बालोद। बालोद जिले में पिछले कुछ दिन पहले यातायात जागरुकता सप्ताह के माध्यम से लोगो को यातायात नियमों का पालन करने की जानकारी यातायात विभाग द्वारा दिया गया वही जागरूकता अभियान के साथ बिना हेलमेट 3 सवारी बाइक सवारों सहित छोटे वाहनों पर कार्यवाही कर विभाग के जिम्मेदार खुद अपनी पीठ थपथपाते नजर आए लेकिन इनका ध्यान सिर्फ छोटे वाहनों तक सीमित रही और दूसरी तरफ ओवरलोड हाइवा जिला मुख्यालय से धड्डले से गुजरती रही लेकिन जिम्मेदारों की नजर इन पर नही पड़ी ।
आपको बतादे बालोद जिले के विभिन्न मार्गो पर पर बेधड़क ओवरलोड रेत ,गिट्टी और बजरी से भरे डंपर दौड़ रहे हैं। जबकि बालोद जिले के आरटीओ और पुलिस विभाग इससे अच्छी तरह से वाकिफ है उसके बावजूद भी कार्रवाई नहीं की जा रही। नियमों के मुताबिक ओवरलोड चलाना तो गैरकानूनी है ही साथ में वाहन चालकों के लिए भी मुसीबत बने हुए हैं। प्रशासन और पुलिस की ओर से न तो इनका चालान किया जा रहा है और नहीं ही इन डंपरों को बंद किया जा रहा है। नेशनल हाईवे सहित कई ग्रामीण अंचलों से रोज 100 से अधिक रेत और गिट्टी से भरे ओवरलोड डंपर निकल रहे हैं। शहर की मुख्य सड़क से वाहन तेज रफ्तार से ओवरलोड परिवहन करते हुए वाहन दौड़ाए जा रहे हैं। जिस कारण मुख्यताः बालोद दल्ली राजहरा नेशनल हाईवे पर ओवरलोड डंपरों से हादसों का अंदेशा बना हुआ है।
NH 30 और 930 से रोजाना गुजरती है ओवरलोड रेत और गिट्टी से भरे ट्रके
बालोद जिले से गुजरने वाली दो NH 30 और 930 पर रोजाना सैकड़ों ओवरलोड डंपर मुख्यतः धमतरी, दुर्ग राजनांदगांव सहित बालोद जिले की कुछ खदानों से रेत, गिट्टी और आयरन ओर भरकर नेशनल हाइवे होते हुए शहर व ग्रामीण इलाको और अन्य शहरों तक पहुंच रही हैं। साथ ही क्षेत्र के क्रेशर खदानों से भी गिट्टी भरकर ओवरलोड डंपर दिन और रात के समय परिवहन कर रहे हैं। इन डंपरों के ओवरलोड और तेजी से गुजरने के दौरान रोड पर रेत और गिट्टी का बिखराव भी होता है। जिसके चलते दूसरे दो पहिया वाहन फिसलकर हादसे का शिकार भी बन रहे हैं। नया बस स्टेंड व नेशनल हाईवे 930 में ढाबों पर भी ओवरलोड डंपर घंटों खड़े रहते हैं। इसके बाद भी अधिकारी कार्रवाई नहीं करते। परिणाम स्वरूप इन दिनों शहर की सड़कों पर दिन और रात के समय डंपर चालक तेज रफ्तार के साथ वाहनों में ओवरलोड रेत और गिट्टी भरकर अवैध रूप से परिवहन कर रहे हैं। हादसों की आशंका बनी हुई है। शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसके बावजूद प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा। इन वाहन मालिकों को किसी प्रशासन व अधिकारियों का कोई डर नहीं है। प्रशासनिक, पुलिस और खनिज विभाग के अधिकारी सख्त कार्रवाई करने से बचते दिख रहे हैं। स्टाक से भरकर तय स्थानों पर पहुंचाई जाती है। रेत माफियाओं द्वारा धमतरी व बालोद जिले से रेत का ओवरलोड परिवहन रोज हो रहा है। शहर में प्रवेश करने वाले ओवरलोड डंपर रोज बालोद यातायात कार्यालय व कोतवाली के सामने से गुजरते हैं। फिर भी पुलिस विभाग के जिम्मेदारों की नजर इन गाड़ियों पर नही पड़ती। जिसका फायदा हाइवा चालक उठाकर रेत और गिट्टी से भरे ओवरलोड डंपर मेन रोड से ही आसानी से निकल जाते है।
ओवरलोड वाहनों के कारण बिगड़ रही सड़कों की सूरत
जो भी सड़क नयी बनती है उसे ही ओवरलोड वाहन अपना निशाना बना लेते हैं, इस कारण कुछ ही दिन में सड़क की सूरत बिगड़ जाती है। ओवरलोड वाहनों के कारण शहर से ग्रामीण इलाकों तक सड़कों की हालत खस्ता हो रही है। मोटी कमाई के फेर में वाहन चालक यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। जिनकी तरफ यातायात/परिवहन विभाग भी कोई ध्यान नहीं दे रहा। ऐसे में वाहन मालिक व चालकों के हौसले बुलंद हैं। जबकि मेन हाईवे से गांवों को जोड़ने वाली लिंक सड़कें ग्रामीण लोगों की सुविधा के लिए बनाई जाती हैं, जिनका ग्रामीण लोगों को कोई फायदा नहीं मिल पाता। हालात यह हो जाते हैं कि वाहनों की ओवरलोडिग के कारण सड़क टूट जाती है, जिसके चलते गांवों में आने जाने वाले दो पहिया वाहन चालकों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है।
ओवरलोड डंपर में उपर तक भरा जा रहा है रेत
डंपर ओवरलोड होने के कारण अनियंत्रित होने का खतरा बना रहता है। जो अनियंत्रित होकर सड़कों पर पलट जाते हैं। इससे बड़ा हादसा होने का भय बना रहता है। ओवरलोड डंपर में रेत उपर तक भरा जा रहा है जिसे ढका हुआ नहीं है और वह हवा में उड़कर रास्ते में वाहन चालकों की आंखों में डल रहा है। जिससे वह भी हादसे का शिकार बन सकते हैं।
दो पहिया छोटे वाहनों पर कार्यवाही लेकिन ऐसे वाहनों को छूट
आपको बतादे बालोद जिले में पिछले कुछ दिनों में कहां लगातार सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा देखा गया इसके बावजूद जिला यातायात विभाग इनसे कोई सबक लेने को तैयार नहीं वाहन जांच के नाम पर आए दिन दो पहिया व छोटे वाहन चालक ही परेशान होते नजर आते है जबकि शासन के नियम व सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते वाले ऐसे वाहनों को जिम्मेदार विभाग के अधिकारियो द्वारा खुली छूट दे दी गई है।