बालोद बालोद जिले के लोक निर्माण विभाग के अधिकारियो की लापरवाही से आज जहां एक मजदूर कर्ज से लद चुका है वही मामले का जल्द समाधान हो इसके कोई आसार नजर नही आ रहे है। मामले में पीड़ित द्वारा लगातार दो बार जनदर्शन में शिकायत के बाद भी विभाग के अधिकारी मामले में मजदूर के भुगतान को लेकर गंभीर नजर नहीं आए वही मामले पर जनदर्शन में शिकायत के बाद जब प्रदेशरुचि ने मजदूर के इस पीड़ा की खबर को प्रकाशित किया जिसके बाद जब मजदूर के भुगतान के संबंध में लोक निर्माण विभाग के उप अभियंता से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो अधिकारी ने साफ लहजे में इस बारे में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया साथ ही मीडिया से कोई बात नही करना कहकर फोन काट दिए वही इस सिलसिले में मामले से जुड़े विभाग के एसडीओ रितु खरे पूछने पर बताए कि मामला उनके ज्वाइनिंग से पहले का है तथा मामला उनके संज्ञान में आने के बाद मामले की जांच कर उच्चाधिकारियों को जल्द रिपोर्ट सौंपने की बात करते नजर आए। लेकिन भुगतान के संबंध में एसडीओ ने कहा की वित्तीय पावर उनके हाथ में नही है मामले की रिपोर्ट बनाकर ईई को सौप देंगे आगे की कार्यवाही ईई सर करेंगे। वही पीडब्ल्यूडी ईई से भी चर्चा का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नही हो पाए।
आपको बतादे मामले में पीडब्ल्यूडी के सब इंजीनियर की एक गलती आज पूरे विभाग के गले की फांस बन गई है एक तरफ उस मजदूर को एक बड़ी राशि लौटाने का टेंशन तो दूसरी तरफ इस राशि को किस मद से लौटाए। मामला उजागर होने के बाद किस मद से भुगतान कराए ये विभाग के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है ।
विभाग अब कुछ पैसे देकर समझौते का कर रहे प्रयास
आपको बतादे पीड़ित मजदूर तेजराम राव इस मामले के बाद पैसों की चिंता से दो बार बीमार हो चुके है मामले पर तेजराम ने चर्चा कर बताया कि तथा मामले में प्रदेशरूची में खबर प्रकाशन के बाद विभाग के अधिकारियों द्वारा विभाग के एक संविदा कर्मचारी को एक लाख रुपए देकर उनके पास भेजा था और मामले को आगे नही बढ़ाने की बात कह रहा था जिस पर उन्होंने पैसे लेने से इंकार कर दिया । क्योंकि अब उन्हें अधिकारियो के किसी बात पर भरोसा नहीं है अधिकारी के कहने पर अपनी जमा पूंजी और बाजार से उधार लेकर उनका काम कर दिया लेकिन कर्ज की चिंता से लगातार सेहत भी बिगड़ने लगा है। वही उन्होंने बताया कि मंगलवार को जनदर्शन में आवेदन देकर लौटने के बाद फिर से उनकी तबियत बिगड़ गई थी और इसके चलते वो अपने काम पर भी नही जा सकते है। मामले पर पीड़ित ने कहा की उन्हें अगर उनके पैसे नही मिले तो आगे किसी भी तरह की घटना के लिए पूरा प्रशासन जिम्मेदार होगा