बालोद- भारतीय लोकतंत्र में 25 जून की तारीख ‘ब्लैक डे’ के नाम से याद की जाती है क्योंकि इसी दिन साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ‘आपातकाल’ का ऐलान किया था, आज इमरजेंसी को 46 साल पूरे हो गए हैं, देश में साल 1975 से लेकर 1977 तक 21 महीने तक देश में इमरजेंसी लगी थी और इस दौरान बहुत कुछ ऐसा हुआ था, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी, आक्रोश, विद्रोह, दहशत और तानाशाही की व्याख्या करते उस दौर में लोग आजाद होकर भी स्वतंत्र नहीं थे उक्त बातें राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडेय शुक्रवार को जिला भाजपा कार्यलय में आयोजित आपातकाल की बरसी पर प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि स्वंत्रत भारत के इतिहास में यह सबसे अलोकतांत्रिक काल था।आपातकाल में चुनाव स्थगित हो एव नागरिक अधिकारों को समाप्त करके मनमानी की गई।लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने इसे भारतीय इतिहास की सर्वधिक काली अविधि कहा था।
प्रेसवार्ता के दौरान ही जिला महामंत्री प्रेसवार्ता समाप्ति की धोषणा करने पर पत्रकारों ने जताई नाराजगी
आपातकाल की बरसी पर जिला भाजपा कार्यलय में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय प्रेस को आपातकाल में हुए धटनाओं को विस्तार से बताया गया।इस दौरान जिला महामंत्री प्रमोद जैन द्वारा पत्रकारों से अनुरोध करते हुए सांसद से सवाल पूछने को कहा ।जिस पर पत्रकारों ने सांसद से सवाल पूछ रहे थे और सांसद द्वारा जवाब भी दिया जा रहा था।लेकिन इस बीच जिला भाजपा अध्यक्ष और जिला महामंत्री के बीच गुप्तगु होने के बाद ही महामंत्री प्रमोद जैन द्वारा आभार व्यक्त कर प्रेसवार्ता की समाप्ति की धोषणा कर दी जिससे पत्रकारों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आप लोगो के द्वारा सांसद से सवाल पूछने का मौका नही दिया गया और प्रेसवार्ता की समाप्ति की धोषणा कर दी।जिससे पत्रकारों ने नाराजगी जताते हुए प्रेसवार्ता से बाहर निकल गए।
21 महीने का था भारत में आपातकाल
सांसद संतोष पांडेय ने बताया कि 25 जून 1975 से लेकर 21 मार्च 1977 तक यानी कि 21 महीने भारत में आपातकाल घोषित किया गया था,उस वक्त राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने भारतीय पीएम इंदिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी थी, स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था, जिसने उस वक्त देश में एक अलग तरह की दहशत और खौफ को भर दिया था।
क्यों लगाया गया था आपातकाल
सांसद ने बताया कि दरअसलआपातकाल के पीछे साल 1971 का चुनाव था, उस सालइंदिरा गांधी ने रायबरेली सीट पर तेज-तर्रार नेताराजनारायण को पराजित किया था लेकिन राजनारायण ने उल्टा इंदिरा गांधी पर चुनाव में धांधली करने का आरोप लगा दिया था और उनके खिलाफहाईकोर्ट पहुंच गए थे, जिसके हाद हाईकोर्ट नेइंदिरा गांधी का चुनाव निरस्त कर छह साल तक चुनाव लड़ने पर बैन कर दिया था लेकिन इंदिरा गांधी पर सुप्रीम कोर्ट चली गईं, विपक्ष ने विद्रोह शुरू कर दिया और उसके बाद वो उन्होंने 25 जून को इमरजेंसी का ऐलान कर दिया ।
‘भारतीय इतिहास की सर्वाधिक काली अवधि
तब इंदिरा नेआकाशवाणी पर एक संदेश दिया था, जिसकी खूब आलोचना हुई थी, उन्होंने कहा कि ‘जब से मैंने आम आदमी और देश की महिलाओं के फायदे के लिए कुछ प्रगतिशील कदम उठाए हैं, तभी से मेरे खिलाफ गहरी साजिश हो रही है।’ हालांकि विपक्ष समेत तमाम बुद्दिजीवियों ने यही कहा कि इमरजेंसी लगाने के पीछे इंदिरा को अपनी पीएम की कुर्सी बचानी थी। उस वक्त मीडिया, प्रेस सबको प्रतिबंधित कर दिया गया था, तब उस वक्त जयप्रकाश नारायण ने इसे भारतीय इतिहास का सबसे काला वक्त बताया था।प्रेसवार्ता के दौरान जिला भाजपा अध्यक्ष कृष्णकांत पवार,पूर्व विधायक प्रीतम साहू,वीरेंद्र साहू,पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष यज्ञदत्त शर्मा,रमेश यदु सहित आदि उपस्थित थे।