बालोद/दल्ली राजहरा। आज देशभर में ट्रांसपोर्ट एक ऐसा व्यवसाय बनकर सामने आया है जो आम लोगो के साथ साथ व्यवसाइयों के लिये एक मूल जरूरत बन चुकी है। यह व्यवसाय देश के ज्यादातर इलाको में सिर्फ भरोशे पर या कच्चे व्यवसाय के रूप में संचालित होती है। जिसमे इस कार्य से जुड़े कारोबार की ईमानदारी पर ही यह व्यवसाय संचालित होता है । लेकिन अब इस व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा के साथ साथ धोखाधड़ी के भी मामले लगातार सामने आने लगी है। इस व्यवसाय से जुड़े लोग कई बार व्यवसाइयों के सामान डिलीवरी के पैसे तो ले लेते है लेकिन न समान पहुंचता है ना पैसे और व्यापारी का सामान वापस होता है कुछ ऐसा ही मामला सामने आया बालोद जिले के अयस्क नगरी दल्लीराजहरा में …..।
बालोद जिले के दल्लीराजहरा क्षेत्र जहां सैंकड़ो गाड़ियां और कई ट्रांसपोर्ट व्यवसायी है जो माइंस सहित आसपास के क्षेत्र में सामान पहुंचाने का काम करते है और इसी कारण दल्ली राजहरा को लौह नगरी के साथ साथ ट्रांसपोर्ट नगरी कहा जाना अतिश्योक्ति नहीं होगा। वहीं व्यापारी हो या फिर आम व्यक्ति अपने किसी सामान को कहीं भेजना चाहता है तो सबसे सस्ता और विश्वसनीय तरीका स्थानीय ट्रांसपोर्ट को मानती है और जिस पर विश्वास कर अपनी कीमती चीजों को लोग यहां वहां भेजते रहते है लेकिन इस ट्रांसपोर्ट नगरी के एक ट्रांसपोर्टर ने एक स्थानीय व्यापारी का सामान पहुंचाने के नाम पर भाड़ा लेने के लगभग 2 माह बाद भी सामान सही जगह पर नहीं पहुंचाया, वहीं सामान भी गायब है, पूछने पर सामान जहां पहुंचाना था वहां पहुंचा दिया हूं, में कुछ नही बता सकता, जो करना है कर लो, थाने में रिपोर्ट करना है कर दो, ऐसा ट्रांसपोर्टर द्वारा बोलकर लोगो के इस विश्वास को तार तार कर दिया गया है, जिसकी शिकायत राजहरा थाना में पीड़ित व्यापारी द्वारा की गई है।
27 हजार का सामान हुआ पार, ट्रांसपोर्ट संचालक नही दे रहा कोई जानकारी…..
प्राप्त जानकारी अनुसार राजहरा थाना क्षेत्र के जेके देवांगन ट्रांसपोर्ट के संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी कर 27हजार के सामान को नारायणपुर के व्यापारी को नही पहुंचा कर सामान को गायब कर देने और कोई जानकारी नहीं देने की शिकायत दल्ली राजहरा, पुराना बाजार निवासी व श्री श्याम इंटरप्राइजेस के मालिक अजय अग्रवाल के द्वारा राजहरा थाना में की है और बताया कि वे बिजली सामाग्री के थोक विक्रय करने का कार्य करते है आसपास के क्षेत्र भानुप्रतापपुर, अंतागढ़, पाखंजूर, मानपुर, मोहला, नारायणपुर आदि स्थानों के व्यवसायियों को बिजली सामाग्री थोक रेट पर लोकल जीप, टैक्सी और अन्य साधनों के द्वारा भेजते आ रहे है। नारायणपुर के दूकानदारों को राजहरा में माइंस ऑफिस सड़क पर स्थित जेके देवांगन ट्रांसपोर्ट के माध्यम से सामाग्री भेजने हेतु कार्टन और बोरियों में भरकर चालान और संबन्धित दुकानदार का मोबाइल नंबर सहित भाड़ा देकर भेजा जाता है।
गौरतलब है कि दिनांक 25 मई 2023 को नारायणपुर स्थित वान्या इलैक्ट्रिकल नामक दुकान को 27000/- रुपए कीमत 09 वाट एलईडी बल्ब के 10 कार्टन एक बोरी में पैक कर, कम्प्यूटर से तैयार चालान और 100 रुपए भाड़ा का भुगतान के साथ जेके देवांगन ट्रांसपोर्ट के माइंस ऑफिस रोड पर स्थित ऑफिस में शिकायतकर्ता के यहाँ कार्यरत कर्मचारी मनीष कुमार यादव के माध्यम से भेजा गया था। चालान पर वान्या इलैक्ट्रिकल के संचालक का मोबाइल नंबर भी लिखकर दिया था, जो कि आज तक पहुंचा ही नहीं है।
सामान की जानकारी नहीं देने के कारण जेके देवांगन ट्रांसपोर्ट के संचालक पर लग रहा है धोखाधड़ी का आरोप….
विदित हो कि 07 जुलाई 2023 को वान्या इलैक्ट्रिकल के संचालक से पेमेंट लेने हेतु जब शिकायतकर्ता के कर्मचारी नारायणपुर वान्या इलेक्ट्रिकल के संचालक के यहां पहुंचे तो उन्होने बताया कि आपका सामान तो हमें आजतक मिला ही नहीं है। जिसके बाद बार बार जेके देवांगन ट्रांसपोर्ट के मालिक को मनीष कुमार यादव के द्वारा कई बार फोन लगाया और बात करनी चाही लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। शिकायतकर्ता द्वारा भी कई बार फोन लगाया लेकिन कभी भी ट्रांसपोर्ट के मालिक ने फोन नहीं उठाया। वहीं फिर दिनांक 14 जुलाई को नारायणपुर में ही ट्रांसपोर्टर को मिलकर मनीष कुमार यादव ने किसके पास माल छोड़ा है बता दो, उसकी कोई पावती लिए हो तो वो दिखा दो पुछने और बोलने पर दल्ली ऑफिस में आकार बात करना बोलकर वहाँ से भाग गया। जिसके बाद अगले दिन मनीष कुमार यादव दिनांक 15 जुलाई 2023 को उसके ऑफिस में जाकर सामान के संबंध में पूछा तो जेके देवांगन ट्रांसपोर्ट के मालिक ने कहा कि मैंने तुम्हारा माल पहुंचा दिया है, तुम्हारे को जो करना है कर लो, थाने में रिपोर्ट करवा दो, मेरा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता मेरी थाने में सेटिंग है, बोलकर चले जाने को बोल दिया। जबकि उसके ट्रांसपोर्ट के चालान में भी 27 मई 2023 को वान्या इलैक्ट्रिकल के नाम से बुक किया एक नग सामान की इंट्री है जिसकी फोटो मनीष कुमार यादव उनके ऑफिस से अपने मोबाइल से खींच कर लाया था वहीं उसके ऑफिस में दिए गए माल के साथ दिए गए चालान की भी फोटो है जिसे उसी के ऑफिस के टेबल पर रखकर खींचा गया था, जिसपर सामान प्राप्तकर्ता वान्या इलेक्ट्रिकल वाले का मोबाइल नंबर भी लिखा हुआ था। शिकायतकर्ता ने बताया कि इस प्रकार कोई जानकारी नहीं देने, कहां माल छोड़ा है नही बताने से ऐसा प्रतीत होता है कि जेके देवांगन ट्रांसपोर्ट के संचालक ने मेरे 27000/- रु. के एलईडी बल्ब को कहीं और बेचकर मेरे साथ धोखाधड़ी की है व 100 रुपए भाड़ा के नाम पर लेकर मेरे सामान को भी सही जगह पर नहीं पहुंचाकर कुल 27100/- की आर्थिक चोट पहुंचाई गयी है।
शिकायतकर्ता ने पुलिस का ट्रांसपोर्टर से मिलीभगत का जताया संदेह….
वहीं शिकायतकर्ता ने बताया कि 15 जुलाई को दिए आवेदन पर 6 दिन बाद जांच अधिकारी एएसआई तिवारी ने बुलाया और बिना कुछ सुने पहले ही बोल दिया कि आपसी लेनदेन का मामला है इसमें कोई कार्यवाही नही हो सकती जिस पर मैने कहा कि महोदय ये आपसी लेनदेन का मामला नही है, नियम विरुद्ध ट्रांसपोर्ट चलाकर लोगो का सामान लेकर उसे उचित जगह पर नहीं पहुंचाकर उसके बारे में कोई जानकारी भी नही देना ये तो साफ साफ धोखाधडी का मामला है, कुछ महीनो पूर्व ऐसे ही भिलाई में भी लगभग 20 टन छड़ को एक ट्रांसपोर्टर के ट्रक में लोड कर भाड़ा लेकर गाड़ी का ड्राइवर उसे दूसरी जगह ले जाकर बेच दिया था, जिसको छड़ भेजी गई थी उसे नही मिली और खोजबीन की गई तब गाड़ी के ड्राइवर पर धोखाधड़ी और अमानत में खयानत करने के अपराध में अपराध पंजीबद्ध किया गया था तो ये मामला भी उसी प्रकार का है तो आज इसे आपसी लेनदेन क्यों बोला जा रहा है, तब जाकर एएसआई तिवारी ने मेरा बयान लिया और बोला कि कल जेके देवांगन ट्रांसपोर्ट वाले का बयान लेने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। मुझे ऐसे प्रतीत होता है कि जिस प्रकार ट्रांसपोर्ट के संचालक द्वारा कहा गया है कि जो करना है कर लो मेरी पुलिस वालों से सेटिंग है, उससे ये प्रतीत होता है कि उसकी पहुंच ऊपर तक है और इसीलिए पुलिस निष्पक्षता से जांच और मामला दर्ज करने से कतरा रही है।
*जिले में ज्यादातर ट्रांसपोर्टरों का नाम और पता परिवहन कार्यालय में दर्ज नहीं है…*
*ट्रांसपोर्ट संचालन के लिए ये है नियम……*
ट्रांसपोर्ट का पंजीयन संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में निर्णय लेने के बाद होता है। इसके लिए खुद का मकान होना चाहिए, यदि नहीं है तो किराए का एग्रीमेंट होना चाहिए, स्थाई फोन नंबर, गाडिय़ों की संख्या और सभी का नंबर सहित समस्त दस्तावेजों की प्रतिलिपि, फर्म के नाम या दूसरे के नाम है उसका पूरा ब्यौरा, चालक और खलासी का नाम और पता होना चाहिए। इसकी सूचना स्थानीय पुलिस के पास भी होनी चाहिए।
जांच अधिकारी द्वारा जांच की जा रही है, सभी के बयान लेने के बाद उचित कार्यवाही की जाएगी। राकेश ठाकुर, थाना प्रभारी राजहरा