बालोद-ठेका प्रथा बंद करने व नियमितिकरण की मांगों के लिए छ.ग. नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मियों ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।छत्तीसगढ़ प्रदेश के 14 नगर पालिक निगम, 44 नगर पालिका परिषद एवं 114 नगर पंचायतों कुल 172 नगरीय निकायों में कुल 25000 प्लेसमेंट कर्मचारी विगत 10-15 वर्षो से निरंतर अपनी सेंवाएॅ प्लेसमेंट के माध्यम से ईमानदारी पूर्वक दे रहे है। छ.ग. नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने जन-घोषणा (वचन) पत्र “दूर दृष्टि, पक्का इरादा, कांग्रेस करेगी पूरा वादा” के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, छटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने का वादा है। उक्त के परिपेक्ष्य में 12 दिसबर 2019 को प्रमुख सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। समिति की बैठक 09 जनवरी 2020 में लिए गए निर्णय के परिपेक्ष्य में सामान्य प्रशासन द्वारा निर्धारित बिन्दुओं पर समस्त विभागों से जानकारी मांगी जा रही है। महासंघ द्वारा जानकारी नही भेजे जाने के संबंध में मुख्य सचिव, सचिव, सामान्य प्रशासन, सचिव/संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास छ.ग. शासन को पत्र लिखा है। महासंघ के प्रदेश महासचिव व बस्तर संभाग अध्यक्ष शरदराम पोया द्वारा बताया गया कि महांसघ नगरीय निकायों से प्लेसमेंट/ठेका प्रथा बंद करने व नियमितिकरण की मांग से समय-समय पर धरना प्रदर्शन रैली के माध्यम से अवगत कराया जाता है। परंतु सरकार के साढ़े 4 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत भी महासंघ की मांग पूर्ण नही हुई है। मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत जानकारी में नगरीय निकाय के कार्यालयों (नगर पालिक निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत) में कार्यरत प्लेसमेंट कर्मचारियों की जानकारी निंरक/अपूर्ण दर्शित/दशित नही है। जबकि नगरीय निकायों में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा अवगत कराया गया है कि समस्त नगरीय निकायों में कुल 25,000 प्लेसमेंट कर्मचारी कार्यरत है। जानकारी नहीं भेजे जाने से ये कर्मचारी नियमितिकरण की प्रक्रिया से बाहर हो सकते है। नगरीय निकाय में कार्यरत प्लेसमेंट कर्मचारियों द्वारा शासन द्वारा संचालित अति आवश्यक सेवाओं (सफाई, पानी, बिजली, निर्वाचन कार्य, जनगणना कार्य, लोक सेवा गांरटी अंतर्गत आने वाली समस्त सेवाओं, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, पेशंन, शासन की वर्तमान में चल रही महती समस्त योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में सहभागिता) का क्रियान्वयन नगरीय निकाय के प्लेंसमेंट कर्मचारियों द्वारा ही पूर्ण किया जाता है। विगत वर्ष आयी महामारी कोविड-19 में भी नगरीय निकाय के प्लेसमेंट कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह नही करते हुए फ्रंट लाईन वर्कर के रूप में अपना कर्तव्य ईमानदारी से निर्वहन किया है। इसके बावजूद शासन द्वारा नगरीय निकाय की जानकारी निंरक भेजने से 25000 प्लेसमेंट कर्मी में भारी आक्रोश व्याप्त है। महासंघ की प्रमुख मांग में ठेका प्रथा बंद कर नगरीय निकायों से सीधे वेतन भुगतान करना एवं एक निश्चित अवधि निर्धारित कर नियमितिकरण किया जाना प्रमुख है। प्लेसमेंट कर्मी को सीधे वेतन भुगतान करने से लगभग 210 करोड़ सालाना निकाय को बचत होगी और प्लेसमेंट कर्मी को भी समय पर वेतन और ई.पी.एफ./ई.एस.आई.सी. जमा होगा।
- Home
- ठेका प्रथा बंद करने प्लेसमेंट कर्मियों को नियमित करने यहां के कर्मियों में मुख्यसचिव को लिखे पत्र…