भवन निर्माण के 6 वर्षों के पश्चात भी अब तक नहीं किया है लिफ्ट का निर्माण
बता दे कि वर्ष 2018-19 में पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन विभाग द्वारा ठेकेदार के माध्यम से करोड़ों रूपयों की लागत से पुलिसकर्मियों के लिए 4 मंजिला 120 आवासीय फ्लैट का निर्माण किया गया है लेकिन चार मंजिला भवन निर्माण के 6 वर्षों के पश्चात भी अब तक लिफ्ट का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है वहीं लिफ्ट निर्माण के लिए छोड़ा गया स्थान खुला होने से पुलिसकर्मी एवं परिवार को कभी भी गंभीर हादसे की आशंका के मध्य रहना पड़ रहा है। वही मकान में रहने वाले बुजुर्ग या पुलिस कर्मियों के परिवार में गर्भवती महिलाओं को भी कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।लेकिन इस गंभीर मामले पर न निर्माण एजेंसी ने ध्यान दिया और न ही विभाग
घरों से निकलने वाला गंदा तथा निस्तारी पानी निकासी की नहीं की समुचित व्यवस्था
कॉलोनी में अब तक वाहन पार्किंग तथा गार्डन निर्माण कार्य भी नहीं हो पाया है वहीं घरों से निकलने वाला गंदा तथा निस्तारी पानी निकासी की समुचित व्यवस्था भी नहीं की गई है। आवासीय कालोनी निर्माण कार्य के लिए करोड़ों रूपए स्वीकृत होने के पश्चात भी अधूरा निर्माण कर पुलिसकर्मी एवं परिवार को खतरों के मध्य छोड़ दिया गया है। आमजनता की सुरक्षा के खातिर चौबीसों घंटे ड्यूटी बजाने वाले पुलिसकर्मियों को अपने ही विभाग की अनदेखी के चलते जर्जर आवास में असुरक्षा के मध्य अपने परिवार सहित निवास करना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय के पुराना बस स्टैण्ड के समीप लगभग 121 वर्ष पूर्व निर्मित पुलिस लाईन के जीर्णोद्धार की दिशा में भी कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।बता दे कि नगर में थाना स्थापना के पश्चात 1903 में थाना भवन के समीप पुलिसकर्मियों के लिए खपरैल छत वाले 26 आवास बनाए गए थे जहां आज भी 122 वर्ष पुराने मकान में दो दर्जन पुलिसकर्मी अपने परिवार के साथ निवारसत हैं। उक्त जर्जर आवास को तोड़कर नवीन भवन निर्माण की दिशा में भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पुलिसकर्मी स्वयं का व्यय कर जर्जर अवास में तिरपाल लगा कर अथवा मरम्मत कर निवास करने मजबूर हैं।