बालोद जिले में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशासन लगातार अपनी तैयारी कर रही है…लेकिन चुनाव नजदीक आते ही जिले के ग्रामीण अंचलों में अपने पुराने समस्याओं का समाधान नही होने से नाराज ग्रामीण अब चुनाव बहिष्कार की चेतावनी देते नजर आ रहे है…ऐसा ही मामला सामने आया है बालोद जिलें आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र डौंडी लोहारा विधानसभा के दर्रा टोला गांव से…जहां के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दे दिए है
दरअसल डौंडीलोहारा विधानसभा अंतर्गत ग्राम पंचायत धोबेदंड का आश्रित ग्राम दर्राटोला के ग्रामीण पिछले कई वर्षों से अपने गांव को राजस्व गांव घोषित करने की मांग कर रहे है…लेकिन इनकी मांगे पूरी नहीं होने से सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण बालोद कलेक्ट्रेट पहुंचे….जहां पर ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम दर्राटोला को राजस्व ग्राम बनाने की मांग वे वर्ष 2000 से करते आ रहे है….कई बार आवेंदन शासन-प्रशासन को दिया जा चुका है…..लेकिन उनकी मांग आज तलक पूरी नही हुई…जिसके चलते इस बार ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी के साथ कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा हैं।
कार्यालय के लगातार लगा रहे है चक्कर-
ग्रामीण देव प्रसाद भण्डारी, रामेश्वर, रोहि दास, खेदूराम ने जानकारी देते हुए बताया कि गांव में लगभग 150 घर है और गांव की जनसंख्या लगभग 1 हजार है। पहले गांव का राजस्व फाईल व नक्शा कार्यालय से गुम हो गया है। इसलिए वर्ष 2021 से पुनः फाईल तैयार कर अपने गाव को राजस्व गांव घोषित किये जाने की मांग करते आ रहे हैं। इस संबंध में लगातार कार्यालय का चक्कर काटते काटते ग्रामीणों के कई हजार रूपये खर्च हो चुके है। सभी आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के पश्चात भी फाइल बहुत दिनों से कलेक्ट्रेट कार्यालय में जमा है। ग्रामीणों ने आवेदन पर सकारात्मक पहल करते हुए अविलम्ब गांव को राजस्व गांव घोषित करने की मांग की है। वही ग्रामीणों ने चेतवानी देते हुए कहा है कि यदि मांग पर सकारात्मक पहल नहीं की जाती है तो आने वाले विधान सभा चुनाव का समस्त ग्रामवासियों द्वारा बहिष्कार किया जायेगा। आवेंदन सौपने वालो में प्रमुख रूप से बीरम भाई, अशोक बाई, सरोज बाई, रमेश्वरी, तिलोका बाई, सतरूपा बाई, परमेश्वरी, बसंती बाई, सुनीता बाई, ओम बाई, अहिल्याबाई भंडारी, सुभद्रा बाई, कौशल्या बाई, सीमा बाई, त्रिवेणी, तामेश्वरी, राकेश कुमार, धर्मेंद्र कुमार, डिगेश कुमार, संतोष पूनारद, द्वारका, राजकुमार, रामकुमार, संतराम रावटे, राधेश्याम, गोपाल, नेमीचंद, सहित सैकड़ो की संख्या में महिला, पुरुष ग्रामीण मौजूद रहे।