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ग्राम बोरी स्थित सेमरिया नाला में सेतु निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति नही मिलने से नाराज ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुँच सौंपा ज्ञापन..स्वीकृति नही मिली तो आगामी विधानसभा चुनाव का होगा बहिष्कार

बालोद-बालोद ब्लाक के ग्राम बोरी स्थित सेमरिया नाला में सेतु निर्माण करने की प्रशासनिक स्वीकृति दो साल बाद भी नही मिलने से नाराज ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुँचकर आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार का आवेदन कलेक्टर को सौपा है। ग्राम बोरी में मुख्यमंत्री ने सेमरिया नाला में सेतु निर्माण करने की घोषणा की थी। घोषणा के लगभग दो साल बाद भी पुल निर्माण के लिए प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिलने से ग्रामीण नाराज हैं। ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव से पहले अगर सेतु निर्माण कार्य के लिए प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिली तो आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। इसके लिए ग्रामीणों ने गांव में बैठक भी किया है।

 

ग्रामीणों के इस निर्णय से प्रशासनिक स्तर पर हड़कंप मचा हुआ है।दरअसल सेमरिया नाले पर बनी पुलिया बाढ़ में बह गई है। यहां यह स्थिति हर साल रहती है। ग्रामीण विगत कई वर्षों से सेतु निर्माण की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2021-22 के बजट में सेमरिया नाला में सेतु निर्माण की घोषणा की थी। इस घोषणा पर प्रशासकीय स्वीकृति आज तक नहीं मिल पाई है। साथ ही ग्रामीणों ने गांव के स्कूल में एक शिक्षक की नियुक्ति व गांव में सीसी मार्ग व नाली निर्माण की मांग कलेक्टर से की है।इस बार आई बाढ़ से सड़क का आधा हिस्सा बह गया है। वाहन चलने लायक स्थिति नहीं है। हालांकि जर्जर पुलिया व सड़क की वजह से ही इस मार्ग में बीते तीन साल से यात्री बस नहीं चल रही है। जिससे इस क्षेत्र के ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।ग्रामीण अध्यक्ष दिलीप साहू ने बताया कि गांव में संचालित प्राथमिक शाला में मात्र एक प्राधन पाठक व एक शिक्षक हैं। यहां दर्ज संख्या के हिसाब से एक शिक्षक की और जरूरत है। ग्रामीणों की मांग पर कलक्टर कुलदीप शर्मा ने जिला शिक्षा अधिकारी से बात कर एक शिक्षक की व्यवस्था स्कूल में करने के निर्देश दिए हैं। ग्रामीण नारद सेन व अन्य ने बताया कि गांव में प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत सड़क निर्माण हुआ है लेकिन हर गांव में प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत नाली व सीसी मार्ग का निर्माण किया गया है। ग्राम बोरी में छोड़ दिया गया है। इससे बरसात का पानी सड़क से होते हुए किसानों के खेतों में चला जाता है जिससे किसानों को काफी नुकसान भी होता है।

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