बालोद- प्रदेश की कला-संस्कृति, परंपराओं और त्योहारों से युवाओं को अवगत कराने के लिए गुरुवार को छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने जबर हरेली रैली गाजे बाजे ,डीजे साउंड व आतिशबाजी के साथ निकाली गई। लुप्त हो रही संस्कृति को बचाने के लिए लोगों को जागरूक करना भी इस रैली का उद्देश्य था। लगभग 5 किलो मीटर की इस रैली की शुरुआत कृषि औजार और नांगर बखर की पूजा के बाद की गई। सजी बैलगाडिय़ां, बस्तरिहा नृत्य, वनांचल का गेंडी नृत्य, पंथी और राउत नाचा और छत्तीसगढ़ महतारी की झांकी इसके मुख्य आकर्षण थे।
छतीसगड़िया संस्क्रति की झलक
सैंकड़ों लोगों की मौजूदगी में यह रैली बेहद खास बन गई। रैली जिस रास्ते से गुजरी लोगों की निगाह वहीं ठहर गईं। रंग-बिरंगे कपड़ों से छत्तीसगढिय़ा संस्कृति की झलक देखने को मिली। यह रैली सरदार पटेल मैदान से शुरू होकर दल्ली तिराहे चौक, नया बस स्टैंड,गंगासागर तलाबपार , जय स्तंभ चौक, दुर्ग-राजनांदगांव मार्ग, मधु चौक, हलवर नाथ योगी चौक, सदर रोड, पुराना बस स्टैंड, घड़ी चौक से होते हुए सरदार पटेल मैदान में समाप्त हुई। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के जिला संयोजक शशी भूषण चंद्राकर, शहर अध्यक्ष ललित कांवरे, सचिव दिनेश देशमुख, उपाध्यक्ष टेकराम साहू आदि शामिल रहे।
धरती को हरा भरा रखने का संदेश दे रही हैं जबर हरेली
धरती को हरा-भरा रखने का संदेश जबर हरेली रैली की शुरुआत सरदार पटेल मैदान से हुई। रैली में बड़ी संख्या में शहर व ग्रामीण क्षेत्र के लोग शामिल हुए। रैली के माध्यम से किसाानों की खुशहाली की कामना और धरती को हरा-भरा रखने का संदेश दिया गया। इस रैली में शामिल होने जिले के कोने-कोने से लोग पहुंचे। डंडा नृत्य दल, मांदरी, सुवा नृत्य और राउतनाचा भी खास था। रैली लोगों का ध्यान खींचकर प्रदेश की कला-सांस्कृति से वाकिफ करा रही थी।