बालोद बालोद जिले के जिला जेल में बंद विचाराधीन बंदी तिलक की अचानक तबियत बिगड़ने का मामला सामने आया है। जिसे बालोद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हरनसिंघी निवासी बंदी तिलक ठाकुर पिता हेमलाल ठाकुर के हाथ और पेट में कई जगहों पर किसी नुकीले हथियार से कटने का निशान मिला है। बंदी तिलक ठाकुर 28 मई से जेल में बंद है। जो कि 376 पॉक्सो का आरोपी है। आपको बतादे गुरुवार को बंदी तिलक ठाकुर को जिला सत्र न्यायालय में पेशी हेतु लाया गया था, जहां उसकी तबियत बिगड़ी और फिर उसे जिला अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टर द्वारा उसे एडमिट कर ड्रिप चढ़ाई गई। जिसके बाद विचाराधीन बंदी के शरीर में चोट के निशान कैसे आये, क्या अन्य बंदियों के बीच मारपीट से कटा है या फिर कैदी ने खुद ही अपने हाथ और पेट को काटा है, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।
वही सबसे बड़ा सवाल यह है कि जेल में बंद विचाराधीन बंदी को इस तरह की नुकीले हथियार आखिर कहां से मिला..? जिससे उसके हाथ और पेट में निशान हैं। इस पूरे मामले को लेकर जहां घायल बंदी के पिता हेमलाल ठाकुर ने मामले में निष्पक्ष जांच करने की मांग हैं। वहीं इस पूरे मामले को लेकर जेलर और जिला अस्पताल प्रबंधक कुछ कहने से बच रहें हैं।
बता दे कि तिलक ठाकुर को इससे पहले 29 मई को स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण सुबह 7 बजे जिला अस्पताल उपचार व जांच हेतु भेजा गया था, जहां उसे भर्ती भी किया गया था।
आपको बतादे बालोद जिला जेल में इससे पहले भी कैदी के मौत और कैदी फरार होने के मामले सामने आ चुका है वही इस बार कैदी के तबियत बिगड़ने के बाद कैदी के शरीर से मिले चोटों के निशान जिला जेल प्रबंधन की व्यवस्था की भी पोल खोल रही है । बहरहाल देखना होगा पूरे मामले पर जांच टीम कब तक गठित हो पाती है और इस पूरे मामले में जेल प्रबंधन की जिम्मेवारी किस तरह तय की जाती है ये देखने वाली बात होगी।