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थाईलैंड पहुंचे पीएम मोदी को गर्मजोशी से हुआ स्वागत..तो पीएम मोदी ने थाई भाषा स्वादी खाप कहते हुए बोले

 

भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी इस वक्त थाईलैंड दौरे पर है इस दौरान  थाईलैंड के प्रधानमंत्री के साथ संयुक्त प्रेस वक्तव्य के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा प्रेस वक्तव्य दिया गया इस दौरान पीएम मोदी  स्वादी खाप !(नमस्ते)करते हुए बोले  इस खूबसूरत स्वर्ण-भूमि में मेरे और मेरे डेलीगेशन के गर्मजोशी भरे स्वागत और आतिथ्य-सत्कार के लिए मैं प्रधानमंत्री शिन्नावात का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ। 28 मार्च को आए भूकंप में हुई जनहानि के लिए मैं भारत के लोगों की ओर से गहरी संवेदनाएं प्रकट करता हूं। और, हम घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।

पीएम मोदी ने कहा भारत और थाईलैंड के सदियों पुराने संबंध हमारे गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सूत्रों से जुड़े हैं। बौद्ध धर्म के प्रसार ने हमारे जन-जन को जोड़ा है अयुत्थया से नालंदा तक विद्वानों का आदान-प्रदान हुआ है। रामायण की कथा थाई लोक-जीवन में रची-बसी है। और, संस्कृत-पाली के प्रभाव आज भी भाषाओं और परंपराओं में झलकते हैं।


    पीएम मोदी बोले मैं थाईलैंड सरकार का आभारी हूँ कि मेरी यात्रा के उप्लक्ष्य में 18वी शताब्दी की ‘रामायण’ म्यूरल पेंटिंग्स पर आधारित एक विशेष डाक-टिकट जारी किया गया है। प्रधानमंत्री शिन्नावात ने अभी मुझे त्रिपिटक भेंट की। बुद्ध-भूमि भारत की ओर से मैंने इसे हाथ जोड़ कर स्वीकार किया।
    पीएम मोदी ने कहा पिछले वर्ष, भगवान बुद्ध के पवित्र Relics को भारत से थाईलैंड भेजा गया। यह बहुत खुशी की बात है कि चार मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं को दर्शन करने का अवसर मिला। मुझे यह घोषणा करते हुए अत्यंत खुशी है कि 1960 में गुजरात के अरावली में मिले पवित्र relics को भी थाईलैंड दर्शन के लिए भेजा जाएगा।

पीएम मोदी ने कहा इस वर्ष भारत में महाकुंभ में भी हमारा पुराना कनेक्शन दिखाई दिया। थाईलैंड समेत अन्य देशों से, 600 से अधिक बौद्ध श्रद्धालु इस आध्यात्मिक और सांस्कृतिक सभा का हिस्सा बने। इस आयोजन ने वैश्विक शांति और सामंजस्य का संदेश दिया। पीएम ने कहा भारत की ‘Act East’ पॉलिसी और हमारे Indo-Pacific विजन में थाईलैंड का विशेष स्थान है। आज हमने अपने संबंधों को स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का रूप देने का निर्णय लिया है। सुरक्षा एजेंसियों के बीच ‘स्ट्रैटेजिक डायलॉग’ स्थापित करने पर भी चर्चा की। साइबर क्राइम के शिकार भारतीयों को वापस भारत भेजने में थाईलैंड सरकार से मिले सहयोग के लिए, हमने थाईलैंड सरकार का आभार प्रकट किया। हम सहमत हैं कि हमारी agencies human trafficking और illegal migration के खिलाफ एकजुट होकर काम करेंगे।
    इस दौरान पीएम मोदी ने कहा हमने भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों और थाईलैंड के बीच tourism, culture, education क्षेत्रों में सहयोग पर बल दिया है। आपसी व्यापार, निवेश और businesses के बीच आदान प्रदान बढ़ाने पर हमने बात की। MSME, handloom और handicraft में भी सहयोग के लिए समझौते किए गए हैं ।Renewable energy, digital technology, e-vehicle, रोबॉटिक्स, स्पेस, bio-technology और start-ups में सहयोग को बढ़ाने का हमने निर्णय लिया है। Physical connectivity के साथ-साथ, दोनों देशों के बीच FinTech connectivity बढ़ाने पर भी काम किया जायेगा। People-to-people exchanges को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, भारत ने थाई पर्यटकों के लिए free e-Visa सुविधा देनी शुरू कर दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “थोड़ी देर पहले बैंकॉक में प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा के साथ बहुत ही उपयोगी बैठक हुई। गर्मजोशी से भरे स्वागत के लिए थाईलैंड की जनता और सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया और कुछ दिन पहले आए भूकंप के बाद थाईलैंड के लोगों के साथ एकजुटता भी व्यक्त की। भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ और थाईलैंड की ‘एक्ट वेस्ट पॉलिसी’ एक-दूसरे की बहुत अच्छी पूरक हैं और द्विपक्षीय सहयोग के लिए कई संभावनाएं खोलती हैं।”

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