बालोद- सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता और 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की मांग को लेकर कर्मचारी संगठनों की हड़ताल शुक्रवार को पाचवे दिन भी जारी रही। हड़ताल की वजह से शुक्रवार को भी सारे दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा और कामकाज बिल्कुल ठप रहा। नामांतरण सहित अन्य मामलों में तहसीलों में होने वाली सुनवाई आगे के लिए टाल दी गई। समस्त विभागों के साथ ही जिला न्यायालय और राजस्व न्यायालय में भी कार्य ठप रहे। बता दे कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर हड़ताल की जा रही है।
जिला न्यायालय व राजस्व न्यायालय में भी काम बंद
हड़ताल में जिला और राजस्व न्यायालयों के कर्मचारी भी शामिल हैं। जिला न्यायालयों में काम बंद रहा। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी।nहालात यह है कि दफ्तरों में सन्नाटा है और जनता अपने काम के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रही है। जिले के अस्पतालों में टीकारण से लेकर हर तरह की जांच सेवा भी प्रभावित हो चुकी है। स्कूलों में शिक्षक गायब है तो बच्चों की उपस्थिति भी कम हो चुकी है। फेडरेशन अब आरपार की लड़ाई के लिए तैयार है । वही छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ हड़ताल के विरोध में उतर आया है।
आम-आदमी परेशान
हड़ताल से सबसे ज्यादा परेशानी आम लोगों को हो रही है। पंजीयन कार्यालय बंद होने की वजह से जमीन की खरीदी-बिक्री ठप पड़ गई है। तहसील, राजस्व के मामले भी लंबित हो गए हैं। अन्य विभागों में जरूरी कागजात नहीं बन पा रहे हैं।
दो फाड़ होने के बाद भी असर
अधिकारी-कर्मचारियों के संगठनों के दो फाड़ होने के बाद भी कार्यालयों में हड़ताल का असर देखा जा रहा है। शिक्षकों के संगठन ने हड़ताल को समर्थन नहीं दिया है फिर भी कई स्कूलों में तालेबंदी की स्थिति आ रही है। ब्लाक से लेकर जिला मुख्यालयों के अन्य विभागों में असर दिखाई दे रहा है।