बालोद-बालोद जिले सहित ग्रामीण अंचलो में मवेशी तस्करों की चांदी कट रही है। धड़ेल्ले से मवेशियों की तस्करी हो रही है। वाहनों में मवेशियों को भरकर महाराष्ट्र भेजा जा रहा है। यह काम क्षेत्र में लंबे समय से चल रहा है। इसके बाद भी तस्करों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है। पुलिस तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय हाथ में हाथ धरी बैठी हुई है। जिसके चलते तस्करों के हौसले बुलंद है। तस्करी पर अंकुश लगाने पुलिस के अधिकारी विफल साबित हो रहे। गौसेवकों ने शुक्रवार की रात को ग्राम सोहपुर व चिरकारी के पास 85 पशुओं से लदी दो ट्रको को पकड़ा। ट्रक चालक गाड़ी को तेज चलाने के कारण 7 मवेशयो की मौत हो गई। इस दौरान गौसेवकों ने पशु तस्करों को गुरुर पुलिस के हवाले किया। वही गुरुर थाना प्रभारी ने एक ट्रक खाली होने और उसमें चार लोग सवार थे जिसे 151 के तहत गिरफ्तार करने व दूसरे ट्रक में मवेशी भरे थे इसमें दो लोग सवार थे जो फरार होने का हवाला दिया जा रहा हैं। वही गौसेवकों का कहना हैं कि एक ट्रक में मवेशी से भरा हुआ था और दूसरे ट्रक में मवेशी भरने की तैयारी की जा रही थी । हालांकि पुलिस ने फरार दो लोगो के खिलाफ छग कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया हैं।
बालोद के गौसेवकों व ग्रामीणों की पहल पर मवेशियो से भरी ट्रक को पकड़ा
पशु तस्करों ने करहीभदर के मुजगहन से मवेशयो को ट्रक में भर कर ले जाने की सूचना पर मिलने पर बालोद के गौसेवकों ने मुजगहन से ट्रक को पकड़ने के लिए निकले थे इस दौरान पशु तस्करों ने ट्रक को तेज रफ्तार से चलाए ।जिसका गौसेवकों ने ट्रक का पीछा किया । जिससे घबराकर पशु तस्करों ने ट्रक को तेज रफ्तार से फगाते हुए सोहपुर में आगे रास्ते नही मिलने से सोहपुर में ट्रक को खड़ी कर फरार हो गए। इस बीच ग्रामीणों व बालोद के गौसेवकों ने ट्रक को पकड़ा।
लंपी वायरस के बाद भी करहीभदर के मवेशी बाजार में मवेशयो की चल रही हैं खरीदी बिक्री
प्रदेश सरकार ने लंपी वायरस के खतरा को देखते हुए जिले में मवेशी बाजार को प्रतिबंध लगाया हैं लेकिन शासन प्रशासन के आदेश को दरकिनार कर करहीभदर में मवेशी बाजार में मवेशयो की खरीदी बिक्री धड़ल्ले से किया जा रहा हैं। वही मवेशयो को पशु तस्करों को बेचा जा रहाहैं। वाहनों में मवेशियों को भरकर महाराष्ट्र भेजा जा रहा है। यह काम क्षेत्र में लंबे समय से चल रहा है। इसके बाद भी तस्करों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है। पुलिस तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय हाथ में हाथ धरी बैठी हुई है। जिसके चलते तस्करों के हौसले बुलंद है। तस्करी पर अंकुश लगाने पुलिस के अधिकारी विफल साबित हो रही हैं।