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बालोद में पहली बार आयोजित होगी नीट की परीक्षा, 405 परीक्षार्थी होंगे शामिल…इससे पहले जिले के होनहारों को परीक्षा देने दुर्ग,भिलाई,रायपुर जैसे बड़े शहरों की ओर जाना पड़ता था

बालोद- जिले में पहली बार मेडिकल एंट्रेस एग्जामिनेशन नीट यूजी की परीक्षा आयोजित की जा रही है। इससे पहले नीट के परीक्षार्थियों को अन्य जिलो के सेंटर दुर्ग, धमतरी, रायपुर एवं राजनांदगांव में निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन इस दफा पहली बार जिले सहित आसपास के नीट यूजी की परीक्षार्थी अपने ही जिले में परीक्षा दिला सकेंगे। 5 मई रविवार को यह परीक्षा आयोजित होगी। इसके लिए कुल 2 सेंटर जिला मुख्यालय बालोद में गर्ल्स हाईस्कूल और स्वामी आत्मानंद हिंदी मीडियम स्कूल (सेजस) में सेंटर बनाए गए हैं। गर्ल्स हाईस्कूल में 213 और आत्मानंद हिंदी माध्यम में 192 परीक्षार्थी शामिल होंगे। जिसे लेकर दोनों ही सेंटर के केंद्राध्यक्ष द्वारा तैयारी की जा रही हैं। एक ही पाली में परीक्षा आयोजित होगी। परीक्षा का समय दोपहर 2 बजे से 5 बजकर 20 मिनट तक होगा। आधे घँटे पहले यानि कि डेढ़ बजे गेट के बंद होने के पहले सेंटर में पहुचना अनिवार्य है। लेकिन परीक्षार्थियों को सुबह 11 बजे सेंटर में आना होगा। क्योकि एनटीए (नेशनल टेस्ट एजेंसी) में नियुक्त कर्मचारियों के द्वारा गोपनीय जांच किया जाएगा। जैसे मेटल डिटेक्टर, बायोमेट्रिक टेस्ट, रेटिना टेस्ट होगा। इससे यह पता चलेगा कि सही परीक्षार्थी ही बैठ रहे है या नही। आधार कोड के बार कोड का भी वेरिफिकेशन होगा। और ये सब होने के बाद परीक्षार्थी को होलोग्राम लगाकर एप्रूवल मिलेगा, फिर सही बच्चा सही जगह पर बैठेगा। ये प्रक्रिया 11 बजे से डेढ़ बजे तक चलेगी। फिर 2 बजे परीक्षा का समय शुरू होगा, जो 5 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। अब छात्रों के पास अपनी तैयारियों को फाइनल टच देने का ही समय बचा है। नीट के आधार पर एम्स के साथ ही मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन दिए जाएंगे।

प्रवेश पत्र के साथ फोटोयुक्त परिचय पत्र लाना अनिवार्य-
सिटी कार्डिनेटर बीएन योगी ने बताया कि आयोजित परीक्षा के दौरान सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे। एनटीए के सुरक्षागार्ड गेट में तैनात रहेंगे। जिसमें एक महिला और एक पुरूष होंगे। उड़नदस्ता की टीम भी निगरानी करेगी। उड़नदस्ता की टीम में कलेक्टर के द्वारा नियुक्त अधिकारी होंगे। परीक्षा प्रभारी योगी ने बताया कि परीक्षार्थी अपने साथ प्रवेश पत्र के अलावा फोटोयुक्त परिचय पत्र साथ लाना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि बालोद को सेंटर बनाने का मुख्य उद्देश्य है कि बच्चों को स्थानीय स्तर पर सुविधा दी जाए। पहले बच्चे अन्य जिलों में बने सेंटर पर निर्भर रहते थे। उन्हें वहां जाकर परीक्षा दिलानी पड़ती थी। लेकिन पहली बार बालोद जिले में परीक्षा होने से स्थानीय बच्चों को सुविधा राहत और सुविधा मिलेगी।

बालोद सेंटर होने से मिली राहत

नगर के गंजपारा निवासी परीक्षार्थी राघव पटेल बताते है कि बालोद में केंद्र होने से बड़ी राहत मिली है नहीं तो अन्य जिले में बनाए गए सेंटर में जाना पड़ता था। मई 2023 में मुझे भिलाई के केपीएस स्कूल में सेंटर मिला था, परिणाम आने पर मुझे 490 अंक मिले थे। लेकिन सरकारी कालेज में मुझे दाखिला नही मिल पाया था, चूंकि प्राइवेट कॉलेज में फीस बहुत महंगी है, तो मैंने फिर से परीक्षा की तैयारी शुरू की।

■एग्जाम के दौरान छोटी-छोटी गलतियों से बिगड़ता ही पेपर, सावधानी बरतें-

प्री एग्जाम डिस्कशन से बचें
जैसे ही आप एग्जाम सेंटर पहुंचेंगे वहां ज्यादातर बच्चे आपको हाथ में किताबें लिए कुछ पढ़ते नजर आएंगे या फिर ये बात करते नजर आएंगे कि उन्होंने क्या-क्या पढ़ा है। यहां तक कि एग्जाम हॉल में पेपर मिलने से पहले तक भी वे डिस्कस करते हैं। आपकी तैयारी कैसी भी हो दूसरों की बातें सुनकर जरा भी न घबराएं। इससे पेपर बिगड़ सकता है।

बैठने के पहले सीट जांच ले-
जो भी टेबल व कुर्सी अलॉट की गई है, उसे अच्छी तरह से जांच लें। देखें वहां कोई पर्ची, च्युइंगगम, ब्लू टूथ न हो, अगर कुछ मिले तो उसे एग्जामिनर को सौंप दें। वहीं यह भी चेक करें कि कुर्सी व टेबल हिल तो नहीं रही है। या टूटी-फूटी तो नहीं है। ऐसा होने से ओएमआर भरने में परेशानी आ सकती है।

दवा अपने साथ रख सकते हैं-
कोई दवा लेते हैं तो प्रिस्क्रिप्शन के साथ टैबलेट लेकर जाएं। अगर रीनल पेन या अन्य किसी परेशानी से कभी भी तकलीफ होती है तो डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के साथ दवा सेंटर पर लेकर जाएं। एग्जाम के बीच दर्द होने पर पेपर में नुकसान होगा।

सवालों से घबराएं नहीं

किसी पार्ट में लगातार सवाल मुश्किल आ रहे हैं तो घबराएं नहीं और संयम रखें। संभव है कि आगे के सवाल आसान हों।

ओएमआर पर स्याही न लगे
इन्विजिलेटर, बीच में थंब इंप्रेशन लेने आपके पास आएंगे, तो ध्यान रखें कि इसकी इंक ओएमआर पर न लगे। इनविजिलेटर को जिम्मेदारी पूर्वकओएमआर सौंपकर आए।

 

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