामले में खुलासा करते हुए बताया कि घटना दिनांक 22-06-2021 के रात्रि 10/45 बजे सूचना मिली कि थाना डौण्डीलोहारा क्षेत्र के ग्राम जाटासद में पुल के पास बल्ली राजहरा राजनांदगांव मेन रोड पर अज्ञात मोटर सायकल सवार आरोपी द्वारा कार के शीशे को तोड़कर सेल्समैन अक्षय तिवारी व सचिन महोबिया से मारपीट कर उसके बैग में रखे 13,34,000 रुपये लैपटाप, चारकोड स्कैनर एवं अन्य सामान लूट कर फरार हो गये है। घटना की सूचना पर आरोपियों के वारदात के पश्चात भागने के संभावित समस्त रास्तों पर नाकेबंदी कर सरहदी जिलों को ततसंबंध में नाकेबंदी हेतु सूचना दी गई। प्रार्थी पूनम कोचर की रिपोर्ट पर थाना डौण्डीलोहारा में अपराध क्रमांक- 112/2021,धारा 294, 34, 394, 427, 506 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। मामले को गम्भीरता से लेते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र सिंह मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री डी. आर. पोर्ते द्वारा घटनास्थल पहुंचकर घटना स्थल का निरीक्षण कर उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों को अत्यावश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। वारदात घटित कर लूट की रकम व अन्य सामान लेकर फरार हुये आरोपियों की बरामदगी व गिरफ्तारी हेतु नगर पुलिस अधीक्षक राजहरा श्री अब्दुल अलिम खान के पर्यवेक्षण में तथा पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बालोद श्री दिनेश कुमार सिन्हा के नेतृत्व में निरीक्षक श्री मनीष शर्मा थाना प्रभारी डण्डीलोहारा निरीक्षक श्री कुमार गौरव साहू निरीक्षक श्री रोहित मालेकर निरीक्षक श्री भानुप्रताप साव के साथ एक विशेष टीम तैयार किया गया। टीम के द्वारा प्रार्थी पूनम कोचर सेल्समैन अक्षय तिवारी व सचिन महोबिया से बारीकी से पूछताछ कर अपने मुखबीर तंत्र सीसीटीवी फुटेज एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की सघन पता तलाश प्रारंभ की गई
चरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं अधिकारियों तथा विशेष टीम द्वारा घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण कर ग्राम जाटादाह से कुसुमकसा, राजहरा, डौण्डीलोहारा, देवरी इत्यादि जगहों पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया। तकनीकी साक्ष्य एकत्रित्र कर प्रकरण के संबंध जानकारी प्राप्त किया गया। सेल्समैन अक्षय तिवारी से घटना के संबंध में संपूर्ण जानकारी लिया गया। घटना स्थल सीसीटीवी फुटेज और अक्षय तिवारी एवं उसके साथी सचिन महोबिया के बयान में विरोधाभाष होने से प्रथम दृष्टया वास्तविक घटना नहीं होने के संदेह पर टीम द्वारा अक्षय तिवारी एवं उसके साथी ि महोबिया का पृथक-पृथक बयान दर्ज किया गया। दोनों के बयान से यह स्पष्ट हो गया कि इनके द्वारा योजना बनाकर लूट जैसी फर्जी घटना बताया जा रहा है।
मामले में अक्षय तिवारी से कड़ाई से पूछताछ करने पर यह ज्ञात हुआ कि वह मोबाईल व्यवसाय पूनम कोचर के राजनांदगांव स्थित उसके मोबाइल दुकान में बतौर सेल्समैन व ड्रायवर पिछले 04-05 वर्षों से कार्य कर रहा था। इस दौरान वह राजनांदगांव से देवरी, लोहारा, राजहरा, डौण्डी, भानुप्रतापपुर, पखांजुर के मोबाईल दुकानदारों को मोबाईल सप्लाई करना व उनसे रकम की वसूली करने का कार्य करता था। वसूली से प्राप्त लाखों रूपये को वह हमेशा ही राजनांदगांव पहुंचाकर अपने मालिक पूनम कोचर को देता था। इस प्रकार वह अपने सेठ का विश्वास जीत लिया था। इसी का फायदा उठाते हुए लालच में आकर लगभग 03-04 महिने पहले स्वयं अपने फुफेरा भाई ऋषभ शुक्ला के साथ नाटकीय ढ़ंग से योजना बनाया। इसके लिए इन्होनें सिकोला भाठा दुर्ग के अपने 02 अन्य साथियों नजोत सिंह उर्फ शिव दिलप्रीत सिंह को प्लान के बारे में विस्तार समझाकर घटना स्थल व रूट का पूर्व से अभ्यास भी किया
घटना दिनांक को पूर्व प्लान के मुताबिक जब आरोपी अक्षय तिवारी अपने सहकर्मी सचिन महोबिया के साथ पंखाजूर भानुप्रतापपुर, बदि दुर्ग कोंदल, दल्लीराजहरा आदि जगहों में मोबाईल बेचकर वसूली की रकम लेकर वापस राजनांदगांव की ओर आ रहे थे। तब पूर्व सुनियोजित योजना के मुताबिक ग्राम जाटादाह के थोडा दूर पूर्व पल्सर मोटर सायकल से आयें उनके साथी रंजोत सिंह उर्फ शिबू व दिलप्रीत सिंह को अक्षय तिवारी अपनी कार होण्डा सिटी से देखकर पूर्व से बैठे हुए शिबू और दिलप्रीत को अपने गाड़ी का हार्न बजाकर तथा कार के लाईट को अपर डिपर कर ईशारा किया गया। उसकी गाड़ी आगे धीरे-धीरे बढ़ते देख शिबू और दिलप्रीत अपने मोटर सायकल से अक्षय की कार का पीछा करते आये और ग्राम जाटादाह के पहले वाले नाला को काम करते ही अक्षय तिवारी ने डामर रोड से नीचे कार को उतार कर नाली के पास लेजाकर खड़ा कर दिया। जिससे दिलप्रीत व शिबू के द्वारा बाईक वहीं खड़ी कर अपने पास रखे हथौड़े से ड्रायवर साईड वाली कांच को तोड़ दिया। चूंकि कार में उसके साथ सहकर्मी सचिन महोबिया भी था इसलिए इन दोनों के द्वारा उनसे मारपीट का नाटक कर जबरदस्ती दरवाजे को खोलकर रकम व अन्य सामान वाले बैंग को लूट कर ले गये। तब अक्षय और सचिन वहा से 01 कि.मी. आगे आकर ग्राम जादादाह तालाब किनारे मंदिर पास कार को रोककर कार के पीछे चक्का का हथा खोलकर पीछे पंचर होना जैसे दिखाये तथा सचिन ने सेट पूनम कोथर को फोन कर घटना के बारे में बताया की हमें लूट लिया गया है। उसके बाद लूट को देखने वाले सही माने यह सोचकर अक्षय और सचिन ने अपने-अपने बैग को जो कार के पीछे सीट में रखा था वहीं पर तालाब में फेंक दिये कुछ दिन बाद इस रकम को आपस में बाटने का प्लान बनाये थे। प्लान के मुताबिक कुल रकम में से सचिन महोबिया, दिलप्रीत सिंह तथा रंजोत सिंह उर्फ शिबू को 01-01 लाख रुपये एवं स्वयं घटना के मास्टर मांइड अक्षय तिवारी व ऋषभ 05-05 लाख रूपये आपस में बांटना तय किये थे। प्रकरण के 04 आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। प्रकरण का 01 आरोपी ऋषभ शुक्ला पिता विजय शुक्ला वि सिकोला दुर्ग फरार है, जिसे टीम द्वारा सरगर्मी से तलाश किया जा रहा है।