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*जिले के सिर्फ 3 विकासखंडों में सरपंचसंघ का आंदोलन हुआ प्रारंभ…. लेकिन इस आंदोलन को जिला सरपंच संघ का नही मिला समर्थन…मामले पर क्या कहते है जिलाध्यक्ष… पढ़े पूरी खबर*

बालोद-मानदेय, पेंशन, कार्य एजेंसी, सरपंच निधि, 15वां वित्त आयोग अनुदान राशि सहित 13 सूत्रीय मांगों को लेकर बालोद ब्लाक सरपँच संध ने गुरुवार को नया बस स्टैंड के टेक्सी स्टैंड में धरना प्रदर्शन कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। पंचायत स्तर से जुड़े किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। सरपंचों की मांग है कि 50 लाख रुपए तक के सभी कार्यों के लिए एजेंसी पंचायत को बनाया जाना चाहिए।

13 सूत्रीय मांगे

सरपंच संघ बालोद के अध्यक्ष अरुण साहू ने बताया कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरपंच संघर्ष कर रहे हैं। शासन प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन मांगों में प्रमुख रूप से सरपंच एवं पंचों को मानदेय राशि में वृद्धि की मांग शामिल है। जिसमें मांग की गई है कि सरपंचों को 20,000 और पंचों को 5000 मानदेय दिया जाए। सरपंचों ने ज्ञापन में पीड़ा बताई है कि हाल ही में भूपेश सरकार ने मानदेय वृद्धि करते हुए सरपंचों को 2000 की जगह 4000 और पंचों को 200 की जगह 500 देने की घोषणा की थी। लेकिन एक सरपंच के लिए उक्त मानदेय सम्मानजनक नहीं है। महंगाई चरम सीमा पर है। सरपंच गरीब मजदूर किसान वर्ग के भी होते हैं जो अपने गांव के काम हित के लिए 5 से 25 किलोमीटर दूर जनपद, तहसील, जिला दफ्तर आते जाते हैं। एक सरपंच का खर्चा प्रतिदिन कम से कम ₹500 तो महीने में 15000 होता है। और मात्र 4000 में फिर परिवार भी चलाना पड़ता है। जिसे देखते हुए मानदेय बढ़ाने की मांग की जा रही है। सरपंचों को पेंशन देने की मांग प्रमुख है ताकि उन्हें बुढ़ापे की चिंता ना हो। सरपंचों को आजीवन 10000 रुपए पेंशन देने की मांग की जा रही है। 50 लाख राशि तक के सभी कार्य में एजेंसी पंचायत को ही बनाने की भी मांग है। साथ ही सरपंच निधि के रूप में राज्य सरकार के द्वारा प्रत्येक पंचायत को 10 लाख दिया जाना चाहिए। नक्सली क्षेत्रों में सरपंचों को मारे जाने पर आर्थिक सहयोग और परिवार के सदस्य को नौकरी दिया जाना चाहिए। 15 वा वित्त आयोग अनुदान राशि का आवंटन समान रूप से मिलना चाहिए. 15 वे वित्त आयोग की राशि को अन्य योजनाओं के निर्माण कार्य में अभिसरण नहीं किया जाना चाहिए। नरेगा सामग्री राशि हर 3 महीने में भुगतान होना चाहिए। नरेगा निर्माण कार्य प्रारंभ करने के लिए 40% अग्रिम राशि प्रदान किया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ सरपंचों के कार्यकाल को 2 वर्ष और बढ़ाया जाना चाहिए। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि कोरोना के चलते सरपंच कार्य नहीं कर पाए हैं। प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण का लाभ दिया जाना चाहिए। 3 वर्षों से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण गरीबों को आवास दिया जाता था वह बंद है। जिससे हितग्राही बेघर होकर जीवन यापन कर रहे हैं। योजना की राशि डेढ़ लाख से बढ़ाकर 2 लाख किया जाए। क्योंकि निर्माण सामग्री की मूल्य में भी वृद्धि हो गई है।

जिलाध्यक्ष का नही है समर्थन 

बालोद जिले के महज 3 ब्लाक मुख्यालयों में जारी सरपंच संघ के इस आंदोलन में सरपंच संघ भी बटा नजर आया पूरे मामले में 13 सूत्रीय मांगों को लेकर सरपंच संघ अब तक जिले के सिर्फ 3 ब्लाक मुख्यालयों में अपने प्रदर्शन को प्रारंभ कर पाए है वही मामले में सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष लेखक चतुर्वेदी से इस आन्दोलन को  लेकर चर्चा किये जाने पर जिलाध्यक्ष ने बताया कि यह आंदोलन ब्लाक सरपंच संघ द्वारा किया जा रहा है इसके लिए प्रदेश नेतृत्व से भी उन्हें  कोई पत्र प्राप्त नही हुआ है वही जिले के 3 ब्लाक मुख्यालयों में जारी धरने पर इसे ब्लाक का मामला बताते हुए इस आंदोलन पर उनके द्वारा किसी भी तरह का कोई समर्थन नही दिए जाने की बात कहते नजर आए तथा आगे यदि किसी भी तरह का समर्थन दिए जाने पर उनके द्वारा इसकी जानकारी देने की बात कही गई जिलाध्यक्ष के इस बयान के बाद अब यह आंदोलन भी सवालों के घेरे में है निश्चित सरपंचो द्वारा किये जाने वाला मांग सभी पंचायत प्रतिनिधियों के लिए है और निश्चित इस आंदोलन के माध्यम से की जाने वाली 13 सूत्रीय मांगों में से अधिकांशतः मांग सभी पंचायतों पर लागू होता है लेकिन इसके बाद भी इस आंदोलन में जिले भर या कहे प्रदेशभर के सरपंच एकजुट क्यो नही हो पाए यह बड़ा सवाल है।

बालोद बस स्टैंड जारी सरपंच संघ के इस अनिश्चितकालीन हड़ताल में प्रमुख रूप से अध्यक्ष अरुण साहू उपाध्यक्ष मनीष गांधी संरक्षक दिनेश सिन्हा, श्रीमती फलेश्वरी तांडव , लीलाराम डडसेना, खिलावन साहू ,शिवराम ठाकुर गिरीश कुमार निर्मलकर गजेंद्र यादव गजेंद्र ठाकुर मिथलेश्वरी भुआर्य चित्रलेखा कुलेश्वरी ठाकुर मीडिया प्रभारी दानेश्वर सिन्हा एवं ब्लाक सरपंच संघ बालोद के पदाधिकारी शामिल रहे।

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