बालोद।जरूरी नहीं कि रोशनी चिरागों से ही हो बेटियां भी घर में उजाला करती हैं. इस कहावत को बालोद शहर की बेटी आयुषी तिवारी ने चरितार्थ कर दिया है। अपनी मेहनत और लगन के दम पर आयुषी तिवारी एमबीबीएस पास कर डॉक्टर बन गई हैं। इनकी सफलता ने बालोद शहर के लिए मिसाल पेश की है। 05 साल तक एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा, लेकिन अब डॉक्टर के रूप में जनता की सेवा करने का सपना अब साकार हो रहा है।
आपको बतादे आयुषी तिवारी ने एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर डाक्टर बन चुकी है। आयुषी तिवारी ने शेडोंग फर्स्ट मेडिकल यूनिवर्सिटी (शेडोंग एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज) ताइआन, चीन से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। आयुषी तिवारी ने डाक्टर बनकर क्षेत्र का नाम रोशन किया और बेटियों के लिए मिशाल पेश किया है। जानकारी के अनुसार एमबीबीएस यानी बैचलर ऑफ़ मेडिसिन ऐंड बैचलर ऑफ़ सर्जरी, मेडिकल प्रोफ़ेशनल बनने के लिए की जाने वाली एक अंडरग्रेजुएट डिग्री है। यह कोर्स करीब साढ़े पांच साल का होता है। इसमें एक साल की इंटर्नशिप भी शामिल होती है।शेडोंग फर्स्ट मेडिकल यूनिवर्सिटी (शेडोंग एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज) ताइआन, चीन में आयोजित एक समारोह में उन्हें यह डिग्री प्रदान की गयी है। 5 सालों की कड़ी पढाई के बाद उनका सपना पूरा हुआ और वो डॉक्टर बनी। आयुषी तिवारी दो बहनों में सबसे बड़ी हैं और उनके पिता अखिलेश तिवारी सिविल कांट्रेक्टर व माता सुषमा तिवारी शिक्षिका है।
*बालोद की बेटी आयुषी ने की मिशाल कायम..एमबीबीएस डिग्री हासिल कर बनी डॉक्टर…कौन है आयुषी… पढ़े पूरी खबर*
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