बालोद-शासन के मंशानुरूप शिक्षा में सामुदायिक सहभागिता को लेकर बुधवार को शासकीय प्राथमिक कन्या शाला क्रमांक में प्रशिक्षण कार्यशाला सह सम्मान समारोह का आयोजन हुआ।प्रशिक्षण के दौरान शाला में ठहराव मध्यान्ह भोजन, प्रिंटरिच वातावरण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, नैतिक शिक्षा, प्राथमिक शाला समिति के अधिकार व कर्तव्य, ‘आत्मसुरक्षा, शाला अनुदान का उपयोग, पालको का कर्तव्यबोध, पंजी संधारण, आदि विविध विषयों पर अध्ययन के साथ कार्य सम्पादन हुआ।शासकीय प्राथमिक कन्या शाला के प्राचार्य हेमलता साहू ने कहा कि नौनिहाल की प्रथम पाठशाला पर होती है, तो एक सुसंस्कृत समाज की बुनियाद की विद्यालय है। इस मंदिर में हम शिक्षा के गुणोत्तर स्तर को रेखांकित करते है, जिसकी नींव पर वर्ग-विभेद रहित समाज की संरचना होती है।शिक्षा में समुदाय की भूमिका अनुकरणीय पहल है। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार-समाज-संध्या ‘अभेद अंग है। शासन के मंशानुरूप शिक्षा में सामुदायिक सहभागिता को लेकर शाला में प्रशिक्षण कार्यशाला सह सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। यह दो दिवसीय आयोजन में ‘शाला प्रबंधन समिति, पालक समिति व संख्या की भूमिका को अहम माना गया। बच्चों में पठन-पाठन के साथ-साथ खेलकूद, मानवीय मूल्य, धर्म, संस्कृति, वैचारिक सामंजस्यता पर दृष्टिपात हुआ। प्रशिक्षण के दौरान शाला में ठहराव मध्यान्ह भोजन, प्रिंटरिच वातावरण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, नैतिक शिक्षा, शा. प्र.समिति के अधिकार व कर्तव्य, ‘आत्मसुरक्षा, शाला अनुदान का उपयोग, पालको का कर्तव्यबोध, पंजी संधारण, आदि विविध विषयों पर अध्ययन के साथ कार्य सम्पादन हुआ।प्रधानपाठक आसिफ् रिजवी ने प्रथम दिवस शाला के भौतिक संबोधन के साथ-साथ शालेय कार्ययोजना के बारे में समिति को अवगत कराया। इस अवसर पर सभी पालको ने बच्चों के विकास के लिए सभासंभव मदद के हाल बढ़ाए। संकुल समन्वयक भेडिया ने उत्कृष्ट शाखा का दर्जा देते हुए (फलको ख) उत्कृष्ट शिक्षक रोहित ठाकुर, कीर्तन पटेल का सम्मान किया गया।
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- *बच्चो के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार-समाज-संध्या ‘अभेद अंग है….शिक्षा में सामुदायिक सहभागिता को लेकर हुई प्रशिक्षण कार्यशाला*