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पत्रकार मुकेश चंद्राकर के हत्यारों को फांसी की मांग सहित इन मांगो को लेकर पत्रकारों ने निकाली कैंडल मार्च,राष्ट्रपति के नाम सौंपे ज्ञापन

बालोद – छत्तीसगढ़ के बीजापुर के युवा पत्रकार साथी मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद पत्रकारों में इस घटना को लेकर चौतरफा विरोध देखा जा रहा है यह घटना पत्रकारों के लिए स्तब्ध करने वाली एवं बेहद दुखद घटना है। बस्तर में पत्रकारिता हमेशा से चुनौतियों से भरी रही है। लेकिन ताज़ा घटना ने बता दिया है कि एक भ्रष्ट व्यवस्था के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की क़ीमत जान दे कर चुकानी होती है। पत्रकार साथी मुकेश चंद्राकर की हत्या से प्रदेश भर के पत्रकारों में गहरी पीड़ा और आक्रोश है।वही इस घटना के बाद बालोद जिला प्रेस क्लब ने मामले पर कड़ी निन्दा करते हुए शनिवार को कैंडल मार्च निकाला इस कैंडल मार्च में बालोद जिले के पत्रकारों के अलावा चैंबर आफ कामर्स,जिला अधिवक्ता,सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए ।इस दौरान बालोद जय स्तंभ चौक में मोमबत्ती जलाकर पत्रकार मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि अर्पित किए। इस घटना के बाद जिला प्रेस क्लब बालोद ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपे हुए यह मांग किया है कि इस हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी गठन कर जांच करवाई जाए और हत्यारों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें फांसी की सजा हो।

पत्रकार मुकेश चंद्राकर को दिया जाए शहीद का दर्जा

उनके परिवार को 1 करोड़ की आर्थिक सहायता एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिया जाए।वही केंद्र एवं राज्य सरकार से मांग किया गया कि बस्तर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी हो,।घटना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकारो को आये दिन झूठे मामले में फसाना,, मारपीट करना।ऐसे उत्पीड़न से पत्रकारों को गुजरना पड़ता है।

 


इन सब के लिए उठाया जाए कड़ा कदम

पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में जिस भी अधिकारी द्वारा लापरवाही की गई है उन पर भी कड़ी कार्यवाही की जाए।वही जिला प्रेस क्लब के सहित पत्रकारों ने कहा की शोक की इस घड़ी में जिला प्रेस क्लब बालोद अपने पत्रकार साथी मुकेश चंद्राकर के परिवार के साथ खड़ा है। आगे उनके परिवार को न्याय दिलाने अपनी आवाज लगातार बुलंद करते रहेंगे।


पत्रकारिता पर बढ़ता खतरा

पत्रकार मोहन दास मानिकपुरी ने कहा कि इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ, पत्रकारिता, आज गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में पत्रकारों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।

समाज और सरकार की जिम्मेदारी

पत्रकार राहुल भूतड़ा ने कहा कि मुकेश चंद्राकर की हत्या सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं है, यह पूरे समाज के लिए चेतावनी है। पत्रकार सिर्फ खबरें नहीं लिखते, वे समाज के सवालों को आवाज देते हैं। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल सरकार का दायित्व है, बल्कि समाज का भी नैतिक कर्तव्य है।

पत्रकारिता जगत इस घटना से आहत

पत्रकार टीकम पिपरिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता जगत इस घटना से आहत है और न्याय की उम्मीद कर रही है। इस मामले में शीघ्र कार्रवाई और ठोस कदम उठाकर सरकार यह संदेश दे सकती है कि लोकतंत्र में सच्चाई की आवाज को दबाया नहीं जा सकता।

केंडल मार्च में जिले के समस्त पत्रकार रहे शामिल

इस दौरान मोहनदास मानिकपूरी राहुल भूतड़ा अरूण उपाध्याय नरेश श्रीवास्तव किशोर साहू दीपक साहू परस साहू विकास साहू जगनाथ साहू जागेश्वर सिन्हा सतीश रजक अनीश राजपूत सजय सोनी चन्द्रभान साहू जितेंद्र कुमार साहू फुरकान खान देवेंद्र साहू हरिवंश देशमुख टीकम पिपरिया करण सोनी,शंकर साहू, राजेश चोपड़ा हेमशंकर सोनवानी राजेश साहू लक्ष्मण देवांगन शिव जयसवाल दीपक देवदास सोनू देवदास मधु सागर सन्दीप साहू देवधर साहू यूमल विश्वकर्मा लोकेश साहू संजय रामटेके रज्जाक खान मोती ठाकुर ऋषभ सिन्हा,मीनू साहू, हेमेंद्र सोनवानी,सहित बालोद जिले के समस्त पत्रकार शामिल रहे।

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