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महज 5 साल में पुलिस क्वॉर्टर होने लगा जर्जर..4 मंजिला मकान में लिफ्ट की भी सुविधा नहीं होने इन समस्यायों का करना पड़ता है सामना

बालोद। करोड़ों रूपए की लागत् से आधे अधूरे, गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य के चलते जिला मुख्यालय के दल्लीराजहरा मार्ग में बीएसएसनएल विभाग के समीप महज 6 वर्ष पूर्व पुलिसकर्मियों के लिए बनाया गया चार मंजिला आवासीय पुलिस कॉलोनी समय से पूर्व ही जर्जरता की ओर अग्रसर है। निर्माण कार्य पूर्ण होने के प्रथम बरसात में कॉलोनी में किया गया रंगरोगन कार्य पानी में बह गया जिसके पश्चात् विगत् 6 वर्षों में एक बार भी पुनः रंगरोगन कार्य नहीं किया गया। वहीं चार मंजिला भवन के अधिकांश कमरों में पानी सिपेज की समस्या सामान्य है। महज पांच वर्ष में ही भवन की स्थिति को देख कर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि भवन निर्माण में गुणवत्ता का कितना ध्यान रखा गया है वहीं कॉलोनी में अभी भी अनेक सुविधापरक निर्माण कार्य आधा अधूरा है। जिसके चलते कॉलोनी में निवासरत पुलिसकर्मी तथा उनके परिवार को समस्याओं का सामना करते हुए मजबूरीवश निवास करना पड़ रहा है।

भवन निर्माण के 6 वर्षों के पश्चात भी अब तक नहीं किया है लिफ्ट का निर्माण

बता दे कि वर्ष 2018-19 में पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन विभाग द्वारा ठेकेदार के माध्यम से करोड़ों रूपयों की लागत से पुलिसकर्मियों के लिए 4 मंजिला 120 आवासीय फ्लैट का निर्माण किया गया है लेकिन चार मंजिला भवन निर्माण के 6 वर्षों के पश्चात भी अब तक लिफ्ट का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है वहीं लिफ्ट निर्माण के लिए छोड़ा गया स्थान खुला होने से पुलिसकर्मी एवं परिवार को कभी भी गंभीर हादसे की आशंका के मध्य रहना पड़ रहा है। वही मकान में रहने वाले बुजुर्ग या पुलिस कर्मियों के परिवार में गर्भवती महिलाओं को भी कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।लेकिन इस गंभीर मामले पर न निर्माण एजेंसी ने ध्यान दिया और न ही विभाग

घरों से निकलने वाला गंदा तथा निस्तारी पानी निकासी की नहीं की समुचित व्यवस्था

कॉलोनी में अब तक वाहन पार्किंग तथा गार्डन निर्माण कार्य भी नहीं हो पाया है वहीं घरों से निकलने वाला गंदा तथा निस्तारी पानी निकासी की समुचित व्यवस्था भी नहीं की गई है। आवासीय कालोनी निर्माण कार्य के लिए करोड़ों रूपए स्वीकृत होने के पश्चात भी अधूरा निर्माण कर पुलिसकर्मी एवं परिवार को खतरों के मध्य छोड़ दिया गया है। आमजनता की सुरक्षा के खातिर चौबीसों घंटे ड्यूटी बजाने वाले पुलिसकर्मियों को अपने ही विभाग की अनदेखी के चलते जर्जर आवास में असुरक्षा के मध्य अपने परिवार सहित निवास करना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय के पुराना बस स्टैण्ड के समीप लगभग 121 वर्ष पूर्व निर्मित पुलिस लाईन के जीर्णोद्धार की दिशा में भी कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।बता दे कि नगर में थाना स्थापना के पश्चात 1903 में थाना भवन के समीप पुलिसकर्मियों के लिए खपरैल छत वाले 26 आवास बनाए गए थे जहां आज भी 122 वर्ष पुराने मकान में दो दर्जन पुलिसकर्मी अपने परिवार के साथ निवारसत हैं। उक्त जर्जर आवास को तोड़कर नवीन भवन निर्माण की दिशा में भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पुलिसकर्मी स्वयं का व्यय कर जर्जर अवास में तिरपाल लगा कर अथवा मरम्मत कर निवास करने मजबूर हैं।

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