बालोद, । छत्तीसगढ़ विधानसभा में वर्ष 2025-26 का विष्णुदेव साय सरकार के वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा प्रस्तुत किए गए बजट में तेन्दूपत्ता के लिए प्रति मानक बोरा 5,500 रुपये का भुगतान करने 200 करोड़ रुपये एवं तेन्दूपत्ता संग्राहकों को पादुका प्रदान करने के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किए जाने को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के पूर्व संचालक यज्ञदत्त शर्मा, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर एवं प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी बालोद के संचालक विनोद कौशिक ने स्वागत करते हुए प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय एवं वित्तमंत्री ओपी चौधरी के प्रति आभार व्यक्त किया है। मंगलवार शाम मुख्यमंत्री निवास में इन्होंने सीएम विष्णुदेव साय से भेंट की। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को साधुवाद देते हुए उनकी आकृति वाला तेंदुपत्ता का तैलचित्र भी भेंट किया है।
तेंदूपत्ता संग्राहकों को विष्णुदेव साय सरकार की मिल रही सौगात:
जनजातीय बहुल छत्तीसगढ़ प्रदेश में तेंदूपत्ता का सामाजिक-आर्थिक परिप्रेक्ष्य में व्यापक महत्व है,यही कारण है कि इसे हरा सोना माना जाता है। तेंदूपत्ता वनांचल में रहने वाले लोगों के जीवन यापन का एक मुख्य जरिया है। गर्मी के दिनों में जब वन अंचल में रहने वाले ग्रामीणों के पास न तो खेतों में काम होता है और न ही घर में कुछ काम, तब गांव के लोगों का जीवन इसी तेंदूपत्ता के इर्द गिर्द गुजरता है। तेंदूपत्ता यानि हरा सोना का संग्रहण उन्हें मेहनत एवं संग्रहण के आधार पर भरपूर पारिश्रमिक देता है। चूंकि प्रदेश के मुखिया संवेदनशील हैं, इसलिये उन्होंने तेंदूपत्ता संग्राहकों की समस्याओं को बहुत करीब से देखा और समझा है, इसलिये मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने मोदी की गारंटी के अनुरूप तेंदूपत्ता संग्राहकों की सुविधाओं में बढ़ोतरी की।
तेंदूपत्ता संग्राहकों को सहायता के लिए 300 करोड़ रुपये:
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहली बार विष्णुदेव साय सरकार ने बजट 2025-26 में तेंदूपत्ता संग्राहकों को 5500 रुपये पारिश्रमिक देने के लिए 200 करोड़, चरण पादुका योजना अंतर्गत 50 करोड़ एवं राजमोहिनी देवी तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के संचालन हेतु 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। राज्य वनोपज संघ के पूर्व संचालक यज्ञदत्त शर्मा ने कहा कि, बजट पेश करते हुए साय सरकार के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने तेंदुपत्ता संग्राहकों के लिए बड़ी सौगात दी है। उन्होंने तेंदुपत्ता संग्राहकों के आर्थिक कल्याण के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। इस फैसले से तेंदुपत्ता संग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी और उनका जीवन स्तर सुधारने में मदद मिलेगी। यह कदम छत्तीसगढ़ के उन संग्राहकों के लिए अहम साबित होगा, जो तेंदुपत्ता के संग्रहण पर निर्भर रहते हैं।
तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलेगा 161 करोड़ का बोनस:
बता दें कि राज्य की भाजपा सरकार आने वाले महीने में 2023 का तेंदूपत्ता बोनस बांटने वाली है। सीएम विष्णुदेव साय ने प्रदेश के 13 लाख से ज्यादा तेंदूपत्ता संग्राहकों को करीब 161 करोड़ बकाया बोनस वितरण के निर्देश दिए है। संभावना जताई जा रही कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी माह के प्रस्तावित दौरे पर तेंदुपत्ता संग्राहकों को बकाया बोनस राशि का वितरण किया जाएगा।
तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए खुशियों की सौगात:
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने बताया कि, छत्तीसगढ़ की आदिम संस्कृति एवं विरासत को संरक्षित और समृद्ध करने के लिए हमारी सरकार ने बजट 2025-26 में ऐतिहासिक प्रावधान किए हैं, जो आदिवासी भाइयों-बहनों के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक उत्थान का नया द्वार खोलेंगे। मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य के तेन्दूपत्ता संग्राहकों को अब 5500 रुपए प्रति मानक बोरा की दर से भुगतान किया जा रहा है। जिससे संग्राहकों को पहले के 4 हजार प्रति मानक बोरा की तुलना में 15 सौ रुपए अधिक मिल रहे है। इससे संग्राहकों को तेंदूपत्ता संग्रहण से होने वाली आय बढ़ी है।
चरण पादुका के लिए 50 करोड़ का प्रावधान:
प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी बालोद के संचालक विनोद कौशिक ने बताया कि, तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को चरण पादुका देने के लिए 50 करोड़ खर्च करने का प्रावधान बजट में किया गया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में पूर्व की रमन सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के लिए चरण पादुका योजना शुरू की थी। लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद इस योजना को बंद कर दिया गया था। लेकिन अब जब प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनी तो इस योजना को फिर से शुरू करने का न केवल फैसला लिया बल्कि इस बार बजट में इसे शामिल भी कर लिया गया। इसके बजट में शामिल होते ही तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों में ख़ुशी का माहौल है।