बालोद-छत्तीसगढ़ में प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को भले ही बड़ी सफलता मिलने की बाते सामने आ रही है। लेकिन दुसरीं तरफ खुद विभागीय मंत्री अनिला भेड़िया के गृह जिले में कुपोषण दर में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो एक चिंता का विषय है साथ है कुपोषण को लेकर अधिकारियों की लापरवाही को भी दर्शा रही है आपको बतादे कुपोषण दर में गिरावट लाने तथा कुपोषण मुक्त राज्य बनाने सरकार हर साल करोड़ो रूपये खर्च करती है बावजूद इसके खुद विभागीय मंत्री के गृह जिले में कुपोषण दर में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि अभियान पर भी सवाल खड़ी कर रही है।
प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा वर्ष 2016 से 2022 तक आयोजित वजन त्यौहार के आंकड़ों के अनुसार कुपोषण की दर में लगातार कमी आई हैं। तो वही इस वर्ष 2022 में आयोजित वजन त्यौहार के आंकड़ों में जिले में कुपोषण की दर में बढ़ोत्तरी हुई हैं। जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का क्रियान्वयन विभाग के जिम्मेदार जमीनी स्तर पर नही कर रहे है। जिसकी वजह से इस वर्ष वजन त्यौहार के बाद कुपोषण की दर में कमी नही बल्कि बढ़ोत्तरी देखी गई है। विभागीय मंत्री के गृह जिले बालोद में एक वर्ष में कुपोषण की दर में 3.8 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। जिले में 9 हजार से अधिक बच्चे कुपोषित और गंभीर कुपोषित के शिकार है। इस वर्ष वजन त्यौहार में 60 हजार से अधिक बच्चो का वजन किया गया। पिछले वर्ष कुपोषण की दर 14.8 फीसदी थी। वही इस वर्ष 18.08 प्रतिशत है। कुपोषण के दर में 3 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। वही जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय शर्मा की माने तो कुपोषण को दूर करने पोषण आहार के साथ साथ जिले के 9 हजार से अधिक कुपोषित बच्चों को सप्ताह में 5 दिन अंडा का भी वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा एनिमिक महिलाओं को गर्म भोजन भी दिया जा रहा है। सोया बड़ी और चिक्की का भी वितरण किया जा रहा है।
1523 आंगनबाड़ी केन्द्रों के कुपोषित बच्चों को किया जा रहा अण्डा वितरण
कलेक्टर कुलदीप शर्मा के पहल से जिले में संचालित सभी 1 हजार 523 आंगनबाड़ी केन्द्रों के कुपोषित बच्चों को सप्ताह में 5 दिन उबला अण्डा प्रदान किया जा रहा है। जिसकी मॉनिटरिंग के निर्देश कलेक्टर ने जिला स्तरीय अधिकारी को दिए हैं। कलेक्टर श्री शर्मा ने जिले में इस अभियान को सफल बनाने हेतु मिशन मोड पर कार्य करने निर्देश अधिकारियों को दिये है। राजस्व अधिकारियों के अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी इस कार्य की माॅनीटरिंग कर रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री शर्मा की माने तो जिले में इस अभियान का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। कुपोषित बच्चों को सप्ताह में पाॅच दिन अण्डा वितरण करने से पालको एवं समाज के जागरूक लोगों में खुशी की लहर देखी जा रही है।
कलेक्टर ने कुपोषित बच्चों को अण्डा वितरण कार्य की सतत् निगरानी के निर्देश
कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने जिले को कुपोषण मुक्त बनाने कमर कसी हैं। जिला प्रशासन द्वारा जिले में कुपोषण की समस्या को दूर करने हेतु हरसंभव उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं। जिसके लिए कलेक्टर श्री शर्मा ने जिला स्तरीय अधिकारियों को नियमित रूप से आंगनबाड़ी केन्द्रों में पहुॅचकर कुपोषित बच्चों को सप्ताह में 5 दिन उबले अण्डे प्रदान करने के कार्य की सतत् माॅनीटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। जिसे लेकर कलेक्टर श्री शर्मा समय सीमा की बैठक में भी लगातार जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित करते हैं। गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को घर पहुॅच टिफिन सेवा पहुॅचाने के कार्य की भी लगातार समीक्षा हर बैठक में कर रहे हैं। कलेक्टर शर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के कुपोषित बच्चों को सप्ताह में 5 दिन दोपहर 12 से 12 बजकर 30 मिनट के बीच उबला अण्डा प्रदान जाए। सभी अधिकारी इसी समय आंगनबाड़ी केन्द्रों में पहुंचकर इस कार्य की नियमित रूप से निगरानी सुनिश्चित करें। इसके अलावा कलेक्टर शर्मा ने सीएमएचओ को आंगनबाड़ी केन्द्र के सभी बच्चों के लिए आयरन सिरप समुचित मात्रा में उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं। श्री शर्मा ने आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को सप्ताह में 2 दिन आयरन सिरप खिलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को इस कार्य का शतप्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के कड़े निर्देश भी दिए हैं। साथ ही कलेक्टर शर्मा ने सहायक संचालक उद्यानिकी से सुपोषण वाटिकाओं में मुनगा एवं पपीता का पौधा लगाने के कार्य के संबंध में भी जानकारी ली एवं इसका समुचित क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
कुपोषित बच्चों को अण्डा वितरण नहीं किए जाने पर पर्यवेक्षक पर की गई कार्रवाई–
कुछ दिनों पहले कुपोषित बच्चो को पोषण आहार व अंडा वितरण में लापरवाही बरते जाने पर पर्यवेक्षक पर कार्यवाही भी की गई थी। बालोद ब्लॉक के ग्राम नेवारीकला में आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक- 02 और 03 के कुपोषित बच्चों को अण्डा वितरण नहीं किए जाने पर पर्यवेक्षक मानकुंवर साहू का एक वेतन वृद्धि अंसचयी प्रभाव से रोका गया था। जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय शर्मा ने बताया कि लाटाबोड़ सेक्टर अंतर्गत ग्राम नेवारीकला के आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक- 02 और 03 में कुपोषित बच्चों को अण्डा वितरण नहीं किए जाने की जानकारी मिलने पर संबंधित को स्पष्टीकरण जारी किया गया था। पर्यवेक्षक श्रीमती मानकुंवर साहू के द्वारा प्राप्त स्पष्टीकरण का जवाब असंतोषप्रद पाए जाने के कारण सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम (3) के विपरीत होने के फलस्वरूप उनका एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोका गया है।