बालोद-जिले के डोंडीलोहारा ब्लाक के ग्राम पंचायत पसौद के सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायक द्वारा पंचायत क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए शासन द्वारा स्वीकृत करोड़ों रुपयों का दुरूपयोग करने तथा अपने मनमर्जी के अनुरूप पंचायत संचालन की शिकायत जांच अधिकारियों द्वारा सही पाए जाने के सात माह पश्चात् भी दोषियों के खिलाफ जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश की भावना पनपने लगी है वहीं शिकायतकर्ताओं एवं सरपंच समर्थकों के मध्य गंभीर टकराव की स्थिति देखी जा रही है। सोमवार 19 दिसम्बर को ग्राम पटेल एवं कुछ ग्रामीणों ने कलेक्टर कुलदीप शर्मा को ज्ञापन सौंपकर जांच प्रतिवेदन के आधार पर समय पर कार्रवाई नहीं करने वाले अधिकारी एवं दोषी व्यक्तियों (सरपंच,
सचिव, रोजगार सहायक तथा मेट) के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
ग्राम पंचायत पसौद द्वारा 15वें वित्त आयोग से 25 हजार 5 सौ रुपए निकालकर नियम के विपरित किया गया मुरमीकरण कार्य
ज्ञापन के माध्यम से मामले की जानकारी देते हुए गाम पटेल रूमनलाल इंदौरिया ने बताया कि ग्राम पटेल एवं ग्रामीणों द्वारा 29 अप्रैल को ग्राम पंचायत पसौद के खिलाफ 9 बिंदुओं पर शिकायत किया गया था। उक्त शिकायत पर जांच अधिकारी, करारोपण अधिकारी एसआर टेकाम, टीआर राणा तथा जनपद पंचायत के उप अभियंता लोकेश सोनबरसा के द्वारा शिकायत के 9 बिंदुओं पर दस्तावेजों की सूक्ष्मता से जांच पर पाया गया कि सचिव के मेडिकल अवकाश के दौरान भी 15 वें वित्त से 72 हजार 638 रूपयों का आनलाईन भुगतान किया गया है जो कि असंवैधानिक है वहीं जांच में पाया गया कि ग्राम पंचायत पसौद के द्वारा 15वें वित्त आयोग से 25 हजार 5 सौ रुपए निकालकर नियम के विपरित मुरमीकरण कार्य किया गया है जिसे सचिव तथा सरपंच से वसूल किया जाना चाहिए। ग्राम की सीमा से गुजरे भंडेरा नाला से भरीखार के मध्य मनरेगा कार्य के मस्टर रोलों में अधिकांश मजदूरों का हस्ताक्षर ही नहीं पाया गया वहीं मनरेगा अंतर्गत श्मशान घाट समतलीकरण एवं तटबंध निर्माण कार्य के मस्टर रोलों में भी अधिकांश मजदूरों तथा सचिव का हस्ताक्षर नहीं पाया गया जिसके पश्चात् भी मस्टर रोल की छायाप्रति प्रस्तुत खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
7 माह से मामले को दबा रहे जनपद सीईओ
कार्यों में अनियमितता के साथ ही जांच अधिकारियों ने पाया कि ग्राम पंचायत में नियमों का पालन किए बिना ही मनमर्जीपूर्वक बैठक रखी गई है। जांच अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में संबंधित सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक एवं मेट के द्वारा 5 बिंदुओं पर अनियमितता पाए जाने का उल्लेख करते हुए संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई किए जाने संबंधी प्रतिवेदन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के समक्ष प्रस्तुत किया गया लेकिन उक्त जांच के 7 माह बीत जाने के पश्चात् भी आज तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किया गया है जिससे जिम्मेदार अधिकारी की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगता है। ज्ञापन सौंपने आए ग्रामीणों ने कलेक्टर से शीघ्र ही जिम्मेदार अधिकारी एवं पंचायत के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग किया हैं।