बालोद।अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एवं पिता के दसवीं पुण्यस्मृति में किया गया यह आयोजन स्व. एल पी यादव की तीन सुपुत्री द्वारा आयोजित क्या गया। ये तीनों शिक्षा विभाग बालोद में पदस्थ हैं और अपने पिता को ही अपनी प्रेरणास्रोत मानती हैं | महिला दिवस पर इन्होंने इसे नगर पालिका बालोद की सफाई दीदीओ के साथ मनाना तय किया,उन्होंने साड़ी ,श्रीफल, मस्तक तिलक कर पूरी दीदीयों का सम्मान किया,वे कहती हैं कि इनके बिना हमारा घर गंदा हैं,घर एवं शहर दोनो को स्वच्छ रखने में इनकी ही मेहनत झलकती है बालोद शहर के लिए इनका योगदान बहुत अधिक हैं तो क्यो न महिला दिवस में हम इनका सम्मान करें,क्योकि श्रृंगार करती महिला से परिश्रम करती महिला बहुत ही खूबसूरत होती हैं, इस आयोजन में एक विशेष बात यह भी रही कि मुख्य/ विशेष अतिथि भी सफाई दीदीयों के बीच से ही दो को ही बनाया गया सब से अधिक एवं सब से कम उम्र की दीदी के आतिथ्य में यह आयोजन सपन्न हुआ | कौशल्या बघेल एवं प्रीति जांगड़े को अतिथि स्वरूप स्थान दिया गया,, इस आयोजन में 40 महिला सफाई दीदियां उपस्थित थी और उनको भी बहुत आंनद की अनुभूति हुई, अपना मंच था सभी सामान्य अपने लोग थे,बहुत अच्छे से एवं खूब बातें,महिलाओ को समर्पित कविताओं की प्रस्तुति की गई ।शबनम दी ने कहा कि इतने सालों में पहली बार हम सब का इस तरह से सम्मान किया गया ,हम सब बहुत खुश हैं बहुत अच्छा लग रहा हैं की हमारा सम्मान आप ने किया साथ मे आयोजको का आभार भी किया गया,आयोजन में दुर्गेशनंदिनी यादव प्राचार्य सेजेस दुधली द्वारा स्वच्छा ग्राही महिलाएं जो सुबह से दिनभर मेहनत करते है उस पर आभार करते हुए,महिलाओ की स्थित पर अपनी बात कही,विनोदनी यादव व्याख्यता द्वारा महिलाओं की सुधरती स्थिति और संघर्ष की बाते कहते हुए बहुत सुंदर महिलाओ को समर्पित एक कविता का वाचन किया गया,, कादंबिनी यादव व्याख्याता बड़गाँव के द्वारा कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन किया गया,आप तीनो बहन बालोद शिक्षा विभाग में पदस्थ है और किसी परिचय की मोहताज नही है अपने पिता श्री की पुण्यस्मृति में प्रत्येक वर्ष कुछ अलग कभी शिक्षा तो, कभी सेवा के क्षेत्र में एक अभिनव पहल करते ही रहती हैं
इस वर्ष भी दसवीं पुण्यस्मृति में बालोद की सफाई दीदीयों के सम्मान के साथ ही बालोद में स्थिति घरौंदा आश्रय गृह बालक एवं बालिकाओं के लिए गर्मी को ध्यान रखते हुए कूलर का दान किया गया है और वहां के जो बच्चे है उनके लिए यथासंभव प्रयास करने की बात कही है,उन्होंने घरौंदा गृह के सीमिति सदस्यों की सराहना की है सही मायने में ऐसे बच्चो की देखभाल बहुत कठिन है ऐसे में इनका प्रयास बहुत ही सराहनीय है,उन्होंने सभी से अपील भी किया है कि इन बच्चों के साथ समय बिताए इनको सिर्फ हमारा स्नेह चाहिए ये बच्चे छोटी छोटी चीजो से अत्यंत खुश हो जाते हैं |पिता जी के बताये मार्ग पर चलते हुए प्रतिवर्ष कुछ न कुछ अलग करने हेतु संकल्पि है ये बेटियाँ, इनका मानना है कि ये जो भी हैं आज सिर्फ अपने पिता की वजह से है,शिक्षा के लिए एल पी यादव एक क्रांतिकारी की तरह ही रहे हैं अपनी बेटियों को शिक्षा दिलाने 80 में शिक्षा का इतना महत्व नही था उस समय मे वो अपनी बेटियों की शिक्षा के लिए संकल्पित थे और साथ मे सभी की शिक्षा के लिए बहुत योगदान रहा है उनका,उनके पढाई वाले विद्यार्थी आज भी उनको याद करते हैं ,वे आज भी सभी के स्मृति पटल पर हैं और सदा रहेंगें।
प्रथम पुण्यस्मृति से दसवीं पुण्यस्मृति तक किये गए कार्य
जिला स्तर पर बोर्ड परीक्षा में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चो का कुछ सहयोग राशि प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान, अमलीडीही स्कुल में स्वेटर दान, वृद्धाआश्रम दुर्ग में अनाज का दान, प्राथमिक शाला कलकसा एवं प्राथमिक शाला दुधली स्कुल में जूता मोजा वितरण,प्राथमिक शाला बड़गाँव में स्कुल बैग का वितरण,हायर सेकेंडरी स्कूल दुधली में टिफिन वितरण,प्राथमिक शाला बनगाँव में जूता मोजा वितरण,
विकलांग संस्थान राजिम में कपड़ा वितरण, वृद्धाश्रम में साड़ी,कम्बल एवं शाल वितरण, दुधली संकुल में संकुल के अंतर्गत आने वाले सभी स्कुल में न्यौता भोज
सेजेस कन्नेवाडा में न्यौता भोज, धरौंदा आश्रय स्थल बालोद में कूलर दान प्रत्येक वर्ष ऐसा आयोजन करते रहने की बात कही गई हैं ।दसवीं पुण्यस्मृति के इस सम्पूर्ण आयोजन में मुख्य रूप से दुर्गेशनंदिनी यादव विनोदनी यादव कादंबिनी यादव आदित्य यादव, मीना ताई, मुकेश ठाकुर सहभागी रहें,,इसके लिए परिवारजनों से सुलोचना यादव तेजेन्द्र यादव राजेन्द्र प्रसाद यादव आशालता यादव लोकेश पारकर आकांक्षा साक्षी प्रांशु ने हर्ष व्यक्त करते हुए शुभकामनाएं दी हैं |