बालोद-जिला मुख्यालय में बढ़ते यातायात के दवाब को कम करने लिए शासन ने 10 करोड़ की लागत से पडकीभाट से पाररास तक 6 किमी बाईपास बनाया गया था लेकिन आज इस मात्र 6 वर्ष पुरानी सड़क मार्ग में आवागमन करना अब आसान काम नहीं है। सड़क पर उड़ रही धूल से लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। सड़कों पर बने गड्ढे से तो राहगीर पहले ही परेशान हो रहे थे, अब उड़ती धूल का भी सामना करना पड़ रहा है। इस मार्ग पर चलने वाले दुपहिया चालको को उड़ती धूल की गुब्बार का सामना करना पड़ रहा हैं। धूल का गुबार इतना रहता है कि लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है। इस मार्ग के नए सिरे से निर्माण की मांग राहगीर कर रहे हैं। यही हाल रहा तो लोग धूल से ही बीमार पड़ जाएंगे। दमा जैसी बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। इससे स्कूली बच्चे भी गुजरते हैं। हालांकि लोक निर्माण विभाग ने मरम्मत के लिए शासन को लगभग 2 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर भेजा है। अभी इसकी स्वीकृति नहीं मिली है।
उखड़ रही गिट्टी, जगह-जगह धंस रही सड़क
जिला मुख्यालय में बढ़ते यातायात दबाव को कम करने के लिए शासन ने 10 करोड़ की लागत से पड़कीभाट से पाररास तक 6 किमी बायपास मार्ग बनाया गया। इस मार्ग से बड़े मालवाहक वाहनों की आवाजाही हुई थी। गुणवत्ताहीन बनने की वजह से गिट्टियां उखडऩे लगी हैं। जगह-जगह धंसती जा रही है। कई जगहों पर पूरी सड़क ही गायब हो गई हैं,ऐसा लगता हैं मानो ऐ सड़क कोई कस्बे इलाके हैं।
मोड़ पर हुए ज्यादा गड्ढे
बालोद-बघमरा चौक के पास बायपास मोड़ में बड़ा गड्ढा हो गया है। इस जगह तो सड़क पूरी तरह से उखड़ गई है। इससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है। सड़क की दुर्दशा व दुर्घटना के खतरे को देखते हुए लोक निर्माण विभाग सड़क की मरम्मत करवा रहा है। जरूरत पूरे 6 किमी सड़क की मरम्मत की है।
पड़कीभाट से पाररास तक गड्ढे ही गड्ढे
बायपास सड़क का निर्माण नगर में यातायात का दबाव को कम करने के लिए किया गया। 6 साल पहले 12 करोड़ की लागत से निर्माण हुआ। सड़क निर्माण में लापरवाही के कारण मालवाहकों के वजन को ही सड़क नहीं सह पाई और टूटने लगी। वर्तमान में इस बायपास में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं।
सड़क की मरम्मत में ही खर्च कर दिए लाखों
बायपास सड़क का निर्माण 2016 में हुआ। निर्माण के कुछ माह तक ठीक रही। बाद में सड़क पहले साल में ही जवाब देने लगी। जैसे ही मार्ग से बड़ी वाहनों की आवाजही शुरू हुई तो पूरा मार्ग खराब हो गया। पड़कीभाट-पर्रेगुड़ा तक मार्ग ठीक है। लेकिन पर्रेगुड़ा से पाररास तक गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं। इन गड्ढों में कई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं।