बालोद- नववर्ष 2024 में सुख, समृद्धि, वैभव और स्वस्थ जीवन की कामना करते हुए श्रद्धालुओं ने गंगा मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके अलावा जिले के अन्य मंदिरों में भी सुबह से भक्तों का तांता लगा रहा। भक्ति के सामने सुबह की ठंड मंद पड़ गई। नए साल का लोगों ने पूरे उत्साह के साथ स्वागत किया। लोग सुबह घरों से उठे और स्नान किया। उसके बाद सीधे मंदिरों का रुख किया। ठंड की भी भक्तों को परवाह नहीं रही। जिले के सबसे बड़ा धार्मिक स्थल झलमला स्थित गंगा मैया मंदिर में भक्तों का सुबह से तांता लगा रहा।
लोग अपने अपने अंदाज में किए नए साल 2024 का स्वागत
वर्ष 2023 को अलविदा कर सोमवार एक जनवरी को लोगों ने नए साल 2024 का स्वागत अपने-अपने अंदाज में किया। देर रात तक लोगों के साथ युवा नए साल के जश्न में डूबे रहे। वहीं नए साल के पहले दिन जिले के धार्मिक व पर्यटन स्थलों में पर्यटकों की भीड़ रही। रायपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई, धमतरी के लोग मनोरंजन के लिए पहुंचे थे। वहीं धार्मिक स्थलों में मत्था टेक मंगल कामना के साथ विश्व शांति की प्रार्थना की गई।
दर्शन को गंगा मैया में सुबह रही श्रद्धालुओं की लाइन
जिले के धार्मिक पर्यटन स्थल झलमला स्थित गंगा मैया मंदिर में सुबह से पर्यटकों की भारी भीड़ लगी रही। नया वर्ष के प्रथम दिन ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी। पर्यटक मां गंगा मैया का दर्शन कर मनोकामना मांगी। मन्दिर परिसर में पिकनिक मनाए और ख़ुशी का इजहार किया। यहां दूर-दराज से आए लोग मंदिर समिति से मिली सुविधाओं का उपयोग करते हुए सुकुन के पल बिताए। मंदिर के अंदर गर्भगृह में श्रद्धालू पहुचकर माता का दर्शन कर रहे हैं।
सिया देवी मन्दिर में भारी भीड़
जिले के प्राकृतिक सुंदरता के बीच मां सिया देवी की चमत्कारिक एरिया पर्यटन स्थल में नए साल पर पर्यटकों का भारी भीड़ रही। मन्दिर परिसर में श्रद्धालुओं और पर्यटकों अच्छी भीड़ रही। यहां किसी घटना-दुर्घटना की आशंका में भीड़ नियंत्रित करने के लिए पुलिस को व्यवस्था संभालनी पड़ी। यहां लोग प्राकृतिक, झूले, चट्टान का आनंद उठाया। प्राकृतिक सुंदरता के बीच पिकनिक मनाते खूब खेले-कूदे और ईंट से बनाए चूल्हे जलाकर ही भोजन बनाकर सामूहिक भोज किए। कहा जाए वे आज के दिन प्राकृति के गोद में डूबे रहे।