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एक सूत्रीय मांग पर एक माह से भी अधिक समय से डटे है पंचायत सचिव.. अब सोमवार से भूख हड़ताल पर बैठ कर रहे है मांग

बालोद– पंचायत सचिव अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। एक माह से भी अधिक समय से डटे पंचायत सचिव अब सोमवार से क्रर्मिक भूख हड़ताल कर रहे है। क्रमिक भूख हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को नया बस स्टैंड के टेक्सी स्टैंड स्थित धरना स्थल पर संतोष साहू ओरमा, गंगेश्वर साहू मनौद, कोमल सिन्हा खेरथाडीह, विनोद सिन्हा लिमोरा, पुरन जोशी द नवागांव भूख हड़ताल पर बैठे हैं।

पंचायत सचिवों का विगत 16 मार्च से जारी हैं आंदोलन

प्रदेशभर के पंचायत सचिव अपनी एक सूत्रीय शासकीयकरण की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। विगत 16 मार्च से जारी उनका आंदोलन जारी है। जिला मुख्यालय में नया बस स्टैंड स्थित टेक्सी स्टैंड में ब्लाक स्तर पर पंचायत सचिव हुंकार भर रहे है। ग्राम पंचायत सचिव संघ के ब्लाक अध्यक्ष तिलक राम साहू व सचिव नरेंद्र भारद्वाज ने कहा कि ग्राम पंचायत सचिवों के अनिश्चितकालीन हड़ताल अंतर्गत 24 अप्रैल से रोज पांच-पांच पंचायत सचिव क्रमिक भूख हड़ताल कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा हैं। उनका कहना है कि मांग पूरी होने तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। ग्राम पंचायत सचिवों के हड़ताल में चले जाने से पंचायत अंतर्गत होने वाले सभी प्रकार के कार्य बंद हो गए है।इसमें गोबर खरीदी कार्य, जन्म मृत्यु पंजीयन, पेंशन भुगतान, राशन कार्ड, निर्माण कार्य एवं अनेक हितग्राही मूलक कार्य बंद हो गए है। पंचायत सचिवों का कहना है कि दो साल की परीक्षा अवधि के बाद शासकीयकरण करने की बात कही गई थी, लेकिन सरकार वादा कर भूल गई है। अन्य कर्मचारियों को जो लाभ मिल रहे हैं पुरानी पेंशन, क्रमोन्नाति, ग्रेच्युटी वह सब उन्हें भी मिलना चाहिए। इसे लेकर कई बार ज्ञापन दिया। वार्ता हुई लेकिन आश्वासन से आगे बात नहीं बढ़ी। प्रदेश में 27 सालों से 10 हजार से भी अधिक पंचायत सचिव अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ग्रामीण अंचल में शासन के समस्त योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम लोगों तक पहुंचे इसके लिए जिम्मेदारी पूरी कर हे हैं।इसके बाद भी शासकीयकरण का वादा अभी तक पूरा नहीं किया गया है। जबकि शासन प्रशासन को कई बार संगठन ज्ञापन सौंप चुका है। हमारी एक ही मांग है कि दो वर्ष परीक्षा अवधि पश्चात शासकीयकरण किया जाए। इसी को लेकर हम लोग 16 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। आंदोलन की कड़ी में अब पंचायत सचिवों द्वारा क्रमिक भूख हड़ताल किया जा रहा हैं।

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