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बालोद जिले की छात्रा ने दुर्ग के विज्ञान विकास केंद्र में की आत्महत्या.. मा ने लगाए कई आरोप

दुर्ग/बालोद, विज्ञान विकास केंद्र दुर्ग में रहकर अध्ययनरत एक 21 वर्षीय छात्रा में आत्महत्या कर ली। पुलिस मर्ग कायम कर प्रकरण को विवेचना में लिया है। मृतका छात्रा का नाम केमलता मंडावी है वह बालोद जिला के डौंडी ब्लॉक की रहने वाली है। घटना के संबंध में पुलिस ने बताया कि मृतका छात्रा ने आत्महत्या की है मामला की विवेचना पद्मनाभपुर थाना पुलिस कर रही है। विज्ञान विकास केंद्र की प्रशासनिक अधिकारी उर्मिला ओझा से इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि घटना दिनांक की सुबह ही उन्हें जानकारी मिली कि केमलता मंडावी अपने कमरे में उल्टी कर रही है खबर मिलने पर उन्होंने केंद्र के वार्डन को उपचार हेतु चिकित्सालय ले जाने को कहा तथा वार्डन के द्वारा जिला चिकित्सालय में उपचार हेतु केमलता को भर्ती कराया जहां उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।उल्लेखनीय है कि विज्ञान विकास केंद्र में अनुसुचित जन जाति क्षेत्र की छात्राएं अध्ययन हेतु यहां रहती है, करीबन 500 छात्राएं यहां रहकर विभिन्न कॉलेजों में अध्ययनरत है तथा इन छात्राओं के ठहरने व अध्यापन की खर्चे छत्तीसगढ़ सरकार वहन करती है, वर्तमान में 456 छात्राएं इस विज्ञान विकास केंद्र में अध्ययनरत हैं।

लड़के से दोस्ती की बात आ रही सामने
केमलता के साथ हॉस्टल के कमरे में रहने वाली छात्राओं ने पुलिस को बताया कि वो किसी लड़के से बात करती थी। उसी से दोस्ती टूटने के चलते उसने ऐसा किया है। वहीं केमलता की मां का कहना है कि सभी आरोप गलत है। अगर ऐसा है तो उस लड़के को सामने लाया जाए। जिसकी वजह से उनकी बेटी की जान गई है उस लड़के को भी सजा मिलनी चाहिए।

केमलता की तबीयत सुबह हुई थी खराब
हॉस्टल में नाइट शिफ्ट पर तैनात अधीक्षक निशा बांधे ने बताया कि रविवार सुबह 5 बजे उनके पास कुछ लड़कियां आईं। उन्होंने बताया कि केमलता ने कुछ खा लिया है। उसके मुंह से झाग निकल रहा है। वो तुरंत कमरे में गईं। वहां पता चला कि लड़की ने मलेरिया से संबंधित 10 गोलियां एक साथ खा ली है। इसके तुरंत बाद उन्होंने 112 में फोन किया और उसके बाद एंबुलेंस से उसे जिला अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने तुरंत इमरजेंसी में उसका उपचार शुरू किया, लेकिन एक घंटे बाद ही उसने दम तोड़ दिया।


केमलता की मां ने लगाये कई आरोप
केमलता की मां गिरजा बाई ने हॉस्टल प्रबंधन पर कई आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी बेटी को जिला प्रशासन की निगरानी में हॉस्टल पढ़ने के लिए भेजा। वहां अधीक्षक से लेकर इतना स्टाफ रहता है। उन्हें बच्चियों की जिम्मेदारी सौंपते हैं, लेकिन यहां लापरवाही हुई है। गिरजा बाई ने पुलिस प्रशासन पर भी कई आरोप लगाए हैं। उनके मुताबिक उनकी बेटी की मौत हॉस्टल प्रबंधन की लापरवाही से हुई है। जब उसकी शिकायत करने वो थाने गईं और पुलिस के अधिकारियों से मिली तो उनकी कोई सुनवाई नहीं की गई।

नहीं पहुंचे कलेक्टर
विज्ञान विकास केंद्र सीधे दुर्ग कलेक्टर की देखरेख में संचालित होता है। यहां की व्यवस्था के लिए प्रशासकीय अधिकारी उर्मिला ओझा की पदस्थापना की गई है। इसके साथ ही अलग-अलग शिफ्ट में अधीक्षिकाओं की ड्यूटी रहती है। इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी एक छात्रा खुदकुशी कर लेती है। परिजनों का आरोप है कि हॉस्टल की अधीक्षिका ने लड़की की मौत की जानकारी कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा को भी दी, लेकिन वो अब तक हॉस्टल यह जानने नहीं पहुंचे कि छात्रा की मौत कैसे हुई, उसने किन परिस्थितियों में इतनी दवाओं का सेवन किया। साथ सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतनी मात्रा में दवाएं उस लड़की के पास पहुंची कहां से।

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