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कलेक्टर ने की जिले में पशुधन विकास विभाग और मछली पालन विभाग के विभागीय कार्यों की समीक्षा

बालोद। कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल ने आज संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में पशुधन विकास विभाग और मछली पालन विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने विभागवार प्राप्त लक्ष्यों की जानकारी ली तथा विभागीय लक्ष्य को समय पर प्राप्त करने तथा कार्यों के निर्वहन में प्रगति लाने के दिए निर्देश कलेक्टर ने बैठक में पशुधन विकास विभाग के अनुपस्थित चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर चन्द्रवाल ने पशुधन विकास विभाग में उपलब्ध संसाधनों तथा विभाग अंतर्गत जिले में चल रहे विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा की। पशुधन विकास विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिले में 18 पशु चिकित्सालय, 41 पशु औषधालय, 01 चल विरूजालय और 01 पशु चिकित्सा इकाई संचालित है। इस वर्ष विभाग द्वारा कुल 452 निःशुल्क पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें पशु उपचार, औषधि प्रदाय, बधियाकरण, शल्य क्रिया, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, रोग परीक्षण, गोबर नमूना जाँच आदि किया गया है। कलेक्टर ने कृत्रिम गर्भाधान के संबंध में विस्तृत समीक्षा करते हुए प्राप्त लक्ष्य और अब तक किए गए कृत्रिम गर्भाधान की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि समय पूर्व सभी कृत्रिम गर्भाधान के लक्ष्यों की प्राप्ति कर लें। इसके लिए प्रति माह समीक्षा बैठक आयोजित कर लक्ष्य प्राप्ति में आने वाली समस्याओं का निराकरण करते हुए शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करें। कलेक्टर चन्द्रवाल ने पशुधन विकास विभाग के अंतर्गत हितग्राहीमूलक योजनाओं की भी जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि विभाग अंतर्गत बैकयार्ड कुक्कुट पालन, बकरा वितरण, उन्नत मादा वत्सपालन, सांड वितरण आदि का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। लक्ष्यों की प्राप्ति के संबंध में निरंतर कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर चन्द्रवाल ने कहा कि विभाग अंतर्गत जो लक्ष्य प्राप्त हुए हैं उन्हें समय पर प्राप्त करें। पशुपालकों को इन योजनाओं का समय पर लाभ दिलाना सुनिश्चित करें।

कलेक्टर चन्द्रवाल ने मछली पालन विभाग के अंतर्गत मत्स्य पालन क्षेत्रों सहित विभागीय योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले में 96 पंजीकृत मछुआ सहकारी समिति है। जिसमें 05 हजार 477 सदस्य जुड़े हुए हैं। जिले में मत्स्य बीज उत्पादन संसाधन अंतर्गत 04 शासकीय और 07 निजी प्रक्षेत्र संचालित है। इसके साथ ही चायनीज हेचरी, संवर्धन पोखर तथा उपलब्ध जल क्षेत्रों में भी मत्स्य बीज उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में शिक्षण-प्रशिक्षण योजना के तहत मछली पालन के संबंध में मत्स्य पालकों को आगामी माह में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। विभाग द्वारा समय-समय पर विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं के तहत मछली जाल और आईसबाॅक्स का भी वितरण किया जाता है। कलेक्टर चन्द्रवाल ने कहा कि जिले में मछली पालन क्षेत्र के विस्तार हेतु योजनाबद्ध ढंग से कार्य करें। इस अवसर पर पशुधन विकास विभाग और मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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