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बालोद।रूढ़ियां इच्छा और अकांक्षाओं का दमन करती है और जब बात महिलाओं के आगे बढ़कर काम करने की हो तो यह और अधिक प्रभावित करती है। लेकिन चुनौतियों के हर दौर में महिलाओं ने न केवल खुद को साबित किया है बल्कि हर क्षेत्र में बेहतर प्रबंधन के साथ कार्य करते हुए सफलता पाई है। ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो महिलाओं की बड़ी आबादी काम करना चाहती हैं लेकिन अवसरों की कमी उनके कदम आगे नहीं बढ़ने देते और आर्थिक रूप से सक्षम बन खुद को सबित करने की उनकी चाहत अधूरी रह जाती है। लेकिन बालोद जिले के गुण्डरदेही ब्लाक के संगम स्व सहायता समूह भिलाई की महिलाएं परंपरागत बंधनों को तोड़ आर्थिक रूप से सक्षम होकर सफलता की नई सीढ़ी चढ़ने को तैयार हैं। बालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखंड के ग्राम भिलाई की महिलाएं स्व-सहायता समूह से जुड़कर सामाजिक और आर्थिक उत्थान की मिसाल पेश कर रही हैं। बिहान योजना से जुड़ी महिलाएं विभिन्न आजीविका को अपने रोजगार का साधन बना रही हैं।ग्राम भिलाई की संगम महिला स्वयं सहायता समूह की महिलायें खेत-खलिहानों और बाडियो के काम में आने वाली फैंसिंग पोल का निर्माण कर रही हैं।
महिलाएं अपनी और परिवार की अच्छी परवरिश आजीविका के रूप में फेंसिंग पोल का निर्माण कर रही हैं। इस समूह के द्वारा अब तक सैकड़ों फैंसिंग पोल का निर्माण कर लिया गया है, जिसको सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में बेचकर और खर्चा कटाकर लगभग एक साल में 01 लाख रुपए कमा रही है। संगम स्व सहायता समूह की अध्यक्ष भेमा बाई साहू ने बताया कि बिहान के अंतर्गत समूह से जुड़ने लिए प्रेरित किया गया और समूह से जुड़कर महिलाएं कैसे आत्मनिर्भर बन सकती हैं, कैसे खुद का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं, इन सबकी जानकारी मिलने के बाद 25 फरवरी 2024 को फैंसिंग पोल बनाने का कार्य प्रारंभ किया गया। 9 लाख 87 हजार रूपये की मशीन खरीदने में खर्च हुआ।फैंसिंग पोल बनाकर आस पास के गावो में बेची जा रही है।इसके पहले गावो के चौक चौराहे में पोस्टर लगाकर प्रचार प्रसार किया गया था।जिसके बाद लोगों को जानकारी हुआ और फैंसिंग पोल खरीद रहे हैं। स्व सहायता समूह की महिलाओं को सालाना 01 लाख रुपए आय हो रही है जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनी हैं।