बालोद- भाई-बहन का सबसे बड़ा त्योहार रक्षाबंधन 11 अगस्त को है, लेकिन इस बार भी कोरोना गाइडलाइन के तहत बालोद उप जेल में रक्षाबंधन पर किसी भी तरह का आयोजन नहीं किया जाएगा। न तो बहनें अपने भाइयों से मिल पाएंगी और न ही राखी बांध सकेंगी।उप जेल में इस बार भी रक्षाबंधन का पर्व कोरोना गाइडलाइन के तहत मनाया जाएगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए जेल मुख्यालय ने पिछले दो साल की तरह इस बार भी रक्षाबंधन पर्व का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया है। लिहाजा बहनों के राखी को लेकर सैनिटाइज कर कैदी भाइयों तक पहुचाया जाएगा। वहीं वीडियो कालिंग के जरिए बहने अपने कैदी भाइयो से बात कर सकते है।
इस बार फिर कैदी भाइयों को राखी नहीं बांध सकेंगी बहनें
बता दे कि बालोद के उप जेल मे सैकड़ो पुरुष कैदी-बंदी हैं। यह तीसरा साल होगा, जब जेल परिसर रक्षाबंधन में राखी बांधने का कार्यक्रम नहीं होगा। जेल परिसर में जेल पुलिस महिलाओं से राखी को पूरी तरह सैनिटाइज कर बंदियों को तक पहुंचाया जाएगा।
महिलाओं से राखी लेकर कैदी भाइयो तक पहुँचाएगी जेल प्रबंधन
गौरतलब है कि रक्षाबंधन के अवसर कैदियों को राखी बांधने के लिए हर साल जेल प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्था की जाती है। जिसमे दूरदराज की बहने अपने कैदी भाइयो से मेल मुलाकात कर और आपस मे सुख दुख को बाटकर अपने भाइयों की कलाई में राखी बाधते थे और लंबी उम्र की कामना करते थे। लेकिन इस बार भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए जेल में कोई आयोजन नही होगा, बहने कैदी भाइयो की केवल लिफाफा से राखी भेजवा सकती है, लेकिन जेल में कैदियों के लिए खाद्य सामग्रियों को लाने के लिए प्रतिबंध लगाया हैं, इसके कारण राखी के साथ मिठाई नही लिया जाएगा।
सुरक्षा को देखते हुए लिया गया फैसला
उप जेल बालोद के प्रभारी शोभा रानी ने बताया कि जेल मुख्यालय ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस बार भी जेल परिसर में रक्षाबंधन पर्व नहीं मनाने का आदेश जारी किया है। कैदियों के बहनों के लिए जेल परिसर में राखी को लिया जाएगा । जेल परिसर में जेल पुलिस महिलाओं से राखी को लेकर पूरी तरह से सैनिटाइज कर बंदियों तक पहुँचाया जाएगा। इसके अलावा बात करने के लिए वीडियो कालिंग भी करवाई जाएगी।