दिल्ली, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में 54 लोगों को बुधवार को पद्मविभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री दिए गए। इनमें तीन लोगों आर्किटेक्ट बालकृष्ण दोषी, तबला वादक जाकिर हुसैन व राजनेता एसएम कृष्णा को पद्म विभूषण दिया गया। उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, संगीतकार सुमन कल्याणपुर, शिक्षाविद कपिल कपूर और अध्यात्म से जुड़े कमलेश वी. पटेल को पद्मभूषण पुरस्कार दिया गया है। छत्तीसगढ़ की पंडवानी गायिका उषा बारले सहित शेष सभी लोगों को पद्मश्री पुरस्कार दिया गया है।
छत्तीसगढ़ की पंडवानी गायिका उषा बारले ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पद्म पुरस्कार लेने से पहले पीएम मोदी का अभिवादन किया।
उषा बारले बताती हैं कि आर्थिक तंगी का समय भी गुजारा। उस समय को याद करती हैं तो उनकी आंखे नम हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि गृहस्थी चलाने के लिए वह सेक्टर-1 की बस्ती में रहकर केला, संतरा व अन्य फल बेचा करती थी। वह खासा संघर्ष भरा दिन था। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। पंडवानी के अलावा अनेक लोक विधाओं में भी वह पारंगत है। भारत सरकार ने उन्हें पंडवानी के क्षेत्र में बेहतर काम के लिए पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना है।
तब बदले दिन
पति ने पढ़ाई की और फिर आईटीआई किया। इसके बाद उनकी बीएसपी में नौकरी लगी। तब जाकर घर के हालात में सुधार हुआ। ईश्वर की कृपा से पंडवानी गायन के क्षेत्र में लगातार काम किया। इससे देश-विदेश में कार्यक्रम पेश करने का मौका भी मिला