बालोद।जिले के अव्यवस्थित यातायात एवं प्रमुख मार्गों में हुए अवैध अतिक्रमण के चलते होने वाली घटना दुर्घटना को देखते हुए कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल ने विगत माह यातयात के नियमों का पालन नहीं करने वालों पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश के साथ ही नगरीय निकाय क्षेत्रों में स्कूल, कॉलेजों तथा हॉट बाजार, नगर के प्रमुख मार्गों में जागरुकता अभियान चलाए जाने के लिए मुख्य नगरपालिका, नगर पंचायत अधिकारियों को तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को सड़कों से अवैध अतिक्रमण हटाने तथा यातायात को सुगम बनाने के लिए सभी जरुरी उपाय करने के निर्देश दिए थे।लेकिन कलेक्टर का आदेश का दरकिनार करते हुए बालोद नगर पालिका प्रशासन द्वारा क्षेत्र में मुनादी करवाकर महज चेतावनी देकर पालिका प्रशासन अपने कर्तव्यों की पूर्ति करने में लगा हुआ है।
महज चेतावनी देकर अपने कर्तव्यों की पूर्ति करने में लगा हुआ है नगर पालिका प्रशासन
बता दे की जिला मुख्यालय के मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा लगभग तीन माह से मुनादी के माध्यम से शहर के प्रमुख मार्गों में अवैध अतिक्रमण कर दुकानदारी करने वालों तथा दुकानों से बाहर सड़कों पर होडिंग, बैनर, पोस्टर पर कार्यवाही किए जाने की चेतावनी दी जा रही है लेकिन विगत् तीन माह में अब तक एक बार भी किसी दुकान संचालक के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं किया गया है। महज चेतावनी देकर पालिका प्रशासन अपने कर्तव्यों की पूर्ति करने में लगा हुआ है। नगर प्रशासन एवं जिला यातायात विभाग द्वारा सख्त कदम नहीं उठाए जाने से जिला मुख्यालय की यातायात व्यवस्था दिन प्रतिदिन बहाल होती जा रही है।
पूरी तरह से चरमरा गई नगर की यातायात व्यवस्था
प्रमुख मार्गों में ही कब्जा कर दुकानदारी चलाए जाने तथा अस्त व्यस्त रूप से दोपहिया, चारपहिया वाहन खड़ी कर देने से नगर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। नगर के गंजपारा से जवाहर मार्केट तथा प्रमुख मार्गों में अवैध कब्जा कर दुकानदारी किए जाने से आए दिन जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। व्यापारी अपनी चारपहिया वाहन भी सदर मार्ग में ही खड़ी कर रहे हैं जिसके चलते आमजनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नगर के वार्ड क्रमांक तीन नयापारा तथा सरदार पटेल मैदान के समीप संचालित शासकीय विद्यालयों में प्रतिदिन हजारों की संख्या में विद्यार्थी पैदल अथवा सायकल से आवागमन करते हैं। स्कूल के समय में भी नगर के मध्य भारी वाहनों का आवागमन तथा दुकानों के सामने ही भारी वाहन खड़ी कर सामान उतारने चढ़ने की परंपरा के चलते दुर्घटना की आशंका के मध्य विद्यार्थियों को आवागमन करना पड़ता है।
जिला मुख्यालय बने 12 वर्ष बीत जाने के बाद जिला प्रशासन द्वारा अवैध कब्जा को हटाए जाने के लिए नही उठाया कोई कदम
नगर को जिला मुख्यालय का दर्जा मिलने के 12 वर्ष बीत जाने के पश्चात् आज तक एक बार भी नगर यातायात अथवा जिला प्रशासन द्वारा अवैध कब्जा को हटाए जाने के लिए कदम नहीं उठाया गया है। प्रशासनिक कमजोरियों एवं जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।अवैध कब्जाधारियों तथा मुख्य मार्ग में बेतरतीब ढंग से वाहन खड़ी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाए नगरपालिका प्रशासन व्यापारियों से सामान दुकान से बाहर नहीं निकालने तथा बेतरतीब ढंग से वाहन मुख्य मार्ग में खड़ी न करने की सिर्फ अपील करते हुए नजर आ रही है लेकिन कहीं भी पालिका प्रशासन की अपील का कोई प्रभाव नजर नहीं आ रहा है।