देखे लाइव सूर्य ग्रहण
नई दिल्ली- साल का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण अब से कुछ देर पहले शुरू हो चुका है। यहआंशिक सूर्य ग्रहण है और सूर्यास्त के साथ ग्रहण भी खत्म हो जाएगा। यह सूर्य ग्रहण भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। भारत में ग्रहण होने से इसका सूतक काल मान्य रहेगा। ग्रहण का सूतक काल जारी है।
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण जारी…अमृतसर में सबसे पहले दिखा सूर्य ग्रहण
भारत में अमृतसर में सबसे पहले दिखा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण। आइसलैंड में भारतीय समय के अनुसार दोपहर 02 बजकर 29 मिनट से ग्रहण शुरू हो चुका है। शाम 4 बजकर 30 मिनट पर रूस में ग्रहण अपने चरम पर होगा और 6 बजकर 33 मिनट पर ग्रहण खत्म हो जाएगा। यह ग्रहण करीब 2 घंटे तक रहेगा। भारत के ज्यादतर हिस्सों में इस आंशिक सूर्य ग्रहण को देखा जा सकता है। सूर्यास्त के साथ ही ग्रहण खत्म हो जाएगा।
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सूर्य ग्रहण के दौरान जाप करने के मंत्र
सूर्य ग्रहण के दौरान लगातार जप करना चाहिए इन मंत्रों को…
1- “ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य:प्रचोदयात”
2- तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥
3- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये
4- प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:॥
5- ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय
जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।
6- विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिका नन्दना च्युत
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥
आज सूर्य ग्रहण के कारण कल होगी गोवर्धन पूजा और भाई दूज
इस बार दिवाली के बाद सूर्य ग्रहण पड़ने के कारण गोवर्धन पूजा नहीं मनाई जा सके। अब 26 अक्तूबर को गोवर्धन पूजा और भाई दूज दोनों ही एक साथ मनाई जाएगी। इसके बाद 8 नवंबर को साल का आखिरी चंद्रग्रहण होगा।
ग्रहण के दौरान खाने-पीने की चीजों में क्यों रखते हैं तुलसी के पत्ते
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान सभी तरह के खाने-पीने की चीजें अपवित्र हो जाती हैं। इस कारण से खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दिए जाते हैं ताकि सूर्य ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव न पड़े। ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक और दूषित किरणें फैली हुई होती हैं जो सेहत के लिए हानिकारक मानी गई हैं। आयुर्वेद में तुलसी के पत्तों का बहुत ही महत्व होता है। तुलसी के पत्ते संजीवनी होते हैं। तुलसी में एंटी-बैक्टीरिया और आयरन तत्व बहुत होते हैं। इसका सेवन करने से व्यक्ति की इम्युनिटी बढ़ती है।
दिल्ली NCR और उत्तर भारत के शहरों में इस समय शुरू होगा सूर्य ग्रहण
लोगों को दिवाली के बाद साल 2022 के आखिरी सूर्य ग्रहण का इंतजार था। आइए जानते हैं दिल्ली समेत देश के उत्तरी हिस्सें में कितने बजे से शुरू हुआ.
दिल्ली- शाम 4 बजकर 29 मिनट से शाम 5 बजकर 42 मिनट तक
अमृतसर- शाम 4 बजकर 19 मिनट से 5 बजकर 48 मिनट तक
भोपाल- शाम 4 बजकर 49 मिनट से 5 बजकर 46 मिनट तक
लखनऊ – शाम 4 बजकर 36 मिनट से 5 बजकर 29 मिनट तक
देहरादून- शाम 4 बजकर 26 मिनट से 5 बजकर 36 मिनट तक
शिमला- शाम 4 बजकर 23 मिनट से 5 बजकर 39 मिनट तक
सूतक में क्यों नहीं होती भगवान की पूजा ?
अब से बस थोड़ी देर बाद आंशिक सूर्य ग्रहण लगने वाला है। यह साल का आखिरी सूर्य ग्रहण है, उसके पहले आज तड़के ही सूतक काल शुरू हो चुका है। शास्त्रों में सूतक लगने पर किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ग्रहण के दौरान सूतक लगने पर भगवान की पूजा-पाठ करना भी वर्जित होता है। दरअसल शास्त्रों में सू्र्य और चंद्रमा को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है। ग्रहण के दौरान राहु-केतु सू्र्य और चंद्रमा को कुछ देर के लिए अपना ग्रास बना लेते हैं ऐसे में कुछ पलों के लिए राहु-केतु जैसे अशुभ ग्रह इन पर भारी रहते हैं। भगवान को कष्ट आने पर इसलिए उनकी पूजा नहीं की जाती क्योंकि ग्रहण के दौरान जब साधक भगवान की प्रार्थना करता है तो देवी-देवताओं को कष्ट में जागृति होना पड़ता है। इस कारण से ग्रहण के दौरान कष्ट को कम करने के लिए लगातार मंत्रों का जाप होता है।