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बालोद जिला के वनांचल क्षेत्र मे स्थित ग्राम बाघमार मे इन दिनो लगा है मांझी सरकार के कई राज्यों से आए सिपाहियो का जमावड़ा

बालोद।बालोद जिला के वनांचल मे स्थित ग्राम बाघमार मे इन दिनो मांझी सरकार के सिपाहियो का जमावड़ा है। हर साल 5 दिसम्बर को देश के विभिन्न हिस्सो से यहॉ हजारो की तादात मे सिपाही अपने मांझी सरकार के संस्थापक स्व.हीरासिंह देव उर्फ कंगला मांझी के पुण्यतिथि में श्रद्धांजलि देने यहॉं पहुंचते है। बतादे ये वही मांझी सरकार है जिन्होंने अंग्रेजो की नाक में दम कर दिया था और नेता जी सुभाष चंद्र बोष के आजाद हिन्द सेना से काफी प्रेरित हुए थे। जहा इस बार भी वर्दी धारी सैनिक बड़ी तादात मे इस स्थल पर पहुॅचकर अपने संस्था के संस्थापक की समाधि मे श्रद्धा के फूल अर्पित किये।गुरुवार को पारम्परिक पूजा के साथ इस तीन दिवसीय आयोजन का शुरूवात हुआ।

जंगलो के बीच स्थित ग्राम बाघमार और यह स्थल मॉंझी धाम के नाम से जाना जाता है।जहॉ इन दिनो चप्पे चप्पे पर खाकी वर्दी मे सिपाही नजर आ रहे है। ये सभी महिला पुरुष सिपाही मांझी सरकार के सैनिक है। दरअसल देश के विभिन्न हिस्सो छत्तीसगढ़ के साथ साथ मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र , उत्तरप्रदेश ,बिहार ,मद्रास से आये इन सिपाहीयो के लिये यह स्थान बेहद मायने रखता है।यही वह स्थान जहॉं इनके संस्था के संस्थापक स्व.हीरासिंह देव उर्फ कंगला मांझी का निवास स्थान है और यही उनका समाधि भी है।जहॉ हर साल 5 दिसम्बर को अपने सरकार के संस्थापक स्व.हीरासिंह देव उर्फ कंगला मॅांझी को श्रंद्वाजली देने यहॉं इनके सिपाही पहुंचते है।गुरुवार की दोपहर पारम्परिक पूजा के साथ इस आयोजन का शुरूवात हुआ।जो कि लगातार विभिन्न आयोजन के साथ तीन दिनो तक चलेगा।जिसमे स्व.हीरासिंह देव की धर्म पत्नी श्रीमती फूलवा देवी,उनका पुत्र कुंभदेव कॉंगे व उनका पूरा परिवार उपस्थित हुआ।इस मौके पर मॉझी सरकार के सिपाहियो ने उनकी समाधि मे अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये उनके बताये मार्ग मे चलने संल्कपित हुए |

इस संस्था के संस्थापक स्व.हीरासिंह देव उर्फ कंगला मांझी के निधन के बाद अब इस सरकार का बागडोर उनकी धर्म पत्नी श्रीमती फूलवा देवी सम्हाली हुई है।जो कि इस संस्था के माध्यम व मांझी जी के बताये मार्गो का अनुसरण करते हुये सैनिको को जीवन मे आगे बढ़ने की सीख देती हुई सैनिको सक्षम बनाना चाहती है।

 

आजाद हिंन्द फौज के सिपाहियो की वर्दी और अनुशासन को अपनाकर ये सिपाही काफी गौरव महसूस करते है।ऐसे समय मे हर साल यहॉ ये सिपाही आते है और ऐसे मुश्किल हालातो मे भी यहॉं रहते हुये भी इन सैनिको की आस्था अपनी सरकार के प्रति जरा भी कम नही होती।मांझी सरकार के इन सिपाहियो मे अपनी सरकार के प्रति अटूट आस्था है।इन सैनिको मे महिलाये भी शामिल है।सभी मे अपनी सरकार के प्रति गजब का समर्पण है।इनके दिलो मे कंगला मॅांझी के लिये अपार श्रद्धा है।वही इनके साथ साथ कंगला मॅांझी का परिवार भी अपनी इस संस्था के लिये बेहद गंभीर है।

 

बहरहाल इन सैनिको की मांझी सरकार के प्रति आस्था हि कहा जाए जिसके चलते आजादी से पहले गठित इस सरकार का अस्तित्व आज भी कायम है।और इनके लाखो सिपाही आज भी देश के विभिन्न हिस्सो मे निवासरत है।

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