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बालोद में तांदुला के वेटलैंड जमीन का रिसॉर्ट के  लिए कैसे हुआ लीज …आबंटन की होगी जांच,प्रशासन ने  की जांच टीम गठित ,मंत्री से हुई थी शिकायत..पढ़े पूरी खबर सिर्फ प्रदेशरुचि पर

 

बालोद ..बालोद जिले के तांदुला बांध के भराव क्षेत्र (वेटलैंड) में रिसॉर्ट, रेस्टोरेंट और वॉटरपार्क बनाने के मामले में अब प्रशासन ने जांच के आदेश जारी कर दिया है। मामले को लेकर पूर्व में जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप से भी शिकायत की गई थी लेकिन मामला लंबे समय तक ठंडे बस्ते में रहा। वही पूरे मामले को लेकर बीते दिनों जिले के प्रभारी मंत्री विजय शर्मा के बालोद दौरे के दौरान बालोद जिले के भाजपा नेताओ ने। इसकी शिकायत प्रभारी मंत्री से किए थे जिसके बाद प्रभारी मंत्री ने मामले को लेकर बालोद कलेक्टर को इस पूरे निर्माण में की गई अनियमितता की जांच के आदेश दिए थे । वही मंत्री के आदेश के बाद बालोद जिला प्रशासन द्वारा जारी पत्र में कहा गया दिनांक 09.12.2024 को गृहमंत्री छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जिला बालोद भ्रमण के दौरान तांदुला जलाशय पर बने रिसार्ट के लीज आवंटन के वैधानिकता की जांच हेतु मौखिक निर्देश दिया गया है। अतएव मंत्री द्वारा दिये निर्देश के परिपालन में तांदुला जलाशय पर बने रिसार्ट को लीज पर आंबटन की वैधानिकता की जांच हेतु निम्नानुसार जांच टीम गठित की जाती है।

इस टीम का अध्यक्ष अपर कलेक्टर अजय किशोर लकड़ा के अलावा,अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बालोद,कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन विभाग बालोद सदस्य,कार्यपालन अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी बालोद,कार्यपालन अभियंता, लोक निर्माण विभाग बालोद,तहसीलदार बालोद को इस टीम में शामिल किया गया है। तथा पूरे मामले में  जांच समिति द्वारा इस आदेश के जारी होने के 15 दिवस के भीतर जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को प्रस्तुत करना होगा।

सूची में फॉरेस्ट डीएफओ का नाम शामिल नही किया गया

आपको बतादे बालोद जिला प्रशासन द्वारा मंत्री के आदेश पर जांच टीम बनाई गई है लेकिन वेटलैंड समिति का अभिन्न सदस्य वन विभाग के पदाधिकारी को इस टीम में शामिल नही किया गया है । जबकि तांदुला जलाशय से लगें जगह पर रिसॉर्ट का निर्माण किया गया है वह जगह जलसंसाधन और वन विभाग के सीमा क्षेत्र से लगा हुआ है वही इस जगह पर निर्माण के लिए वेटलैंड समिति की अनापत्ति की आवश्यकता होती है । इसके बाद समिति में वन विभाग को शामिल नही किया गया।

इन अनियमितताओं की होगी जांच…?

तांदुला जलाशय क्षेत्र में जिस जगह निर्माण किया गया है वह जगह वेटलैंड एरिया है जलवायु परिवर्तन विभाग एवं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल विभाग के अनुसार ऐसे जगहों पर निर्माण की अनुमति नहीं होती जबकि इन जगहों पर बकायदा पहले मुरुम खोदकर निकाला गया और इन आर्द्र भूमि में जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न निर्माण एजेंसियों के माध्यम से भवनों का निर्माण कराया गया ।

डीएमएफ (खनिज न्यास मद )की राशि का उपयोग

आपको बतादे इस रिसॉर्ट के निर्माण के लिए तत्कालीन सरकार में जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफ की बड़ी राशि का उपयोग किया गया है । शासन के गाइडलाइन के अनुसार डीएमएफ की राशि का उपयोग डीएमएम बुनियादी ढांचे का निर्माण और सुधार,पेयजल आपूर्ति,अपशिष्ट उपचार संयंत्रों का निर्माण,खान जल निकासी प्रणाली,खान प्रदूषण निवारण प्रौद्योगिकियों में निवेश,स्वास्थ्य सुविधाओं का निर्माण,स्कूल भवन, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, कला और शिल्प कक्ष का निर्माण,मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल,खनन से पीड़ित लोगों को वित्तीय सहायता,आजीविका सहायता,सड़क, पुल, और जलमार्ग परियोजनाएं,सिंचाई के वैकल्पिक स्रोत,ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत,बागों का विकास,एकीकृत खेती,जलग्रहण क्षेत्रों का पुनरुद्धार,पर्यावरण गुणवत्ता बढ़ाने के उपाय के लिए किया जाना होता है।

मनोरंजन के लिए डीएमएफ की राशि का उपयोग..?

आपको बतादे बालोद जिले में डीएमएफ की राशि का दुरूपयोग का मामला लगातार सामने आया है। मामले को लेकर वर्तमान सांसद भी कई बार मीडिया के सामने बालोद जिले में पिछले सरकार के समय डीएमफ की राशि का दुरूपयोग होने तथा मामले पर जांच कराने की बात कह चुके है तथा इसी के चलते बालोद जिले में नए सांसद निर्वाचित होने के बाद दिशा समिति की बैठक भी काफी विलंब से हुई वही बालोद जिले के तांदूला जलाशय में हुए निर्माण में डीएमएफ की राशि का गलत तरीके से उपयोग किए जाने की भी शिकायत भाजपा कार्यकर्ताओ ने मंत्री से किए थे जिसके बाद मंत्री के द्वारा पूरे मामले को लेकर जांच के मौखिक आदेश दिए थे लेकिन मंत्री के आदेश के बाद जांच किन किन मामलो में होती है देखना अभी बाकी है।

तांदुला जलाशय  पर बने रिसॉर्ट क्या सही है..वेटलैंड एरिया  पर निर्माण कितना सही ..जलाशय की सरंचना से छेड़छाड़ कितना सही….इस  परआप अपनी प्रतिक्रिया मुझे मेरे नंबर 9893162815 पर अपना नाम,पता,फोटो के साथ  भेज सकते है

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